हिन्दुस्तान वार्ता,नोयडा। अनिल दूबे।
छात्रों में मानव मूल्यों और व्यवसायिक नैतिकता के विकास को बढ़ावा देने के लिए एमिटी एकेडमिक स्टाफ काॅलेज द्वारा शिक्षकों के लिए आॅनलाइन पांच दिवसीय शिक्षक विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस मई 10 से 14 तक संचालित होने वाले पांच दिवसीय शिक्षक विकास कार्यक्रम का शुभारंभ चिन्मया विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो नागराज नीर्चल, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला, एमिटी लाॅ स्कूल के चेयरमैन और यूजीसी क्वालीटी मैंडेट मूल्यप्रवाह के चेयरपरसन डा डी के बंद्योपाध्याय और एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ सोशियल सांइसेस की निदेशिका डा निरूपमा प्रकाश द्वारा किया गया। इस अवसर पर एमिटी काॅलेज आॅफ कामर्स एंड फाइनेंस की निदेशिका डा सुजाता खंडाई भी उपस्थित थी।
पांच दिवसीय शिक्षक विकास कार्यक्रम का शुभारंभ चिन्मया विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो नागराज नीर्चल ने ‘‘ पुरानी जड़े और नये अंकुर’’ विषय व्याख्यान देते हुए कहा कि मूल्यों को जीवन मे ंउतारना और उसका अभ्यास आवश्यक है। मूल्य आधारित ही नही बल्कि मूल्य वर्धित होना आवश्यक है। हमें भारतीय ज्ञान की प्रणाली की प्रासंगिकता को समझना होगा। मूल्य, धर्म या नैतिकता से उत्पन्न होता है। हम अपने संस्थान में भारतीय ज्ञान प्रणाली को पाठयक्रम से जोड़ते है। 21 वी सदी में कैरियर निर्माण के अंर्तगत कैरियर परिवर्तन और उसके पथ में निरंतर परिवर्तन आया है और यही परिवर्तन व्यवसायिक अभ्यास में भी दिखा है। उन्होनें कहा कि सीखने के लिए सीखना आवश्यक है, स्वंय के कैरियर के लिए निरंतर फिर से शिक्षित होना होगा और अपने उपकरणों को अपडेट करना होगा। सीखना सीखों के अंर्तगत निरंतर अभ्यास, मुझे जानकारी नही, सीखना आसान नही, सीखने की आदत और स्वंय को सीखना होगा। प्रो नीर्चल ने कहा कि मूल्य आधारित और मूल्य वर्धित को जोड़ना होगा। मूल्य आधारित शिक्षा में नैतिक मूल्य पाठयक्रम में शामिल होते है, शास़्त्र उद्धृत है वही मूल्य आधारित शिक्षा में प्रयोगिक, समसायिक और प्रोत्साहित ज्ञान प्रदान किया जाता है। उन्होने भारतीय ज्ञान प्रणाली और समयायिक ज्ञान प्रणाली के बारे में बताते हुए दोनो ंको जोड़ का शिक्षण मूल्यों के संर्दभ में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला ने संबोधित करते हुए कहा कि एमिटी में हम प्रारंभ में मानव मूल्यों के साथ उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते है। इसी क्रम में विश्वविद्यालय में मानव मूल्य दिवस, सप्ताह, त्रैमाह और वर्ष का आयोजन किया जाता है। शिक्षण का उददेश्य समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान देना है और इसके लिए छात्रों को मानव मूल्यों और नैतिकता से पोषित करना आवश्यक है। मूल्यों को सीखाया नही जा सकता बल्कि छात्रों को मूल्य विकास के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा सकता है। यूजीसी क्वालिटी मैंडेंट के गुरू दक्षता, मूल्य प्रवाह और जीवन कौशल के तहत, उच्च शिक्षण संस्थानो ंद्वारा छात्रों में मूल्य विकास हेतु कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। शिक्षक विकास कार्यक्रम के जरीए हम शिक्षकों को छात्रो ंमेे मूल्य विकास और नैतिक विकास के तरीको और प्रोत्साहन करने की आधुनिक जानकारी प्रदान करते है।
एमिटी लाॅ स्कूल के चेयरमैन और यूजीसी क्वालीटी मैंडेट मूल्यप्रवाह के चेयरपरसन डा डी के बंद्योपाध्याय ने कहा कि अगर आप छात्रों के अदंर मूल्य विकास और नैतिकता को बढ़ाना चाहते है तो आपको शिक्षकों और कर्मचारियों को स्वंय के मध्य मूल्य विकास और नैतिकता के अभ्यास को विकसित करना होगा। इस दौरान उन्होनें मूल्यप्रवाह के उददेश्य और मूल्य प्रवाह मैपिंग के अंर्तगत खाताधारको के मूल्य और नैतिकता की जानकारी दी।
एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ सोशियल सांइसेस की निदेशिका डा निरूपमा प्रकाश ने सभी अतिथियों और प्रतिभागीयो ंका स्वागत करते हुए कहा कि एमिटी सदैव छात्रों को शिक्षण प्रदान करने के साथ मूल्य विकास और नैतिकता विकास को तहरीज दी है जिससे छात्र देश के जिम्मेदार नागरिक बन कर राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकें।
इस आॅनलाइन पांच दिवसीय शिक्षक विकास कार्यक्रम के अंर्तगत प्रथम दिन सत्रों में विद्या इंडिया एहेड की संस्थापिका निदेशिका सुश्री रश्मी मिश्रा, जिमी मैकगिलिगन सेंटर फाॅर संस्टेनेबल डेवलपमेंट की निदेशिका पद्मश्री डा जनक पाल्टा मैकगिलिगन ने अपने विचार व्यक्त किये।