महामारी के बीच बिजली दर घोषित कराने का आदेश अनुचित उपभोक्ता परिषद ऊर्जा मंत्रालय के आदेश का करेगा विरोध।




प्रेम शर्मा,लखनऊ। 
नई बिजली दरों की घोषणा के लिए केन्द्र का ऊर्जा मंत्रालय नियामक आयोग पर दबाव बना रहा है। नियामक आयोगों को इस महामारी के दौर में तीन मई जो आदेश जारी किया गया है उसके मुताबिक वर्ष 2021 -22 हेतु बिजली दर घोषित करने का दबाव बनाया जा रहा है। राज्य उपभोक्ता ने इस आदेश को जनविरोधी बताते हुए इसका हर स्तर पर विरोध करने का निर्णय लिया है। 
उपभोक्त परिषद का कहना है कि वर्तमान में जब पूरा देश कोरोना संकट से परेशान है बड़े पैमाने पर लोगो की जाने जा रही इसी बीच केंद्र सरकार ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 3 मई को सभी उन राज्यों के नियामक आयोग के  लिए एक आदेश जारी किया गया है जहा वर्ष 2021 -22 हेतु बिजली दर घोषित नहीं की गयी  अबिलम्ब बिजली दर घोषित करने पर उस राज्य के नियामक आयोग डिस्कॉम की वित्तीय स्थित को देखते हुए निर्णय ले । जबकि ऊर्जा मंत्रालय इस बात से अन्जान नही कि  वर्तमान में पूरा देश  कोरोना संकट से लड़ रहा है और केंद्र सरकार ऊर्जा मंत्रालय जहा बिजली दर नहीं घोषित हुई है उस राज्य नियामक आयोग पर बिजली दर घोषित कराने का दबाव बना रहा जो पूरी तरह उपभोक्ता विरोधी कार्यवाही को दर्शाता है। उत्तर प्रदेश में बिजली दर के सम्बंद में बिजली कम्पनियो द्वारा ए0आर0आर ही समय से दाखिल नहीं किया गया और ए0आर0आर स्वीकार होने के बाद सब समाचार पत्रों में विज्ञापन के बाद सुनवाई सुरु होने को ही थी तभी कोरोना संकट फैल गया जिसके चलते विद्युत नियामक आयोग  ने 30 अप्रैल की बिजली दर की सुनवाई को उपभोक्ता परिषद् की याचिका पर 17 मई के लिए टाल दिया अब केंद्र सरकार द्वारा कोरोना संकट में बिजली दर घोषित कराने के लिए दबाव बनाना वह भी एक आदेश जारी करके पूरी तरह उपभोक्ता विरोधी कार्यवाही को दर्शाता है यह वही बात हो रही है की आपदा में भी अवसर तलाश रहे है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के  अवधेश कुमार वर्मा ने  कहा केंद्र सरकार ऊर्जा मंत्रालय को पूरी तरह पता है की उत्तर प्रदेश में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओ का करोड़ो रुपया विजली कम्पनियो पर निकल रहा है जिसको न देना पड़े उसमे केंद्र का ऊर्जामंत्रलय बिजली कम्पनिया मिली है जिसे उपभोक्ता परिषद् कामयाब होने नहीं देगा। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि वर्तमान में केंद्र सरकार वास्तव में प्रदेश के उपभोक्ताओ का भला चाहती है तो उसे राज्य नियामक आयोग को प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओ का बिजली कम्पनियो पर निकल रहे रहे लगभग 19535 करोड़ के एवज में 3 साल तक 8 प्रतिशत बिजली दरों में कमी करने के लिए आदेश देना चाहिए।