गंगा दशहरा कब है ? जानिए शुभूमुहूर्त और महत्व सहित 10 महत्वपूर्ण जानकारी : "गौसेवक" खोजी बाबा।



    हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रति वर्ष ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा पर्व मनाया जाता है। इस बार यह तिथि 20 जून 2021, रविवार को मनाई जा रही है। आइए जानते हैं गंगा दशहरा क्यों खास हैं, जानिए इस पर्व का महत्व।

 

 गंगा दशहरा का महत्व :-


धार्मिक मान्यता के अनुसार, गंगा मां की आराधना करने से व्यक्ति को दस प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। गंगा ध्यान एवं स्नान से प्राणी काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सर, ईर्ष्या, ब्रह्महत्या, छल, कपट, परनिंदा जैसे पापों से मुक्त हो जाता है। गंगा दशहरा के दिन भक्तों को मां गंगा की पूजा-अर्चना के साथ दान-पुण्य भी करना चाहिए। गंगा दशहरा के दिन सत्तू, मटका और हाथ का पंखा दान करने से दोगुना फल की प्राप्ति होती है।

 

गंगा दशहरा शुभ मुहूर्त :

गंगा दशहरा शनिवार, 19 जून 2021 को शाम 06:46 मिनट से दशमी तिथि का प्रारंभ होगी, जो 20 जून 2021, रविवार शाम 04:22 मिनट तक रहेगी। 


गंगा दशहरा पर्व रविवार, 20 जून 2021, दशमी तिथि को मनाया जाएगा।


 

आईये जानें 10 खास बातें।

 

1. गंगा दशहरा पर्व सनातन संस्कृति का एक पवित्र त्योहार है। 


2. धार्मिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। 

 

3. गंगा दशहरा के दिन पवित्र नदी गंगा में स्नान करने से मनुष्य अपने पापों से मुक्त हो जाता है। 

 

4. गंगा, नदी स्नान के साथ-साथ इस दिन दान-पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन सत्तू, मटका और हाथ का पंखा दान करने की मान्यता है।

 

5. मंत्र- नमो भगवते दशपापहराये गंगाये नारायण्ये रेवत्ये शिवाये दक्षाये अमृताये विश्वरुपिण्ये नंदिन्ये ते नमो नम:

 

6. गंगा दशहरा के दिन अपने पितृ को याद करके उन्हें जल अर्पण करना चाहिए। 

 

7. शास्त्रों के अनुसार गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान के बाद सूर्यदेवता को जल अर्घ्य देना चाहिए, तत्पश्चात दान अवश्य करना चाहिए। 

 

8. देवी भागवत के अनुसार शतशः योजन दूर बैठा मनुष्य भी यदि गंगा के नाम का उच्चारण करता है, तो वह पापों से मुक्त होकर भगवान श्रीहरि के धाम को प्राप्त करता है।

 

9. गंगा भगवान विष्णु का स्वरूप है। इसका प्रादुर्भाव भगवान के श्रीचरणों से ही हुआ है। तभी तो गंगा (मां) के दर्शनों से आत्मा प्रफुल्लित तथा विकासोन्मुखी होती है।

 

10. यदि कोई भी श्रद्धालु स्नान से पहले गंगा का आवाहन करता है और नदी में डुबकी लगाने से पहले उसी में गंगा की उपस्थिति की अनुभूति करता है।

   

*श्री गंगा मैया की आरती*

 

ॐ जय गंगे माता, श्री गंगे माता।

जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता।

ॐ जय गंगे माता...

 

चन्द्र-सी ज्योत तुम्हारी जल निर्मल आता।

शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता।

ॐ जय गंगे माता...

 

पुत्र सगर के तारे सब जग को ज्ञाता।

कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता।

ॐ जय गंगे माता...

 

एक ही बार भी जो नर तेरी शरणगति आता।

यम की त्रास मिटा कर, परम गति पाता।

ॐ जय गंगे माता...

आरती मात तुम्हारी जो जन नित्य गाता।

दास वही जो सहज में मुक्ति को पाता।

ॐ जय गंगे माता...

ॐ जय गंगे माता...।।


*🙏🏻बोलिये गंगा मैया की जय🙏🏻*

                

               *"गौसेवक" पं. मदन मोहन रावत*

                                          *"खोजी बाबा"*

                                        *9897315266*


*🙏🏻🕉️🚩हर हर महादेव🚩🕉️🙏🏻*

*🙏🏻🕉️🚩घर घर महादेव🚩🕉️🙏🏻*