डॉ सुनील उपाध्याय ने विद्यार्थियों को बोर्ड में अच्छे नंबर प्राप्त करने के लिए दिए टिप्स।


 



सवांददाता, के,के,कुशवाहा



 आगरा- इस वर्ष कोरोनावायरस  के संक्रमण के चलते कक्षा 10वीं और 12वीं की  परीक्षाएं   देरी से हो रही हैं। मई और जून में परीक्षाओं का समापन किया जाएगा। सीबीएसई बोर्ड ने तो परीक्षा कार्यक्रम  की घोषणा भी कर दी है। मुख्य सब्जेक्ट के पेपर 4 मई से होने हैं। परीक्षाएं नजदीक आने के कारण छात्र छात्राओं को मानसिक तनाव से गुजरना पड़ रहा   है। स्टूडेंट एग्जाम फोबिया के शिकार होते चले जा रहे हैं जिसकी वजह से स्टूडेंट का ऊर्जा स्तर गिरने लगता है। मानसिक और शारीरिक तनाव के साथ-साथ मेमोरी भी कम होने लगती है। जिसका सीधा असर विद्यार्थी का रिजल्ट में पड़ सकता है। इस संदर्भ में हमारे संवाददाता संवाददात ने आगरा प्रोग्रेसिव  टीचर्स एसोसिएशन संस्थापक डॉ सुनील उपाध्याय से बात की। उन्होंने  बताया कि अभिभावक बच्चों पर अच्छे नंबर लाने के लिए दबाव न बनाएं बल्कि बच्चों के  अच्छे नंबर लाने में सहायक हो। साथ ही तनाव को दूर करने के लिए सेल्फ  स्टडी , खानपान और समय मैनेजमेंट जैसी बातों को विशेष ध्यान रखें। उन्होंने तनाव दूर कर अच्छे नंबर प्राप्त करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

 स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। प्रतिदिन हर सब्जेक्ट को समय दें। सेल्फ स्टडी घर की एकांत जगह वाले कमरे में ही करें। सब्जेक्ट की जटिलता को ध्यान में रखते हुए सेल्फ स्टडी के लिए टाइम टेबल को बनाकर उसका ईमानदारी से पालन करें। शारीरिक थकान उत्पन्न करने वाले खेलों से दूर रहें। नींद प्रॉपर लें जिससे कि दिमाग फ्रेश रहता है और पढ़ाई अच्छी होती है। हर घंटे पढ़ाई की बाद कुछ ना कुछ रिफ्रेशमेंट लेते रहें जिससे कि माइंड तनावमुक्त रहता है।  सेल्फ स्टडी की शुरुआत में लर्निंग का काम और बाद में नोट्स बनाने का काम उचित रहेगा। कठिन सब्जेक्ट को समय ज्यादा दें साथ ही किसी भी विषय को अवॉइड ना करें।

 पढ़ाई करते समय मन का शांत होना बहुत जरूरी है और पूरा ध्यान उस सब्जेक्ट पर होना चाहिए जिसे आप पढ़ रहे हैं। हर घंटे पढ़ने के बाद यह सोचे कि हमने इस दौरान क्या पढ़ा है और उसे पॉइंट में लिखने की कोशिश करें अगर वह दिमाग में नहीं होता है तो दोबारा से पढ़ें। सेल्फ स्टडी के दौरान अगर किसी भी विषय में समस्या आती है तो उसको अलग से लिख ले और अपने शिक्षक से  डिस्कशन करें। सोशल नेटवर्किंग से दूर रहें। अभिभावक बच्चों पर अच्छे नंबर लाने का दबाव ना बनाएं बल्कि उनके अच्छे नंबर लाने में  सहयोग करे।