नेशनल चैम्बर ने नदियों एवं सड़कों को जोड़ने के सम्बंध में मा.प्रधानमंत्री को लिखा पत्र।


- नदी से नदी को जोड़ने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के सपने को शीघ्र किया जाए साकार ।

- सड़क से सड़क जोड़ने का सपना हो रहा है पूरा।


- स्वर्गीय श्री वाजपेई जी ने अपने कार्यकाल में उठाया था बीड़ा।

- आगरा ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष में जल पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा।

आगरा।हि.वार्ता(धर्मेन्द्र कु.चौधरी)

नेशनल चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने मांग की कि पूरे देश में नदी से नदी को जोड़ने के लिए माननीय पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के सपने को साकार किया जाए।  चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि हमारे माननीय पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी का सपना था कि पूरे देश में नदी को नदी से तथा सड़क को सड़क से जोड़ा जाए।  इससे एक तरफ तो  आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा वहीं दूसरी ओर पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।  हमें यह कहते हुए बहुत ही प्रशंसा हो रही है कि केंद्र सरकार द्वारा सड़क से सड़क को जोड़ने के लिए पूरे देश में भारी प्रयास किया गया है। सड़कों का चौड़ीकरण करने, जगह-जगह  बाईपासों का निर्माण कर सड़क से सड़क जोड़कर, जगह-जगह फ्लाईओवर का निर्माण कर सड़क के आवागमन को इतना सुलभ बना दिया गया है कि जहां पूरे देश में पूर्व में पहुंचने में बहुत समय लगता था वहीँ अब पूरे देश में कहीं पर भी सड़क मार्ग से बहुत कम समय में पहुंचा जा सकता है।  इससे  आर्थिक गतिविधि को  बढ़ावा मिला है तथा आगे और अधिक बढ़ावा मिलेगा।  किंतु बड़े दुख का विषय है कि अभी तक नदी से नदी जोड़ने के सपने को मूर्त रूप प्रदान करने पर कोई  विशेष कार्रवाई नजर नहीं आ रही है।  हालांकि माननीय श्री नितिन गडकरी जी ने कई वर्ष पहले आगरा आगमन पर यह घोषणा की थी कि दिल्ली से आगरा तक यमुना नदी में  शीघ्र ही नौका विहार कर जल यातायात प्रारंभ किया जाएगा।   किंतु  अभी तक इस पर कोई भी कार्यवाही प्रारंभ नहीं की गई है।  नदियों से नदियों को जोड़ने की बात तो बहुत दूर अभी तक एकाध शहर को छोड़कर नदियों की सफाई का कार्य भी नहीं किया गया है।

चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने माननीय प्रधानमंत्री महोदय को पत्र लिख कर यह मांग की है की नदी से नदी को जोड़ने के कार्य  पर  केंद्र सरकार शीघ्र कार्य प्रारंभ करें जिससे माननीय अटल बिहारी वाजपेई जी का सपना साकार हो सके।  पूरे भारतवर्ष में नदी से नदी के जुड़ने से जल यातायात प्रारम्भ होने से सड़कों पर ट्रैफिक भार में कमी आएगी।  जिससे दुर्घटनाएं नहीं होंगी। सड़क पर ट्रैफिक भर काम होने से  सड़क यातायात को और अधिक गति मिलेगी,  वहीं दूसरी ओर जल यातायात के बढ़ने से पर्यटन उद्योग को बहुत अधिक बढ़ावा मिलेगा जिससे देश की आर्थिक गतिविधि को पंख लग सकेंगे।