आगरा वार्ता




पटाखे चलाने को लेकर जमकर हुई पत्थरबाजी।


- क्षेत्र मची अफरा-तफरी लोगों ने घरों में छुपकर बचाई जान।

- थाना सदर के गोपालपुरा का है मामला।

आगरा।(प्रवीन शर्मा )

 दिवाली पर इस बार  प्रदूषण बढ़ने के कारण पटाखे चलाने और बेचने पर प्रतिबंध लगा था। इसके बावजूद कुछ लोग पटाखे चला रहे थे। सदर के न्यू गोपालपुरा में शनिवार रात तकरीबन 11 बजे आकाश वाल्मीकि पुत्र अनिल, शिवम, राहुल सड़क पर पटाखे चला रहे थे। इस पर विक्की उर्फ विजय पुत्र सुरेश और राहुल आदि ने विरोध किया। इस बात पर उनमें विवाद हो गया। दोनों पक्षों में मारपीट होने लगी। यह देखकर दोनों गुट के परिवार के लोग आ गए। उनमें मारपीट के बाद पथराव होने लगा। तकरीबन 15 मिनट तक दोनों ओर से ईंट पत्थर फेंके। इससे क्षेत्र में अफरातफरी मच गई। लोगों ने किसी तरह घरों में छिपकर खुद को बचाया। सूचना पर पुलिस पहुंच गई। सीओ सदर महेश कुमार ने बताया कि आरोपी विक्की, राहुल, आकाश, शिवम और राहुल को गिरफ्तार किया है। पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज कराया है। 


उधर न्यू गोपालपुरा में ही वाल्मीकि और जाटव पक्ष में पटाखे चलाने को लेकर विवाद के बाद मारपीट हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सात लोगों को पकड़ लिया। इनमें अभिषेक, सौरभ कुमार, गौरव कुमार, रजत कुमार, रोहित, प्रिंस कुमार विशाल हैं। सीओ सदर महेश कुमार ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई की गई है। क्षेत्र में पुलिस तैनात की गई है।



ताज की ऑनलाइन टिकटों की कालाबाजारी में साइबर कैफ़े संचालक गिरफ्तार।


- थाना ताजगंज के सामने ही चला रहा था दुकान।

- पुलिस को नहीं लगी भनक

- थाना पर्यटन पुलिस ने पकड़ा।

 

 आगरा। आगरा ब्यूरो..

ताजमहल की ऑनलाइन टिकटों को बेचने के आरोप में पुलिस ने एक साइबर कैफे संचालक को गिरफ्तार कर लिया। उसने दिल्ली के पर्यटक को टिकट बेची थी। पुलिस ने उसके खिलाफ शांति भंग में कार्रवाई की है। वह थाना ताजगंज के सामने अपनी दुकान चला रहा था, लेकिन थाना पुलिस को भनक तक नहीं लगी।

   गिरफ्तार आरोपी हर्ष तिवारी  ताजगंज क्षेत्र का रहने वाला है। उसका थाना ताजगंज के सामने  तिवारी साइबर कैफ़े है। थाना पर्यटन के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि ताजमहल की ऑनलाइन टिकट की लपकों ने बिक्री की है। इसकी पड़ताल की गई। दिल्ली के पर्यटक फिरोज ने बताया कि उसने तिवारी साइबर कैफे से 45 रुपये की टिकट 100 रुपये में खरीदी है। उसने कुल छह टिकटें खरीदी थी। हर्ष तिवारी ने सभी टिकटों को ऑनलाइन बुक किया था। इसके बाद टिकट के प्रिंट निकालकर पर्यटक को दे दिया।


कुछ घंटे पहले बुक कराते हैं टिकट 


ताजमहल की टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग कराई जाती है। लपके इन टिकटों को कुछ घंटे पहले बुक कराते हैं। इसके बाद बिना टिकट आने वाले पर्यटकों की तलाश करते हैं। उसके बाद उनको टिकट की बिक्री करते हैं। 50 से 100 रुपये महंगी टिकट दी जाती है। पुलिस ने इस शनिवार और रविवार को भी 1400 टिकटों की बिक्री नहीं होने दी। इन्हें लपकों ने बुक कराया था। 

  बता दें कि कोरोना काल में ताजमहल में पर्यटकों की संख्या सीमित कर दी गई है। प्रतिदिन पांच हज़ार टिकटों की बिक्री तय है। इसका फायदा लपके उठा रहे हैं। ऑनलाइन टिकट बुक करने के बाद लपके दोगुनी और तीन गुनी कीमत पर बेच रहे हैं। इसके कारण जो सैलानी आ रहे हैं उनमें से भी बहुत से ताज देखे बिना लौट रहे हैं। हालात यह है कि दोपहर तक ही सभी टिकट बुक हो जाते हैं



मेहमान पक्षियों को खूब भा रहे ताज नेचरवाक और शाहजहां गार्डन।

- सौ साल पुराने दरख्तों पर बनाया आशियाना।

- पेड़ों की दीमक को बना रहे भोजन।


आगरा।प्रवीन शर्मा

ताजमहल के पूर्वी गेट स्थित ताज नेचर वाक में हुदहुद (हुपु) पक्षियों को कई पुराने वृक्षों पर देखा जा रहा है। इन पक्षियों को शाहजहां गार्डन में भी लगभग सौ वर्ष से ज्यादा पुराने इमले के दरख्तों पर भी देखा जा रहा है।

आगरा। इन दिनों ताजनगरी पक्षियों को खूब भा रही है। विभिन्न प्रजातियों के पक्षी सर्दी शुरू होते ही यहां पहुंचे लगे हैं। शहर के किसी न किसी कोने में रोज नए पक्षी नजर आ रहे हैं।ताजमहल के पूर्वी गेट स्थित ताज नेचरवाक में भी हुदहुद (हुपु) नाम कई पक्षी पुराने वृक्षों पर दिख रहे है। शाहजहां गार्डन में भी इस पक्षी ने सौ सालसे ज्यादा पुराने इमले के वृक्षों पर डेरा डाला है। प्रकृति प्रेमी अकुंश देव के अनुसार हुपू इजरायल का राष्ट्रीय पक्षी है। भारत में इसे कठफोड़वा के नाम से जाना जाता हैं। यह रंग-बिरंग होता है। उन्होंने बताया कि यह पक्षी अफ्रीका और यूरेशिया के इलाको में ज्यादा पाया जाता है। इसकी चोंच लंबी होती है। जिसके माध्मय से पुराने वृक्षों में लगी दीमक पकड़कर उसका भोजन करता है।

बायोडाइवर्सिटी रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसायटी के अध्यक्ष डा. केपी सिंह ने बताया कि मुनिया की भी कई प्रजाति आगरा पहुंची हैं। इनमें ट्राइकलर मुनिया, चेस्टनट मुनिया आगरा के सेवला और मथुरा में खूब देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि ट्राइकलर मुनिया बाग्लादेश, श्रीलंका सहित भारत में पाया जाता है। ये बहुत फुर्तीले होते हैं। एक डाल से दूसरी डाल पर पलभर में पहुंच जाते हैं। सोसायटी की टीम पिछले सात दिनों से आगरा और मथुरा में पक्षियों की गणना कर रही हैं। इसमें विभिन्न प्रजातियों के पक्षी देखे गए हैं।