आगरा वार्ता



दुष्कर्म पीड़िता ने आरोपी पर फेंका केमिकल।


-  आरोपी की बहन पर पड़ा केमिकल ,हाथ पैर झुलसे।

- दोनों पक्षों में लगातार विवाद होने पर पुलिस ने शांतिभंग में किया था  पाबंद।


आगरा। (प्रवीन शर्मा )

कलक्ट्रेट में दुष्कर्म पीड़ित महिला ने आरोपी युवक पर केमिकल फेंक दिया। इससे आरोपी की बहन झुलस गई। केमिकल तेजाब होने की आशंका है। दोनों तारीख पर कलक्ट्रेट में एसीएम प्रथम के यहां आए थे। न्यू आगरा क्षेत्र की महिला ने वर्ष 2019 में इंजीनियर्स कालोनी निवासी अरविंद और उत्तम के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा लिखाया था। एक महिला भी साजिश में शामिल होने में नामजद थी। 


पुलिस ने विवेचना के बाद अरविंद और मीना के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट लगा दी। उत्तम के खिलाफ विवेचना प्रचलित है। मुकदमे को लेकर दोनों पक्षों में कई बार विवाद हो चुका है। इससे दोनों के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई कर पाबंद कर दी गई थी।

एसीएम प्रथम कोर्ट में गुरुवार को तारीख थी। दोपहर 12.30 बजे अरविंद बहन रूबी के साथ एसीएम कोर्ट में आया था। एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि वापस आते समय दुष्कर्म के मुकदमे की वादी ने अरविंद और उसकी बहन रूबी पर केमिकल फेंका। अरविंद बच गया, लेकिन उसकी बहन के पैर और हाथ पर केमिकल पड़ गया। वह झुलस गई। खुद पर भी केमिकल गिरा। वह भी झुलसी। दोनों को मेडिकल के लिए भेजा गया। थाना नाई की मंडी में आरोपी महिला के खिलाफ मुकदमा लिखा जा रहा था। सीओ कोतवाली जांच कर रही हैं।


दीपावली के बाद स्कूलों में प्री बोर्ड की तैयारी।


- ऑफलाइन होगी  परीक्षाएं।


आगरा। लाकडाउन से बंद स्कूल कोरोना संक्रमण के बीच खुल चुके हैं। कक्षा नौवीं से 12वीं तक की आफलाइन कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। हालांकि स्कूलों में  आनलाइन पढ़ाई भी जारी है। यूनिक, फर्स्ट और सेकेंड टर्म टेस्ट तक आनलाइन लिए गए, लेकिन अब 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को प्री बोर्ड एग्जाम स्कूल में आकर ऑफलाइन देने होंगे।इनकी शुरुआत दिसंबर में होगी।

       केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और काउन्सिलिंग फार द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीई) के स्कूलों ने अभी से प्री बोर्ड कराने की तैयारी शुरू कर दी है। ज्यादातर स्कूल आफलाइन ही प्री बोर्ड एग्जाम कराने का कार्यक्रम तैयार कर रहे हैं। साथ ही योजना यह भी है की जिन विद्यार्थियों का प्री बोर्ड में प्रदर्शन अच्छा नहीं होगा, उनके लिए स्कूल विशेष कक्षाएं भी चलाएंगे। इससे बोर्ड एग्जाम तक उनकी तैयारी बेहतर हो सके।

     सीबीएसई के सिटी कॉर्डिनेटर और कमला नगर स्थित सुमित राहुल गोयल मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य डा. रामानंद चौहान ने बताया कि दीपावली के बाद दिसंबर में लगभग सभी स्कूल प्री बोर्ड एग्जाम कराएंगे।लिहाज़ा बोर्ड परीक्षा देने जा रहे विद्यार्थियों को अब अपनी तैयारी उसी हिसाब से करनी चाहिए।


स्कूल भी करा रहे तैयारी


स्कूलों में भी बोर्ड परीक्षा की तैयारी विशेष तौर पर करवायी जा रही है। साप्ताहिक टेस्ट के अलावा सरप्राइज टेस्ट लिए जा रहे हैं। हालांकि आनलाइन पढ़ाई होने से इसमें थोड़ी मुश्किल आएगी। इसके बाद भी कोशिश यही है कि प्री बोर्ड से विद्यार्थियों की तैयारी का सही आंकलन हो जाये।


विवि : किश्तों में होगा साढ़े सात लाख डिग्रियों का वितरण


- दिसंबर माह से डिग्रियां दी जाएंगी विद्यार्थियों को।


आगरा। प्रवीन शर्मा...

डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में तैयार रखी हुईं साढ़े सात लाख डिग्रियों के वितरण को किश्तों में बांटा जा सकता है। कुलपति इसकी योजना तैयार कर रहे हैं। दिसंबर माह में डिग्रियों का वितरण शुरू होगा।विश्वविद्यालय में सत्र 2014-15 के बाद के सालों की साढ़े सात लाख डिग्रियां तैयार रखी हुई हैं।कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने पिछलेअक्टूबर माह में प्रेसवार्ता के दौरान दीपावली के बाद इन डिग्रियों के वितरण की घोषणा की थी। नोडल केंद्रों पर डिग्रियां भेजकर वितरण सप्ताह की शुरुआत की जानी थी। इसमें छात्र अाकर अपनी डिग्री नोडल केंद्रों से लेते। घोषणा करने के बाद कुलपति ने डिग्रियों की स्थिति की जानकारी ली तो इनमें से कई डिग्रियां अधूरी थीं। अब अधूरी डिग्रियों को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है, इसलिए वितरण सप्ताह की तिथि को दिसंबर तक खिसका दिया गया है। छलेसर परिसर में कुलपति के निर्देशों पर डिग्रियों को अंतिम रूप देने का काम शुरू किया गया था। पिछले सप्ताह तक चार हजार से ज्यादा डिग्रियों को सत्यापित कर अंतिम रूप दे दिया गया था।


किश्तों में होगा वितरण।


   साढ़े सात लाख डिग्रियों का वितरण आसान नहीं होगा। एक सप्ताह या पांच दिन में सत्र 2014-15 की डिग्रियों का वितरण होगा। उसके बाद सत्रवार डिग्रियों का वितरण किया जाएगा। इससे विश्वद्यालय के साथ ही नोडल केंद्रों और छात्रों को भी आसानी होगी।


150 रुपये किलो पर पहुंची गेंदे की कीमत।


- पिछले साल 100 रुपये में बिका था गेंदा।

- लोक डाउन के कारण इस साल नहीं हुई स्थानीय स्तर पर  फूलों खेती।


आगरा। दीपावली पर घरों को सजाने के लिए गेंदा के फूल, अशोक की पत्तियों की माला और लक्ष्मी- गणेश के पूजन के लिए कमल के फूलों बाजार महकने लगे हैं। इस साल गेंदे का भाव लोगों को गेंदे से दूर कर सकता है, जबकि कमल की कीमतों में इजाफा नहीं हुआ है।


लाकडाउन में नहीं हुई खेती

   फूल विक्रेता पप्पू ने बताया कि आगरा के आसपास फतेहपुरसीकरी, किरावली, फतेहाबाद आदि में गेंदे की खेती होती है। इस साल कोरोना के कारण लगे लाकडाउन में खेती नहीं हुई। इस वजह से फूल विक्रेताओं के पास स्थानीय फूल नहीं आया है। इस साल गेंदे का फूल रतलाम और अजमेर से आया है, इसलिए प्रति किलो कीमत 150 रुपये तक है। वहीं कमल के फूल की कीमत 50 रुपये है। पिछले साल गेंदे के फूल की कीमत 100 रुपये किलो थी।


दक्षिण भारत से आता है कमल

  

  फूल विक्रेता शुभम ने बताया कि दीपावली पर मां लक्ष्मी के पूजन के लिए कमल के फूल का विशेष महत्व होता है। आगरा के आसपास भी कमल होता है, लेकिन दीपावली पर मांग ज्यादा होने के कारण दक्षिण भारत से कमल मंगाया जाता है।


यहां लगती हैं गेंदे की मंडी


फतेहाबाद रोड, एमजी रोड, दिल्ली गेट, तोता का ताल, कारगिल चौराहा, न्यू आगरा


इस बार नहीं आईं ट्रैक्‍टर ट्रॉलियां


पिछले साल तक ग्रामीण इलाकों से ट्रैक्‍टर ट्रॉलियों में गेंदे के फूल भरकर आते थे लेकिन इस बार खेती ही नहीं हुई तो इस बार ट्रैक्‍टर ट्रॉलियां भी नहीं आईं। सुबह से लेकर दोपहर दो बजे तक जब गेंदा फूल सस्‍ते नहीं हुए तो लोगों ने मजबूरी ने इधर-उधर से दूसरे फूलों का पूजा के लिए बंदोबस्‍त किया।



सूर सरोवर पक्षी विहार को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान!


 

- रामसर साइट घोषित होने से प्राकृतिक पर्यटन स्थल की जगी उम्मीद।


-  ताज नगरी में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा।


आगरा। ( प्रवीन  शर्मा )

ताजनगरी में ऐतिहासिक, धार्मिक, प्राकृतिक पर्यटन स्थलों की कमी नहीं है। तीन विश्व धरोहरों ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी के चलते उसे विश्व पटल पर ऐतिहासिक पर्यटन के लिए ही जाना जाता है। सूर सरोवर पक्षी विहार के रामसर साइट घोषित होने से अब यहां प्राकृतिक पर्यटन की शुरुआत की भी आस जगी है। यह आगरा के पर्यटन में चार चांद लगाने वाला साबित होगा।

     रामसर कन्वेंशन, स्विट्जरलैंड द्वारा सूर सरोवर पक्षी विहार को रामसर साइट घोषित किया गया है। आगरा में अब तक सूर सरोवर पक्षी विहार और चंबल सेंक्चुरी को प्राकृतिक पर्यटन के लिए तो जाना जाता है, लेकिन अब रामसर साइट घोषित होने के बाद सूर सरोवर पक्षी विहार को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलना तय है। यहां शोधार्थियों के साथ ही विशेषज्ञों का आना शुरू होगा। टूरिस्ट वीजा नहीं मिलने और अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट नहीं होने से फिलहाल विदेशी पर्यटकों का यहां आना मुमकिन नहीं है, लेकिन इनकी शुरुआत के बाद प्राकृतिक पर्यटन के लिए भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की आइटनरी (भ्रमण कार्यक्रम) में सूर सरोवर पक्षी विहार शामिल हो सकेगा। यहां पर अक्टूबर से मार्च तक करीब 30 हजार प्रवासी पक्षी डेरा डालते हैं। इसके साथ ही यहां झील में करीब 60 प्रजातियों की मछलियां भी हैं।