पत्रकारिता के गुरु - चाणक्य ..शहंशाह..,,दिलीप शाह मधूप ,के जन्मदिवस पर खास।

 



कोटा।हि वार्ता (अख्तर खान "अकेला")

एक शाह ,,,  शहंशाह , दिलीप शाह , जो मधूप भी है  ,, है , जो पत्रकारिता के गुरु , चाणक्य भी है ,, जो बारां को बारां जिला बनवाने की कोशिशों के जांबाज़ क़लमकार आंदोलनकारी भी है , ऐसे पत्रकार भाई दिलीप शाह का आज जन्म दिन है , सालगिरह है ,उन्हें उनके जन्म दिन पर , दिली मुबारकबाद , बधाई ,,, जी हाँ दोस्तों दिलीप शाह मधूप , बारां में नहीं नहीं  ,, ,कोटा संभाग हाड़ौती में ही नहीं , राजस्थान और पुरे देश में एक पत्रकार के रूप में अलग विशिष्ठ पहचान रखते है,,  एक कुशल वक्ता , कुशल पत्रकार , कुशल प्रकाशक , कुशल सोशल मीडिया एक्टिविस्ट , कुशल पत्रकारों का नेतृत्व , बहुमुखी प्रतिभा के धनी , हर दिल अज़ीज़  , पत्रकारों के हमदर्द , समाजसेवक , भाई दिलीप शाह मधुप , जब बारां जिला  कोटा  ज़िले के  नियंत्रण में था , तब से क़स्बाइ पत्रकारिता में ,, स्वर्गीय रामचरण सितारा हों , स्वर्गीय प्रमोद प्रीतम हो  , सभी  दिग्गज पत्रकारों के साथ ,  दिलीप यानी  उदार राजा , संरक्षक , शाह मतलब ,  शहंशाह , और मधुप मतलब , मधु मक्खी ,भवरा , ययानी पत्रकारिता के संरक्षक उदार राजा , शहंशाह , और खबरों के पीछे मंडराने वाले भँवरे , खबरों का रस चूस  कर ,, बेहतरीन अल्फ़ाज़ों में , खबरों का शहद बनाकर , प्रस्तुत करने में माहिर भाई दिलीप शाह मधुप ,, पत्रकरिता सहित हर मामले में , हरफन मोला ,सर्व गुण  सम्पन्न हैं ,, कई  दशकों से , बारां में जांबाज़ पत्रकार के रूप में , प्रशासन , स्थानीय , सियासी नेतृत्व सहित सभी ज़िम्मेदारों को ,  हर क़दम पर , अपनी लेखनी से , उनके कर्तव्यों का अहसास दिलाने वाले , भाई दिलीप शाह मधुप , ना जाने कितनी बार जिला प्रशासन , समाज सेवी संस्थाए , पत्रकार संगठनों , सहित्यिक संस्थाओं से , बार बार , इनकी निष्पक्ष , निर्भीक , मूल्यौं  को  गोलबंदी करने वाली  पत्रकारिता ,  को  लेकर ,  सम्मानित होते रहे है , ,कोटा बाल विद्यालय से प्रारम्भिक शिक्षा एक  के बाद ,बारां राजकीय महाविद्यालय में छात्र नेतागिरी से , भाई दिलीपशाह पत्रकार बने , सैकड़ों नहीं हज़ारों आंदोलनों के हिस्सेदार , बने ,गवाह बने , लेकिन बारां को जब जिला बनाने को लेकर आन्दोलन की बारी आयी , तो , दिलीप शाह मधूप , एक क्रन्तिकारी क़लमकार , पत्रकार बन गए , इनकी खबरों ने , इनकी खबरों में , बारां जिला बनाना क्यों ज़रूरी है , उनके आँकड़ों ने , समर्थन ने , और फिर जो आंदोलन पनप रहा था , उसकी क्रान्ति की ज्वाला , उसके भविष्य के खतरे , बारां जिला बनने से हाड़ोती , कोटा , और पुरे राजस्थान को फायदे के आँकड़े दिखाकर ,, यक़ीनन , बारां जिला बनवाने की महत्वपूर्ण भूमिका में दिलीप शाह  प्रमुख रहे है , बारां की  चांवल उपज  को ,  रोज़गार से  जोड़ने , बारां के विकास  से जोड़ने और राष्ट्रिय स्तर पर उसे विशिष्ठ पहचान दिलवाने में भी , दिलीप शाह मधूप की पत्रकारिता का महत्वपूर्ण भूमिका रही है , बारां ज़िले में सीताबाड़ी हो ,  बारां ज़िले में शाहबाद के सहरिया हों , उनकी शिक्षा , उनके आर्थिक उत्थान ,  उनकी रोज़गारोन्मुखी  योजनाओं , और उनकी नज़र रही  ,  उनकी  क़लम ,उनके अल्फ़ाज़  ,खबर बनकर ,कभी राष्ट्रिय समाचार पत्र में , कभी क्षेत्रीय कभी आंचलिक , कभी दैनिक , कभी साप्ताहिक समाचार पत्रों में , परशान को झकझोरते रहे , क्योंकि शाहबाद के सहरिया ,,  कांग्रेस की  स्वर्गीय इंद्रा गांधी , राजीव गाँधी , श्रीमती सोनिया गांधी , राहुल गाँधी के लिए हमेशा फोकस रहे है , इसलिए इनकी यात्राएं ,, विशेष  पैकेज की हर  रिपोर्टिंग में इनकी रिपोर्टिंग सारगर्भित , और अव्वल रही है , छबड़ा से भैरोसिंह शेखावत का चुनाव ,  इनकी रडार पर रहा ,तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया ,,  बारां झालावाड़ संसदीय क्षेत्र से ,, जब चुनाव लड़कर , पर्यटन मंत्री बनी , तो पर्यटन सर्किट का दबाव  इनकी लेखनी ने तैयार किए , उधोगों के विकास के लिए ,सुझावात्मक  रचनात्मक पत्रकारिता होने से , वहां एक तरफ , ,सहरिया की विकास योजनाओं पर फोकस हुआ , चांवल को प्रसिद्धि मिली , तो वहां सीताबाड़ी सहित , किए महत्वपूर्ण स्थानों को पर्यटन सर्किट से जोड़ा गया ,, दिलीप शाह मधुप की पत्रकारिता कार्यकाल के जोहर से तो पूरी   पोथी भर जायेगी , लेकिन दिलीप शाह जितने मधुर है , उतने ही खतरनाक भी , खतरनाक सबके लिए नहीं ,  जब जब भी पत्रकारिता की संवतंत्रता पर कुठाराघात हुआ , पत्रकारों के खिलाफ हमले हुए , दमनकारी नीति शुरू हुई ,,  नाइंसाफी हुई ,,  यह दिलीप शाह मधुप पत्रकारों के नेतृत्व के  रूप में क़लम जेब में रखकर , आस्तीनें चढ़ा कर , अपने संघर्ष के इरादों की तेज़  धारधार तलवार के साथ ,, पत्रकारों के स्वाभिमान , उनके इंसाफ की जंग में एक योद्धा बनकर कूदे है , और पत्रकारों के स्वाभिमान की हर   जंग को ,, इनके नेतृत्व में ज़िंदाबाद के साथ , फतह हांसिल हुई है , दिलीप शाह हर दिल  अज़ीज़ है , पुरे बारां को ही नहीं , हाड़ोती को ही नहीं , राजस्थान को ही  नहीं , पुरे हिंदुस्तान को , हिन्दुस्तानियों को अपने दिल में रखते  हैं , इसलिए इनके दिल को , थोड़ा और बढ़ा करने की ज़रूरत हुई , तो पिछले साल   ही दिलीप शाह ने पूरी कामयाबी के साथ , अपने दिल का सफल ऑपरेशन करवाया है , अल्लाह भाई दिलीप शाह को उनका जन्म दिन मुबारक रखे , उन्हें खूब तरक़्क़ी दे , उनकी लेखनी , उनकी निर्भीक पत्रकारिता , उनका पत्रकारों के स्वाभिमान के प्रति , जांबाज़ नेतृत्व ,, बारां सहित हाड़ोती की विकास योजनाओं , रोज़गार के अवसर और नाइंसाफी के संघर्ष की रिपोर्टंग में उन्हें सुर्खुरू रखे , अव्वलीन रखे , ,,एक बार फिर भाई दिलीप शाह मधुप को उनके जन्म दिन पर ढेरों बधाइयां , मुबारकबाद ,,

✍ अख्तर खान अकेला ,कोटा , राजस्थान