हि. वार्ता। नई दिल्ली
हमारे पूर्वजों ने कहा था कि एकता में बहुत शक्ति होती है, जिससे आप ब्रह्माण्ड में आने वाली किसी भी समस्या का हल निकाल सकते हैं|राष्ट्रमंडल का संगठन का गठन हमे यही सीख देने के लिए गठित हुआ |
राष्ट्रमंडल उन प्रभुसत्ता-संपन्न देशों का एक स्वैच्छिक संघ है, जो कभी ब्रिटिश कानून और सरकार के अधीन थे। राष्ट्रमंडल का मुख्यालय लंदन (युनाइटेड किंगडम) है। कार्यकारी भाषा: अंग्रेजी है।राष्ट्रमंडल दिवस प्रतिवर्ष 24 मई को मनाया जाता है।
राष्ट्रमंडल दिवस सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि संसार के कई देशों के द्वारा साथ मिलकर मनाया जाता है। ये दिन उन देशों के मध्य मनाया जाता है जो राष्ट्रमंडल देशों की सूची में शामिल होने के लिए निर्धारित सभी शर्तों को मानकर समझौते पत्र पर हस्ताक्षर करते हैं।
इस दिन को मनाने के पीछे का कारण इंसानियत और मानवता को बढ़ावा देना है। राष्ट्रमंडल दिवस के दिन सभी सदस्य एक साथ मिलजुलकर रहने एवं हर समस्या को शांति से मिलकर हल करने का रास्ता निकालते हैं।
संसार में बहुत से देशों पर ब्रिटिश साम्राज्य का राज हुआ करता था, धीरे-धीरे सभी देश आजादी प्राप्त कर रहे थे|इन देशों को एकत्रित रखने के उद्देश्य से ही राष्ट्रमंडल दिवस मनाने की घोषणा की गई थी, क्योंकि एकता ही इस संसार में शांति व समृद्धि कायम कर सकती है|बड़ी ख़ास बात है जिसके अधीन थे आज भी वही अध्यक्ष हैं|
राष्ट्रमंडल दिवस को मनाने के लिए हर साल एक विषय निर्धारित किया जाता है और उस विषय के आधार पर राष्ट्रमंडल में शामिल होने वाले देशों की सरकारों और राष्ट्रमंडल संगठनों के नेतृत्व में आने वाले वर्ष के दौरान की जाने वाली गतिविधियों पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है| इसके लिए सबसे पहले राष्ट्रमंडल में शामिल होने वाले देशों के नागरिक समाज के प्रतिनिधि कुछ विषय को चुनकर उस पर अपना ,अपना परामर्श देते हैं| फिर किसी एक विषय पर सहमति व्यक्त की जाती है|इसके बाद राष्ट्रमंडल की प्रमुख ‘महारानी द क्वीन’ द्वारा इसे सहमति दिया जाती है| आज का विषय प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण की रक्षा के लिए राष्ट्रमंडल देशों के सहयोग को प्रोत्साहित करता है|
53 राष्ट्रमंडल सदस्यों में भारत एक शक्तिशाली सदस्य है, 53 सदस्यों की इस मण्डली में एशिया, अफ्रीका एवं यूरोप महाद्वीपों के देशों ने सदस्यता ली है|
राष्ट्रमंडल के अंतर्गत आने वाले सभी देशों में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के माध्यम से राष्ट्रमंडल दिवस मनाया जाता है| बीते वर्षों की तरह इस वर्ष भी राष्ट्रमंडल दिवस को अफ्रीका, एशिया, कैरिबियन और अमेरिका, प्रशांत एवं यूरोप के राष्ट्रमंडल देशों में लोगों द्वारा आस्था एवं नागरिक सभा, बहस, स्कूल असेम्बली, झंडा फहराने वाले समारोह, पार्टियाँ जैसी कई गतिविधियाँ एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे|
कम शब्दों में बोला जाए तो राष्ट्रमंडल संघ की ताकत उसके सदस्य राष्ट्र है |जब तक इन राष्ट्रों ने एक दूसरे की मदद करने का प्रण ले रखा है, तब तक इस राष्ट्रमंडल संसार के भले के बारे में कार्य करता रहेगा क्योंकि सभी राष्ट्र शांति एवं एकता के समझौते पर हस्ताक्षर करने होते है ।
सन् 1901 में महारानी विक्टोरिया ने पहली बार अपने जन्म दिन पर इस तरह के संगठन में बारे में सोचा था, फिर इनकी मृत्यु के एक साल बाद सर्वप्रथम एम्पायर डे सन् 1902 में आयोजित किया गया था। कुछ समय बाद सन् 1958 में, हेरोल्ड मैकमिलन ने एम्पायर डे का बाद में नाम बदलकर राष्ट्रमंडल दिवस कर दिया था।
✍राजीव गुप्ता
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