हिन्दुस्तान वार्ता, नोएडा।अनिल दूबे।
कोरोना काल में शिक्षकों के कौशल को विकसित करने हेतु और छात्रों में मानव मूल्यों और व्यवसायिक नैतिकता के विकास को बढ़ावा देने के लिए एमिटी एकेडमिक स्टाफ काॅलेज द्वारा शिक्षकों के लिए आॅनलाइन पांच दिवसीय शिक्षक विकास कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसमें देश के विभिन्न संस्थानों से सैंकड़ो ंकी संख्या में शिक्षक हिस्सा ले रहे है। आज शिक्षक विकास कार्यक्रम के अंर्तगत छात्रों में मानव मूल्य और नैतिकता के विकास पर कई विशेषज्ञों नागपुर के आईआईएम के निदेशक प्रो बी ए मेत्री, इंडो ग्लोबल चेंबर आॅफ कार्मस के निदेशक और विश्व व्यापार केन्द्र मुबंई के सलाहकार श्री जयेश खाडे ने अपने विचार साझा किये। इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ सोशियल साइंसेस की निदेशिका डा निरूपमा प्रकाश और एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ सोशियल साइंसेस के श्री प्रशांतचौहानने अतिथियों का स्वागत किया।
छात्रों में मानव मूल्य और नैतिकता के विकास पर नागपुर के आईआईएम के निदेशक प्रो बी ए मेत्री ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि हम ठोस विश्व से तरल विश्व की ओर बढ़ गये है। अगर विश्व को दो भागो में विभिक्त करें तो स्न 1990 से पहले का ठोस विश्व और स्न 1990 के उपरांत का तरल विश्व। ठोस विश्व नियंत्रित विश्व था किंतु उसके उपरांत का तरल विश्व अनियत्रिंत विश्व है। इंडस्ड्री 4.0 ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, 3डी प्रिंटिंग आदि तकनीकों को बढ़ावा दिया है जिसने सीमाओं से परे व्यापार विकसित हुए है किंतु हमारा नियंत्रण समाप्त हुआ है। प्रो मेत्री ने कहा कि इस तरल विश्व में लगातार परिवर्तन हो रहा है। पूर्ण रूप से सोशियल साइटों के जरीए जुड़े हुए इस विश्व में हम अपनी संस्कृती, मूल्यों और जड़ो से टूट गये है। पिछले 70 सालो ंमें हमने यूरोपीयन संस्कृती और शिक्षा पद्धती का आंख बंद करके अनुसरण किया है। मानव मूल्य और नैतिकता हमारी नींव है जो आज खो रही है जिसे छात्रों मे ंपोषित करना आवश्यक है। हमें संस्थानों में मूल्य आधारित पर्यावरण का निर्माण करना होगा। शिक्षकों को छात्रों के सम्मुख मूल्य और नैतिकता का आदर्श प्रस्तुत करके रोल माॅडल बनना होगा। उन्होनें प्रबंधन का नीति निर्माण, शिक्षकों का नीति और रणनितीयंा लागू करने की भूमिका और छात्रों की भूमिका के बारे मे विस्तार से बताया। हमें ‘‘चलता है’’ कि संस्कृती में बदलाव लाना होगा।
इंडो ग्लोबल चेंबर आॅफ कार्मस के निदेशक और विश्व व्यापार केन्द्र मुबंई के सलाहकार श्री जयेश खाडे ने संबोधित करते हुए कहा कि आप क्या कार्य करते है उससे महत्वपूर्ण आप कार्य किस तरह करते है। आज के छात्र कल के व्यवसायी होगे इसलिए भविष्य के व्यापारिक प्रतिष्ठानों के संचालन के लिए आज छात्रों के अदंर मूल्यों और नैतिकता को पोषित करना आवश्यक है। शिक्षक छात्रों को मूल्यों और नैतिकता विकसित करने और समाज के लिए कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करें। इस अवसर पर श्री खाडे ने अपनी जीवन यात्रा और विश्व व्यापार केन्द्र मुबंई द्वारा किये जा रहे कार्यो के संर्दभ में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ सोशियल साइंसेस की निदेशिका डा निरूपमा प्रकाश ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि एमिटी सदैव से ही छात्रो ंमे ंमानव मूल्य के विकास हेतु प्रमुखता से कार्य करता रहा है जिससे वे जीवन में सफलता हासिल करने के साथ अपनी जड़ो ंसे जुड़े रहे और समाजिक, राष्ट्रीय विकास में अहम भूमिका का निर्वहन कर सके।
शिक्षक विकास कार्यक्रम के दौरान आयोजित व्याख्यान सत्रों के उपरांत प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया। कार्यक्रम का संचालन एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ सोशियल साइंसेस के श्री प्रशांत चौहान द्वारा किया गया।
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