निगरानी समितियों के 4 लाख सदस्य घर-घर कर रहे टेस्टिंग

 


प्रेम शर्मा,लखनऊ। 

प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण रोकने में प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई निगरानी समितियां बढ़ा हथियार बन कर सामने आई है। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में  60589 निगरानी समितयों के चार लाख से अधिक कोरोना के आगे दीवार बन कर खड़े हो गए है। रोजाना निगरानी समिति के सदस्घ्य गांवों में घर-घर घूमकर संक्रामित लोगों की पहचान कर उनको दवाएं व होम आइसोलेट करने का काम कर रहे हैं। 

मुख्घ्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण की रफ्तार रोकने के लिए निगरानी समितियों का और प्रभावी बनाने का निर्देश दिया है। निगरानी समिति में लेखपाल, रोजगार सेवक, एनजीओ, एसएचजी, कोटेदार  से लेकर सफाई कर्मचारी तक अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। निगरानी समितियों द्वारा प्रदेश के 97 हजार राजस्व गांवों में घर-घर स्क्रीनिंग और टेस्टिंग का महाभियान शुरू किया गया है। निगरानी समितियों की स्क्रीनिंग में लक्षणयुक्त पाए गए 69,474 लोगों का जब एंटीजन टेस्ट किया गया। इनमें से 3551 लोग कोरोना संक्रामित पाए गए। इन्हें, मेडिकल किट देने के साथ कोरोना से कैसे बचा जाए इसकी जानकारी देकर होम आइसोलेट किया गया। यही नहीं रोजाना टेलीकन्सटेशन के माध्यम से डॉक्टर इनकी स्वास्थ्य की जानकारी हासिल कर रहे हैं। सरकार के निर्देश पर दिक्कत होने पर इनको हायर मेडिकल फैसिलिटी भी उपलब्घ्ध कराई जा रही है। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण के मामले रोकने व  कोरोना की चेन तोड़ने में निगरानी समितियां कांटेक्ट ट्रेसिंग के जरिए अहम भूमिका अदा कर रही है। प्रदेश में 60 हजार से अधिक निगरानी समितियों द्वारा 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में 24 लाख से अधिक लोगों की टेस्टिंग का काम किया जा चुका है। इसमें एक लाख से अधिक लोगों को कोरोना लक्षण मिलने पर दवाएं देकर होम आइसोलेट किया गया है। इसके अलावा निगरानी समितियां गांवों में बाहर जिलों से आए लोगों की जानकारी हासिल कर उनकी टेस्टिंग करने का काम भी बखूबी कर रही हैं।