प्रेम शर्मा,लखनऊ।
घोषित कार्यक्रम के तहत आज प्रातः 11 बजे से पूर्वी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों और मंडलों के पदाधिकारियों के साथ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की वर्चुअल बैठक सम्पन्न हुई जिसमें 25 मई को काला फीता बांधकर शासनादेश की प्रतियां जलाए जाने की तैयारी की समीक्षा हुई । मिर्जापुर,भदोही, सोनभद्र, वाराणसी, चन्दौली, गाजीपुर, जौनपुर, आजमगढ़, मऊ,बलिया, बस्ती, कुशीनगर, संतकबीर नगर, गोरखपुर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, देवरिया, प्रयागराज, लखनऊ, रायबरेली के पदाधिकारियों ने कहा कि वर्तमान कोविड के संक्रमण काल में चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण विभाग के सभी कर्मचारी अपने पूरी जी-जान से कार्य कर रहे हैं, परंतु सरकार उन्हें जानबूझकर आंदोलन को मजबूर कर रही है। सभी जनपद आंदोलन के लिए तैयार हैं ।
कर्मचारी सभी स्वास्थ्य कर्मियों को 25 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि एवं किसी भी स्वास्थ्य कर्मी के शहीद होने पर उनके आश्रितों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दिए जाने की मांग कर रहे हैं ।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा न बताया कि सरकार ने घोषणा की कि सभी कर्मचारियों को इन दोनों सुविधाओ का लाभ मिलेगा लेकिन आदेश जारी होने पर इसे केवल कोविड चिकित्सालयों में कार्यरत कर्मियों हेतु सीमित कर दिया गया जिससे सभी कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। स्वास्थ्य कर्मियों की मृत्यु के उपरांत उनके आश्रितों को दिए जाने वाले बीमा धनराशि ,समस्त देयकों, व मृतक आश्रित की नियुक्ति के लिए समय सीमा तय की जानी चाहिए। कर्मचारियों ने मांग की है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों के परिवारी जनों का भी वैक्सीनेशन कराया जाए।बैठक में परिषद के उप महामंत्री पूर्वी आनंद मिश्रा, वाराणसी के जिला अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह मंत्री राकेश सिंह, बलिया के जिला अध्यक्ष अरुण सिंह, आजमगढ़ के जिला मंत्री सुभाष पांडे, गोरखपुर के जिला मंत्री डीके सिंह, देवरिया के जिला अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ला, महाराजगंज के जिला मंत्री राकेश मणि ,बस्ती के जिला अध्यक्ष एसएन शुक्ला ,वाराणसी मंडल के मंडल अध्यक्ष दयाशंकर राय सहित आदि पदाधिकारियों ने अपने विचार व कर्मचारियों में व्याप्त आक्रोश को बताते हुए बड़े आंदोलन के घोषणा की मांग की।