शहर के डेढ़ लाख भवनों को विसंक्रमित करने का अभियान शुरू।

 




75 ट्रेक्टर/ टिपर माउण्टेड स्पयर का हो रहा प्रयोग

लखनऊ। प्रेमशर्मा

शहर में संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को रोकने के लिए शहर के डेढ़ लाख भवनों को विसक्रमित करने का अभियान शुरू हो चुका है। इसके लिए पर्याप्त संसाधन जुटाए गए है। शहर के मुख्य बाजारों में सेनेटाइजेशन किया जा रहा है। नगर आयुक्त् अजय कुमार द्विवेदी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि शहर में रात्रि कप्र्यु के दौरान रात्रि नौ बजे से 12 बजे रात का दोबारा सेनेटाइजेशन किया जा रहा है। जनजागरूकता के लिए 259 पब्लिक एड्रेस सिस्टम स्थापित किए गए है। 

नगर आयुक्त के मुताबिक जिला प्रशासन द्वारा मिलने वाली सूचना के आधार पर प्रतिदिन धनात्मक पाये जोन वाले कोविड रोगियों से प्रभावित क्षेत्रों की सूची मिलने पर जोनल सेनेटाइजेशन टीम के माध्यम से प्रभावित क्षेत्र के भवनों को विसक्रमित किया जा रहा है। आम आवासों के साथ सार्वजानिक स्थानों, सरकारी भवनों, आवासीय कालोनी, व्यवसायिक क्षेत्र, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, अस्पताल आदि क्षेत्र को विसक्रंमित किये जाने के लिए 75 ट्रेक्टर/ टिपर माउण्टेड स्पयर प्रयोग किया जा रहा है।  400 हैण्डहेल्ड/ मैनवल स्पे्र मशीन के माध्यम से चालीस हजार व्यक्तिगत भवनों को आच्छादित किया जा रहा है। मुख्य बाजारों में अमीनाबाद, कैसरबाग, हजरतगंज, नरही, नाका हिण्डोला, राजाजीपुरम, ऐशबाग, मवैया, ताल कटोरा, यहियागंज, रकाबगंज, मौलवीगंज, आलमबाग, चन्दरनगर, अशियाना, सरोजनीनगर, पारा, कानपुर रोड़, बंगला बाजार, तेलीबाग, पीजीआई, डण्डैया, कुर्सी रोड,महानगर, कपूरथला, पुरनिया, निरालानगर, डालीेगंज, खदरा, सीतापुर रोड़, मडियांव, इंजीनियरिंग कालेज, टेड़ी पुलिया, निशातगंज, हुसडिया, पत्रकारपुरम, विभूतिखण्ड, कठौता, चिनहट, कमता, इन्दिरानगर, भूतनाथ, लेखराज, मंुशी पुलिया, खुर्रमनगर, फैजाबाद रोड़, कल्याणपुर, नक्कास, चैक, बालागंज, कैम्पवेल रोड, दुब्बगा, ठाकुरगंज, हुसैनाबाद आद बाजरों में प्रतिदिन सेनेटाराइजेश का काम शुरू है। शहर के भवनों में दस से 12 फीट उचाई तक सेनेटाराइजेशन किया जा रहा है। बढ़ती मौतों को देखते हुए गुलालाघाट में 15 और बैकुण्ठधाम में 55 प्लैटफार्म निर्मित किए गए है। 50-50 कर्मचारी दो शिफ्ट में शवदाह के लिए तथा 20 -20 कर्मचारी सफाई व्यवस्था के लिए लगाए गए है। 


कंटेनमेंट जोन में सफाई की विशेष व्यवस्था

कोरोना महामारी बढने के साथ ही शहर की स्वच्छता को कटिबद्ध नगर निगम लखनऊ की ओर से अपने स्तर पर तैयारियां पूरी की गई हैं। इसके तहत सामान्य शहर और प्रशासन की ओर से घोषित किए गए कंटेनमेंट जोन में अलग-अलग गाडियों को लगाया गया है, ताकि किसी भी तरह से संक्रमण का फैलाव ना हो। कंटेनमेंट जोन में तो गाडियों को पूरी तरह से सेनिटाइज करके, स्टाफ को पीपीई किट पहनाकर और कचरे को अलग-अलग करके उठाया जा रहा है। 

नगर निगम लखनऊ के अनुसार उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्वच्छता को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। यह लोगों की सेहत का भी सवाल है। इसलिए कोरोना महामारी की चुनौती को देखते हुए नगर निगम ने शहर का कचरा उठाने की पूरी ऐहतियात बरती है। नगर आयुक्त श्री अजय द्विवेदी के अनुसार शहर के कचरे को उठाने में लगी गाडियों को कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में नहीं भेजा जा रहा। ऐसे क्षेत्रों के लिए अलग से गाडियां और स्टाफ तैनात किया गया है। इको ग्रीन कंपनी की तरफ से नगर निगम आयुक्त अजय द्विवेदी को अपने कार्य का पूरा ब्यौरा, कार्यशैली के बारे में अवगत कराया है, ताकि उनकी तरफ कुछ बदलाव करना पड़ा तो कम्पनी तैयार हैं। नगर निगम की तरफ से बताया गया कि कोरोना संक्रमितों के घरों, कोविड सेंटर्स से भी कूड़ा-कचरा उठाने में पूरी ऐहतियात बरती जा रही है। 


इक्रोग्रीन की डोर डोर व्यवस्था फेल !

निश्चित तौर पर नगर आयुक्त के समझ अपने बेहतर प्रदर्शन का ढ़िढोरा इक्रोग्रीन पीट रही होगी लेकिन शहर के कई क्षेत्रों से यह खबर आ रही है कि घर घर कूड़ा उठाने वाले इक्रोग्रीन के कार्यकर्ता होली के पहले से नदारत है। कई जगह पन्द्रह दिनो से गायब है तो कही दस दिनों से गायब है। राजभवन के सामने लोक निर्माण विभाग की कालोनी में रहने वाले कई कर्मचारियों की मुताबिक होली के पहले से गायब इक्रोग्रीन के कर्मचारी 12 अप्रेल को आए और इन्हंे लोगों ने कचरा देने से इन्कार कर दिया है। इस तरह से अन्य कई क्षेत्रों से शिकायत है। अब बात करे मवैया की या फिर बनारसी टोला, उजरियांव की नही ठाकुर गंज की। लेकिन कुछ न कुछ बड़ा खेल इक्रोग्रीन खेल रही है। इक्रोग्रीन के एक कार्मिक ने नाम न छापने पर बताया कि छह हजार रूपये वह भी समय पर न मिलने के कारण कई बार कर्मचारी चार छह दिन में ही काम छोड़ भाग जा रहे है ऐसे में नियमित रूप से डोर टू डोर कूड़ा कैसे उठेगा। ऐसी स्थिति में नगर आयुक्त अगर स्वंय अन्य निरीक्षण की तरह इनकी गतिविधियों का निरीक्षण करे तो पता चल जाएगा क्या चल रहा है।