एमिटी विश्वविद्यालय के अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन में विशेषज्ञों ने छात्रों को स्टार्टअप प्रारंभ करने के लिए किया प्रोत्साहित






नोयडा। उ.प्र.

एमिटी और भारत स्पोर्टस मैनेजमेंट ग्रुप के मध्य हुआ एमओयू हस्ताक्षर

छात्रों के अदंर उद्यमिता, नवाचार एवं नेतृत्वता के गुणों के विकास हेतु एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश द्वारा उद्यमिता, नवाचार एवं नेतृत्वता पर तृतीय वर्चुअल अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ‘‘आईसीईआईएल 2020’’ का आयोजन किया जा रहा है। इस अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन के द्वितीय दिन विभिन्न परिचर्चा सत्रों का आयोजन किया गया। परिचर्चा सत्र के प्रथम सत्र में ‘‘ उद्यमशिलता नीति एवं सरकारी पहल की सहायता एवं प्रभाव’’ विषय पर आयोजित परिचर्चा सत्र मे उद्यमियों, विशेषज्ञों ने छात्रों को स्टार्टअप एवं व्यापार प्रारंभ करने के लिए नीतियों एवं सरकारी पहल के संर्दभ में जानकारी देते बताया कि विकास का अगला चरण स्टार्टअप आधारित होगा। इस अवसर पर ‘‘ भारत में शहरी कचरा प्रबंधन’’ विषय पर भी एक परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया जिसमें विशेषज्ञों ने कोविड 19 महामारी के दौरान उत्पन्न मेडिकल एवं नाॅन मेडिकल कचरे के निस्तारण एवं चुनौतियों पर चर्चा की।  इस सम्मेलन के अंर्तगत शारीरिक शिक्षा के छात्रों के विकास हेतु एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला की उपस्थिती में एमिटी विश्वविद्यालय और भारत स्पोर्टस मैनेजमेंट गु्रप के मध्य समझौता पत्र पर हस्ताक्षर भी किया गया।


प्रथम सत्र में ‘‘ उद्यमशिलता निती एवं सरकारी पहल की सहायता एवं प्रभाव’’ विषय पर आयोजित परिचर्चा सत्र की अध्यक्षता वीस्पार्क स्टार्टअप एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री राज के पाठक ने की। इस परिचर्चा सत्र में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के नेशनल स्किल डेवलपमेंट कोरपोरेशन के डिजिटल स्कील, इनोवेशन, सीएसआर के वरिष्ठ प्रमुख श्री वेंकटेश सर्वसिद्धि, माइक्रोसाफ्ट के नेशनल सिक्योरिटी आॅफिसर श्री दीपक तलवार सहित कई विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किये।


कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के नेशनल स्किल डेवलपमेंट कोरपोरेशन के डिजिटल स्कील, इनोवेशन, सीएसआर के वरिष्ठ प्रमुख श्री वेंकटेश सर्वसिद्धि ने कहा कि कोविड का स्टार्टअप पर्यावरण प्रभाव के उपरांत भी सरकार की स्टार्टअप प्रारंभ करने की पहल का व्यवसायिकों ने लाभ प्राप्त किया। स्न 2016 में प्रधानमंत्री द्वारा स्टार्टअप इंडिया अभियान प्रारंभ किया गया जिसके तहत सरकार द्वारा सरलीकरण, वित्तपोषण सहायता, प्रोत्साहन और उद्यम अकादमी भागीदारी को बढ़ावा दिया गया। इसके अतिरिक्त नवाचार, ग्रामीण उद्योगों एवं उद्यमशीलता के प्रोत्साहन के लिए एस्पायर योजना लाई गई। उन्होनें कहा कि कई स्टार्टअप प्रारंभ हुए और उन्होनें लगभग 100 मिलियन लोगों को लांभावित किया लेकिन वो सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक सीमीत रहे, कृषि और कई अन्य ऐसे क्षेत्र है जहां स्टार्टअप प्रारंभ करके आप बिलियन से अधिक लोगो से जुड़ सकते है। श्री सर्वसिद्धि ने कहा कि इंडिया के असली समस्या को समझें और उसका निवारण करें। लगभग एक तिहाई महिला कार्यबल अभी भी व्यापार में कोई भूमिका नही निभाती उन्हे इस स्टार्टअप पर्यावरण से जोड़ना आवश्यक है। हमें रोजगार प्राप्त करने की बजाय रोजगार प्रदाता की मानसिकता को विकसित करना होगा। उन्हानें छात्रों से कहा कि अगर आप अभी स्टार्टअप प्रारंभ करते है और असफल हो जाते है तो भी आपके पास अधिक अनुभव होगा। विकास का आने वाला चरण स्टार्टअप आधारित होगा। उन्होनें नेशनल स्किल डेवलपमेंट कोरपोरेशन के कार्यो को भी विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की।


माइक्रोसाफ्ट के नेशनल सिक्योरिटी आॅफिसर श्री दीपक तलवार ने संबोधित करते हुए कहा कि स्टार्टअप प्रारंभ करने का यह सही युग, सही माह और वर्ष है। माइक्रोसाफ्ट के जरीए हम हर व्यक्ति को सशक्त बनाना चाहते है जिससे वो अपने लक्ष्य को हासिल कर सकें। कृषि कार्यो एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस सहित नवीनतम तकनीकी का उपयोग करें। परिचर्चा सत्र की अध्यक्षता वीस्पार्क स्टार्टअप एसोसिएशन के अध्यक्षता करते हुए श्री राज के पाठक ने कहा कि सरकार द्वारा स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाओं को संचालन किया जा रहा है किंतु जानकारी का आभाव एवं जागरूकता ना होने से कई लोगों को इसका लाभ नही मिल पाता। जागरूकता के रिक्त स्थानों को भरना होगा तभी ग्रामीण एवं अन्य इलाकों से लोग लाभ प्राप्त कर सकेंगे।  इस अवसर पर अन्य विशेषज्ञों ने भी अपने विचार व्यक्त किये।


एमिटी विश्वविद्यालय के अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन में ‘‘ भारत में शहरी कचरा प्रबंधन’’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में सत्र की अध्यक्षता इंडियन सोसाइटी आॅफ हाॅस्पीटल वेस्ट मैनेजमेंट के अध्यक्ष डा अशोक के अग्रवाल ने की और नई दिल्ली के संयुक्त राष्ट्र एनवांयरमेंट प्रोग्राम के साइंटफिक आॅफिसर डा वालेनटिन फोल्टेसक्यू, आईआईटी खड़गपुर के प्रो बृजेश कुमार दूबे, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर त्रिमूर्ती वेलपांडियन, श्रीराम इंस्टीटयूट आॅफ इंडस्ट्रीयल रिर्सच के निदेशक डा के एम चाको ने अपने विचार रखें। परिचर्चा सत्र का संचालन आईआईटी खड़गपुर के प्रो बृजेश कुमार दूबे और एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी आॅफ साइंस एंड टेक्नोलाॅजी की डीन डा सुनिता रतन द्वारा किया गया।


परिचर्चा में सत्र की अध्यक्षता करते हुए इंडियन सोसाइटी आॅफ हाॅस्पीटल वेस्ट मैनेजमेंट के अध्यक्ष डा अशोक के अग्रवाल ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान बायोमेडिकल कचरे में लगभग तीन चैथाई हिस्से की बढ़ोत्तरी हुई है। कई अस्पताल बायो मेडिकल कचरे के प्रबंधन हेतु सजग नही होते है इसके अतिरिक्त कोविड के दौरान क्वारिटन स्थानों और घरों से भी काफी मात्रा में बायोमेडिकल कचरा उत्पन्न हुआ है। उन्होनें कहा कि शीघ्र ही कोविड वैक्सीन लगने की प्रक्रिया प्रारंभ होने वाली है जिसके लिए बड़ी मात्रा में सुईयों, सीरिंज एवं प्लास्टिक कवर का उपयोग होगा जो बायोमेडिकल कचरे में इजाफा करेगा और उसका सही तरीके से निवारण एक बड़ी चुनौती होगी। उन्होनें छात्रों को बायोमेडिकल एवं नाॅन बायोमेडिकल कचरे के प्रबंधन के संर्दभ में कम उपयोग करने, पुन उपयोग करने एवं पुनचक्रण के बारे में बताया। छात्रों को बायो मेडिकल कचरा प्रबंधन के संर्दभ में जारी गाइडलाइन पढ़ने की सलाह दी।


परिचर्चा सत्र में संबोधित करते हुए नई दिल्ली के संयुक्त राष्ट्र एनवांयरमेंट प्रोग्राम के साइंटफिक आॅफिसर डा वालेनटिन फोल्टेसक्यू ने कहा कि शार्ट लीव्ड क्लाइमेंट पाॅल्यूटेंट के बारे मे बताया कि यह पाॅल्यूटेंट वातावरण में कम समय के लिए रहते है किंतु निकट जलवायु को प्रभावित करते है। उन्होनें सीसीएसी म्यूनिसिपल साॅलिड वेस्ट पहल के बारे कहा कि म्यूनिसिपल साॅलिड वेस्ट से शार्ट लीव्ड क्लाइमेंट पाॅल्यूटेंट को कम करना आवश्यक है। डा फोल्टेसक्यू ने आॅरगेनिक वेस्ट ट्रीटमेंट के लाभ भी बताया। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर त्रिमूर्ती वेलपांडियन ने भारत में माइक्रोबियल रेसिसटेंस सहित कोविड के दौरान दवाईयों की खपत और पर्यावरण के स्तर के विश्लेषण की आवश्यकता की जानकारी प्रदान की। श्रीराम इंस्टीटयूट आॅफ इंडस्ट्रीय रिर्सच के निदेशक डा के एम चाको ने शहरी अवशेष चुनौतियों के बारे में कहा कि बायो मेडिकल वेस्ट सहित कोविड अवशेष, ठोस अवशेष, खतरनाक अवशेष और प्लास्टिक अवशेष सहित ई अवशेष के निवारण में आने वाली समस्या के संर्दभ में जानकारी दी। आईआईटी खड़गपुर के प्रो बृजेश कुमार दूबे ने ठोस कचरे के अंर्तगत हमारे सामने औद्योगिक अवशेषों, माइनिंग अवशेषों, जल अवशेष से प्राप्त कचरे आदि के निवारण की चुनौतियां भी है। उन्होने स्मार्ट ई साॅल्युशन के अंर्तगत ई गर्वनेंस, अवशेष प्रबंधन, जल प्रबंधन, उर्जा प्रबंधन, शहरी आवागमन आदि के बारे में जानकारी दी। एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी आॅफ साइंस एंड टेक्नोलाॅजी की डीन डा सुनिता रतन द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।


सम्मेलन के अंर्तगत शारीरिक शिक्षा के छात्रों के विकास हेतु एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला और प्रख्यात मैराथन तैराक श्रीमती मीनाक्षी पहुजा की उपस्थिती में एमिटी विश्वविद्यालय और भारत स्पोर्टस मैनेजमेंट गु्रप के मध्य समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया गया इस समझौते पत्र एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के कुलसचिव डा बी एल आर्या एवं भारत स्पोर्टस मैनेजमेंट गु्रप के संस्थापक श्री राजन वर्मा ने हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर एमिटी स्कूल आॅफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्टस साइंसेस की निदेशिका डा कल्पना शर्मा, भारत स्पोर्टस मैनेजमेंट गु्रप की उपाध्यक्षा सुश्री श्वेता अहुजा ने प्रस्तुती दी। इस अवसर पर एमिटी स्कूल आॅफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्टस साइंसेस के डा जोगेश्वर गोस्वामी, डा अजित कुमार एवं डा मल्लिका शर्मा भी उपस्थित थे।


एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला ने कहा कि मानसिक स्वस्थता के लिए शारीरिक स्वस्थता का होना आवश्यक है। सरकार द्वारा खेलो इंडिया जैसी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इस समझौता पत्र से दोनो संस्थान, समाज में शारीरिक शिक्षा एवं खेल के प्रोत्साहन में योगदान देगें। समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लिए शारीरिक शिक्षा और खेल कार्यक्रमों के समर्थन के लिए मानव संसाधन बनाने और विकसित करने पर कार्य करेंगे और शारीरिक शिक्षा और खेल कार्यक्रमों के संचालन के लिए भी तकनीकी और लाॅजिस्टक सहायता की सुविधा प्रदान की जायेगी।


एमिटी विश्वविद्यालय में आयोजित तृतीय वर्चुअल अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ‘‘आईसीईआईएल 2020’’ के अंर्तगत ‘‘ रोबोटिक्स एवं आॅटोमेशन में उद्यमशिलता के अवसर’’ ‘‘ स्मार्ट माइक्रो ग्रिड एवं इलेट्रिक व्हेकिल्स में उद्यमशिलता के अवसर एवं चुनौतियां’’ आदि विषयों पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया।

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