- जहरीली शराब पीने से फिरोजाबाद में तीन , लखनऊ में हो गई थी छह लोगों की मौत।
- लखनऊ के पुलिस कमिश्नर पर गिरी थी गाज।
- आबकारी विभाग के जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारी साफ-साफ बच गए थे।
आगरा। प्रवीन शर्मा
विधान परिषद चुनाव के लिए प्रेक्षक बनकर आगरा आए आबकारी आयुक्त पी. गुरुप्रसाद सर्किट हाउस में संयुक्त आबकारी आयुक्त रविशंकर पाठक, उप आयुक्त वीके मिश्रा और जिला आबकारी अधिकारी नीलेश पालिया समेत तमाम विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते रहे। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी अपना क्षेत्रभरण छोड़कर उनकी आवभगत में लगे रहे। इससे पड़ोसी जनपद फ़िरोज़ाबाद में तीन लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई। उसी रात लखनऊ में भी छह लोग जहरीली शराब पीकर मौत के आगोश में समा गए। रोचक तो यह है कि इस मामले जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्यवाही करने के बजाय शासन ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को हटा दिया और लखनऊ और फिरोजाबाद के जिला आबकारी अधिकारी को निलंबित कर आबकारी आयुक्त कार्यालय से संबद्ध कर लिया था ।
आगामी विधान परिषद चुनाव के लिहाज से आयोग ने दीवाली से पूर्व आबकारी आयुक्त पी. गुरुप्रसाद को आगरा भेजा था। वे सर्किट हाउस में ठहरे है। आबकारी आयुक्त के आगरा आगमन की सूचना पर आबकारी विभाग के तमाम जिम्मेदार अधिकारी अपने आला अधिकारी की आवभगत में अपने काम को छोड़कर जुट गए। आयुक्त भी उनके साथ समीक्षा करते रहे। इसी दौरान अधिकारियों की लापवाही के चलते जनपद फ़िरोज़ाबाद में जहरीली शराब पीने से तीन लोग काल का ग्रास बन गए।
आगरा के खंदौली , फतेहाबाद , ढौकी, सीकरी और किरावली में बनाई जा रही कच्ची शराब जिसके कारण आगरा में भी कभी भी बड़ी हादसा हो सकता है । लेकिन आबकारी विभाग के अधिकारी इन खतरों से अंजान बने हुए है ।
शराब के शौकीन बेखौफ होकर इसका सेवन करते हैं। ऐसा नहीं है कि आबकारी विभाग के अधिकारियों को उनके बारे में जानकारी नहीं है।लेकिन, लापरवाही का आलम यह कि आबकारी अधिकारी कच्ची शराब के एक भी सौदागर को पकड़ नहीं पाए।
आगरा ज़ोन के कई जनपदों में धड़ल्ले से बिक रही तस्करी कर लाई शराब
इसके अलावा ज़ोन के कई जनपदों मे भी हरियाणा से तस्करी कर लाई शराब खूब बिक रही। संबंधित क्षेत्रों के जिम्मेदार आंख मूंदे बैठे रहते हैं।
अपने क्षेत्रों में नहीं घूमते आबकारी निरीक्षक
शासन ने आबकारी निरीक्षकों को तहसीलों में बैठने और क्षेत्र में भ्रमण करने के आदेश दिए थे लेकिन आबकारी निरीक्षक वरिष्ठ अधिकारियों की कृपा के चलते शासन के आदेश की को हवा में उड़ा देते है । ये आबकारी निरीक्षक तहसीलों में न बैठ कर मंटोला स्थित आबकारी भवन में विराजमान रहकर आला अधिकारियों की सेवा में रहकर उनके कृपा पात्र बनने की कोशिश में लगे रहते हैं।