प्रेम शर्मा,लखनऊ।
संक्रमित और कोरोना संक्रमण से दिवंगत हो रहे अभियन्ताओं,अधीनस्थ कर्मचारियों की समस्याओं की ओर प्रबन्धन का ध्यान आकर्षित कराये जाने से खिन्न पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज द्वारा संघ के महासचिव के विरूद्ध की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों और कोरोना काल में तबादला किए जाने से क्षुब्ध विद्युत अभियन्ताओं ने संघ के पदाधिकारियों के विरूद्ध उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों को बन्द करने की मांग करते हुए 25 मई, 2021 से चेयरमैन एम देवराज के साथ पूर्ण असहयोग किये जाने की घोषणा की है।
विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वी.पी. सिंह ने बयान जारी कर कहा कि सभी ऊर्जा निगमों के अभियन्ता एवं कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर विद्युत आपूर्ति एवं अन्य कार्य फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में कर रहे हैं। हजारों की संख्या में विद्युत कर्मी कोरोना संक्रमित हुए हैं तथा दुर्भाग्यवश लगभग 200 से अधिक अभियन्ता एवं कर्मचारी कोरोना संक्रमण से दिवंगत हो चुके हैं तथा प्रबन्धन को विद्युत कर्मियों को फ्रंट लाइन वर्कर का दर्जा देकर प्राथमिकता पर वैक्सीन लगवाना चाहिए था परन्तु इस कोविड महामारी में विद्युत कर्मियों को प्राथमिकता पर वैक्सीन लगवाये जाने हेतु तथा विद्युत अभियन्ताओं की ज्वलन्त समस्याओं की ओर संघ द्वारा प्रबन्धन का सतत ध्यानाकर्षण कराया जाता रहा है। कोरोना संक्रमण के दौर में अपनी विफलता छिपाने के लिए पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज ने संघ के पदाधिकारियों के प्रति उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां प्रारम्भ कर दी हैं। इस सम्बन्ध में संघ के प्रतिनिधिमण्डल ने 22 मई को चेयरमैन देवराज से मिलकर वार्ता की जिसमें उन्होंने अभियन्ता संघ द्वारा किये जा रहे पत्राचार पर घोर अप्रसन्नता व्यक्त की तथा इसे बन्द करने की सलाह दी। चेयरमैन एम देवराज द्वारा शासन के 33 प्रतिशत उपस्थिति के शासनादेशों का उल्लंघन करते हुए लगातार सभी कैश-काउण्टरों एवं कार्यालयों में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु उच्चाधिकारियों को निर्देशित कर रहे है एवं इसकी नियमित समीक्षा कर रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि उन्हें विद्युत कर्मियों की जान से कोई लेना-देना नहीं है। इसी क्रम में उन्होंने महासचिव के नेतृत्व में अभियन्ता संघ की कोविड हेल्पिंग टीम का मनोबल तोड़ने हेतु महासचिव सहित अन्य पदाधिकारियों के विरूद्ध उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों का सिलसिला प्रारम्भ किया है। संघ की तरफ से चेतावनी दी गई कि यदि इं.प्रभात सिंह का स्थानान्तरण आदेश तत्काल निरस्त न किया गया तो 25 मई से सभी ऊर्जा निगमों के तमाम विद्युत अभियन्ता आपकी उत्पीड़नात्मक कार्यवाही का विरोध करते हुए आपके साथ पूर्ण असहयोग प्रारम्भ कर देंगे।