एमिटी इंटरनेशनल लिटेचर फेस्टीवल के अंर्तगत परिचर्चा सत्र एवं काव्य प्रतियोगिता का आयोजन






नोयडा:16अक्टूबर(हि. वार्ता)

एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों के कौशल को विकसित करने के लिए प्रदान किये जा रहे त्रिदिवसीय एमिटी इंटरनेशल लिटेचर फेस्टीवल 2020 के मंच के अंर्तगत आज द्वितीय दिन विभिन्न परिचर्चा सत्र एंव साहित्यिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। त्रिदिवसीय फेस्टीवल में आयोजित विभिन्न 15 प्रतियोगिताओं में विश्व के विभिन्न संस्थानों से लगभग 4000 से अधिक छात्र हिस्सा ले रहे है और परिचर्चा सत्र में 40 से अधिक विशेषज्ञ अपने विचार व्यक्त कर रहे है। प्रतियोगिता में विजयी छात्रों के नामों की घोषणा एमिटी इंटरनेशल लिटेचर फेस्टीवल 2020 अंतिम दिन अक्टूबर 17 को समापन समारोह में की जायेगी।


त्रिदिवसीय एमिटी इंटरनेशल लिटेचर फेस्टीवल 2020 के अंर्तगत एमिटी स्कूल आॅफ फिल्म एंड ड्रामा द्वारा ‘‘ ग्रीक थियेटर से और नाट्यशास्त्र से शोले’’ पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया। इसमें द्रोहकाल, गुलाम आदि फिल्मों के प्रख्यात पटकथा लेखक श्री अंजुम राजाबली, राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित गीतकार श्री स्वानंद किरकिरे, लघु फिल्म निर्माता सुश्री आरती कदव ने अपने विचार रखे। इस परिचर्चा सत्र में एमिटी स्कूल आॅफ फिल्म एंड ड्रामा की चेयरपरसन श्रीमती पूजा चौहान  ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम का संचालन एमिटी स्कूल आॅफ फिल्म एंड ड्रामा के प्रमुख श्री सोमनाथ सेन द्वारा किया गया।


परिचर्चा को संबोधित करते हुए प्रख्यात पटकथा लेखक श्री अंजुम राजाबली ने कहा कि साहित्य जीवन को अर्थ प्रदान करता है जो हमारे जीवन को पोषित करता है और हमारा मार्गदर्शन भी करता है। सिनेमा एक बहुमाध्यम है जो विभिन्न तकनीकी के माध्यम से आपके सामने प्रदर्शित होता है।


राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित गीतकार श्री स्वानंद किरकिरे ने संबोधित करते हुए कहा कि साहित्य, मानवता के विकास के लिए होता है। फिल्म निर्माता सदैव साहित्य की ओर आकर्षित होते है। छात्रों द्वारा पूछे गये सवाल पुस्तक पढ़ना और उस पर बनी फिल्म देखने पर समानता नही दिखती का जवाब देते हुए कहा कि अगर आप पहले किताब पढ़़े और फिल्म देखें या फिल्म देख कर किताब पढ़े तो दोनो के मध्य अंतर महसूस होगा। आप चाहे पढ़े या देखें आपका प्रथम किया गया कार्य आपके मस्तिष्क पर छाप छोड़ता है। उन्होनें कहा कि दोनो के मध्य समय का अंतर है आप पुस्तक पढ़ते हुए रूक जाते है अन्य कार्य करते है और फिर पढ़ते है और इसके बाद फिर पुस्तक पढ़़ते है किंतु सिनेमा में तय समय में फिल्म समाप्त हो जाती है। अन्य सवालो ंके जवाब देते हुए श्री किरकिरे ने कहा कि हम गीत गाने वाले एंव नृत्य करने वाले सांस्कृतिक समाज से है हमारे कविताओं एंव गीत, साहित्य का भाग रही है और उसका असर सिनेमा पर भी है। सभी गीत कहानी का एकीकृत भाग होते है।


लघु फिल्म निर्माता सुश्री आरती कदव ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि साहित्य अभिव्यक्ती का माध्यम है। उन्होनें कहा कि लघु फिल्में सीखने का बेहतरीन स़्त्रोत है और चाहे आप लघु फिल्में बनाये या फिचर फिल्म प्रक्रिया काफी हद तक एक है अंतर केवल समय का है। इस अवसर पर उन्होनें छात्रों के फिल्म निर्माण संबधी सवालों का जवाब भी दिया।


एमिटी स्कूल आॅफ फिल्म एंड ड्रामा की चेयरपरसन श्रीमती पूजा चौहान ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि साहित्य हमारे समाज, देश एंव व्यक्तित्व का अभिन्न हिस्सा है और ध्यान से देखे तो पायेगें कि साहित्य हमारी दिनचर्या से जुड़ा है। फिल्म निर्माण के विभिन्न क्षेत्र भी साहित्य को आधार बना कर कार्य करते है इसलिए एमिटी इंटरनेशल लिटेचर फेस्टीवल 2020 के मंच पर एमिटी स्कूल आॅफ फिल्म एंड ड्रामा के छात्रों को यह जानकारी होना आवश्यक थी कि कैसे साहित्य एंव फिल्म आपस में जुड़े हुए है। अतिथियों द्वारा दी गई जानकारी ने छात्रों सहित हम सभी को प्रभावित किया है।


एमिटी इंटरनेशल लिटेचर फेस्टीवल 2020 के अंर्तगत आज कविता पाठ प्रतियोगिता ‘‘काव्य संगम’’ के फाइनल रांउड का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों को 10 शब्द प्रदान किये गये और उनमें से कम से कम 07 शब्दों को उपयोग करते हुए छात्रों को मौलिक काव्य पाठ करना था।  इस फाइनल रांउड में पूरे विश्व सें 30 प्रतिभागीयों का चयन किया गया। इस अवसर पर प्रख्यात कवि श्री संदीप द्विवेदी एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के डा काश्माशंकर पांडेय निर्णायक मंडल में शामिल थे।


इस अवसर पर कहानी लेखन एंव कहानी सुनाने की प्रतियोगिता ‘‘ पन्ने पलटने का पहला एहसास’’ के फाइनल रांउड का आयोजन भी किया गया। इस अवसर हर प्रतिभागी को अपने विचारों का व्यक्त करने के लिए तीन मिनट का समय दिया गया। इस प्रतियोगिता में प्रख्यात कावियत्री श्रीमती रूपम शर्मा निर्णायक मंडल में शामिल थी। कार्यक्रम का संचालन एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ एजुकेशन की डा महिमा गुप्ता द्वारा किया गया।


      एमिटी इंटरनेशल लिटेचर फेस्टीवल 2020 के अंर्तगत कई अन्य प्रतियोगिताओं एंव कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।

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