हिन्दुस्तान वार्ता।
ये सच है कि आपदा अचानक आती है और किसी को सम्भलने का मौका भी नही देती है, और देखते ही देखते करोड़ों लोगों की आंखों में आंसू दे जाती है। कोरोना महामारी भी ऐसी ही आपदा है जिसने हमें कही का नही छोड़ा और पूरे विश्व को झकझोर कर रख दिया। भारत कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर की अवश्यम्भाविता को पहचानने में नाकाम रहने के कारण लाखों लोगों को अपनों से दूर कर दिया, परिवार के परिवार उजड़ गए, यह एक ऐसी नाकामी या चूक थी जिसकी भरपाई कोई नही कर सकता। अब विशेषज्ञों एवं बुद्धिजीवियों द्वारा बार बार अगाह किया जा रहा है कि तीसरी लहर अवश्यम्भावी है।
चार राज्यों और पंचायत चुनाव के दौरान दूसरी लहर का आंकलन करने में नाकाम रही सरकार ने ओवर कॉन्फिडेंस में अपने यहाँ वेक्सीन की कमी को नजर अंदाज करते हुए विदेशों में उसका निर्यात कर दिया जो लाखों लोगों की अकाल मृत्यु का कारण बनी।
जिस समय सभी देश अपने देशों में टीकाकरण में जुटे हुए थे वही हमारे देश मे केंद्र सरकार चुनावी रैली और कुम्भ मेले का आयोजन कर लाखों लोगों को बुलाने का खुला निमंत्रण दे रही थी और उस अनियंत्रित भीड़ ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन न करके पूरे देश में आत्मघाती तबाही मचा दी। जबकि ये वो समय था जब अन्य देशों की भांति भारत सरकार भी कोरोना के भय को भांपते हुए अपने देश में टीकाकरण के लिए जुटती और बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का प्रबंधन करके रखती।
पिछले 15 महीनों की गलतियों से सबक लेने की जरूरत है इसीलिए केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार विजयराघवन ने भी कहा है कि अगर हम कड़े उपाय अपनाते हैं तो तीसरी लहर को कहीं भी आने से रोका जा सकता है.
उन्होंने कहा है कि जिस तरह तेज़ी से वायरस का प्रसार हो रहा है कोरोना महामारी की तीसरी लहर आनी तय है.
इसके लिए राज्यों, जिलों, शहरों एवं स्थानीय स्तर पर दिशा निर्देशों के अनुसार ऑक्सीजन बेड, सुदृढ़ स्वास्थ्य सेवाओं के लिए हर समय तैयार रहना होगा।
तीसरी लहर में दूरदर्शिता दिखाते हुए सरकार को चाहिए वैक्सीन का फॉर्मूला अन्य कम्पनियों को देकर उत्पादन क्षमता में बढ़ोत्तरी करवाये जिससे हर आयु वर्ग के लिए टीका उपलब्ध हो सके तथा युद्धस्तर पर टीकाकरण किया
बुद्धिमान लोगों का मानना है कि महामारी के खिलाफ तैयारी रातों रात नही हो सकती इसलिए हर स्तर पर सरकार दूरदर्शिता दिखाए।
✍ डॉ हृदेश चौधरी
प्रदेश सचिव, आम आदमी पार्टी।