एमिटी विश्वविद्यालय में गांधी जयंती एंव स्वच्छ भारत अभियान पर आॅनलाइन वेबिनार एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन





नोयडा :2अक्टूबर ,महात्मा गांधी की 151 जयंती पर उनके प्रति सम्मान को व्यक्त करते हुए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छ भारत अभियान में अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए छात्रों को जागरूक करने के लिए आज एमिटी विश्वविद्यालय में विभिन्न विषय जैसे शिक्षण परिसर द्वारा स्वच्छता मिशन में पहल, जीवन में शांती की शिक्षा का महत्व, अपशिष्ठ प्रबंधन द्वारा स्वच्छ भारत अभियान आदि विषयों पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आत्मनिर्भर भारत: पूर्णत स्वतन्त्र भारत और महात्मा गाॅंधी जी के विचारों का मानवता के विकास में योगदान विषय पर निबंध प्रतियोगिता और स्वच्छ भारत अभियान: एक दिशा परिवर्तन पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वच्छता स्वास्थय के लिए वरदान है विषय पर स्लोगन लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान एंव एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के चांसलर डा अतुल चौहान द्वारा गांधी जयंती के अवसर पर सभी छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को बधाई दी गई और कहा कि गांधी जी के विचार आज भी प्रासंगिक है और हम सभी को उनके दिखाये मार्ग का अनुसरण करना चाहिए।


एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी आॅफ मैनजमेंट स्टडीज द्वारा छात्रों को विभिन्न शिक्षण संस्थानों द्वारा स्वच्छ कैपस निर्माण की दिशा में किये जा रहे पहल की जानकारी प्रदान करने के लिए ‘‘ स्वच्छता कैंपस पहल एंव बेहतरीन अभ्यास’’ पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में इंदिरा गांधी ओपन नेशनल विश्वविद्यालय की प्रो नीरा कपूर, राजस्थान विश्वविद्यालय के इकोनाॅमिक  एंव फाइनेंशियल मैनजमेंट प्रो एन के शर्मा एंव एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला एंव एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी आॅफ मैनजमेंट स्टडीज के डीन डा संजीव बसंल ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन एमिटी स्कूल आॅफ बिजनेस के निदेशक डा जे के शर्मा द्वारा किया गया।


इंदिरा गांधी ओपन नेशनल विश्वविद्यालय की प्रो नीरा कपूर ने अपने विचारों को साझा करते हुए कहा कि स्वच्छता कैपस मे तभी संभव है जब हर व्यक्ति चाहे छात्र हो शिक्षक हो सभी की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। कैंपस से जुड़े सभी लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। उन्होनें कैंपस में एमसीडी की सहायता से जीरो ब्रिडिंग मास्कीटो फ्री कैंपस कार्यक्रम का संचालन किया जिसमें छा़त्रों, शोधार्थियों सहित सफाई कर्मचरियों की भागीदारी सुनिश्चित की। इसके अतिरिक्त जागरूकता अभियान, एनजीओ द्वारा कपड़े और जूट बैग का वितरण, सम्मेलन में प्लास्टिक की बजाय कांच की बोतल एंव पेपर कप का उपयोग आदि पहल के बारे में बताया। प्रो कपूर ने कहा कि छात्रों के लिए पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, अपशिष्ठ प्रबंधन पर जागरूकता कार्यक्रम का संचालन किया गया।  हमारे कैंपस में छात्रों को प्राकृतिक स्त्रोत जैसे जल एंव विद्युत का कम उपयोग करने के महत्व के बारे में भी बताया जाता है। उन्होनें छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि आगे आये और इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायें लोगों को जागरूक करें।


राजस्थान विश्वविद्यालय के इकोनाॅमिक एंव फाइनेंशियल मैनजमेंट प्रो एन के शर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने सदैव स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया और लोगों को जागरूक करते रहे। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाये गये स्वच्छता मिशन का द्वितीय चरण प्रारंभ हो रहा है। स्वच्छता को एक आंदोलन के तौर पर लेते हुए हर व्यक्ति को हर स्तर पर स्वच्छता को अपनाना चाहिए। उन्होने राजस्थान विश्वविद्यालय में एनएसएस स्वंयसेवकों द्वारा संचालित किये गये स्वच्छता अभियान के संर्दभ में जानकारी प्रदान की।


एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला ने अतिथियों को संबोधित करते हुए कहा कि एमिटी विश्वविद्यालय में स्वच्छता अभियान के प्रति छात्रों को जागरूक करते हुए उन्हें अभ्यास को जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया जाता है। संस्थानों द्वारा स्वच्छ कैंपस की दिशा में अपनाये जा रहे अभ्यासों को जानना और उनको अपनाना ही इस वेबिनार का उददेश्य है। हमें केवल अपने कैंपस को स्वच्छ नही बनाना है बल्कि स्थानीय प्रशासन के साथ विश्वविद्यालय के आस पास के लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक भी करना चाहिए। इस अवसर पर फैकल्टी आॅफ मैनजमेंट स्टडीज के डीन डा संजीव बसंल एंव एमिटी विश्वविद्यालय के डा आर एस राय ने अपने विचार व्यक्त किये।


एमिटी विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के अंर्तगत एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ एयरोस्पेस इंजिनियरिंग द्वारा ‘‘ जीवन में शांती की शिक्षा का महत्व ’’ विषय पर व्याख्यान सत्र  का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान सत्र में द प्रेम रावत फाउंडेशन की पीस एजुकेशन प्रोग्राम कोआर्डीनेटर सुश्री पूनम शेरावत ने छात्रों को व्याख्यान दिया। सुश्री सेहरावत ने कहा कि बिना आपसी प्रेम के शांती संभव नही है। हममें से कई यह भूल चुके है कि हमें जीवन में शंाती की कितनी आवश्यकता है। विश्व शांती के लिए हर व्यक्ति के अदंर आंतरिक शांती का होना आवश्यक है। उन्होनें कहा कि शांती के लिए हमें कृतज्ञता, आत्म मथंन, समझ, गरिमा पूर्ण जीवन, सही चुनाव, जीवन के प्रति आशावादिता सहित संतोष को समझना होगा। इस दौरान उन्होनें द प्रेम रावत फाउंडेशन के संर्दभ में विस्तृत जानकारी देते हुए छात्रों को कई विडियो भी दिखाये। सुश्री शेरावत ने कहा कि शांती के लिए हर किसी से निस्वार्थ प्रेम होना आवश्यक है। इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ एयरोस्पेस इंजिनियरिंग के निदेशक डा संजय सिंह ने सुश्री शेरावत का स्वागत किया।


एमिटी विश्वविद्यालय में आयोजित एक अन्य वेबिनार के अर्तंगत सेंट्रल रोड रिर्सच इंस्टीटयूट की पूर्व कार्यकारी निदेशिका एंव वरिष्ठ वैज्ञानिक डा अनुराधा शुक्ला ने ‘‘ रोड ट्रैफिक से वायु प्रदूषण और उसका स्वास्थय पर दुष्प्रभाव’’ पर व्याख्यान देते हुए कहा कि बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकरण और शहरीकरण ने आमदनी के साथ वाहन मालिकों की संख्या में भी इजाफा कर दिया है और जिसके परिणामस्वरूप ट्रैफिक और वायु प्रदूषण भी बढ़ा है। उन्होनें कहा कि वर्तमान शहरी परिवहन परिक्षेत्र स्थायी नही है और इससे वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। उन्होनें कहा कि रोड से उड़ने वाली धूल ट्रैफिक की क्षमता एंव वाहनों की गती पर आधारित होती है। वैश्विक शोध के अनुसार 90 प्रतिशत जनसंख्या अस्वस्थकारी हवा ले रही है और 70 प्रतिशत भारतीय शहर राष्ट्रीय हवा गुणवत्ता के स्तर को प्राप्त नही करते। उन्होनें कहा कि हमें हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए निजी वाहनों की बजाय पब्लिक वाहनों के उपयोग के चलन को अपनाना होगा।


इसके अतिरिक्त एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ एनवांयरमेंट सांइस द्वारा ‘‘ अपशिष्ठ प्रबंधन’’ विषय पर परिचर्चा सत्र का आयोजन भी किया गया। इस परिचर्चा सत्र में पर्यावरण एंव अपशिष्ट प्रबंधन की सलाहकार डा लक्ष्मी रघुपती, समकिटेक रिर्सोसेस के अध्यक्ष एंव सीईओ श्री एस संपथ और गु्रप एडिशनल प्रो वाइस चांसलर डा तनु जिंदल ने अपने विचार व्यक्त किये।


इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय में कई अन्य कार्यक्रम, वेबिनार एंव चर्चा सत्र का आयोजन विभिन्न संस्थानों द्वारा किया गया।