एमिटी में ‘‘प्रसन्नता का डिजाइन - सचेत संगठनों का निर्माण और हर्षिल व्यक्ति’’ विषय पर शिक्षक विकास कार्यक्रम का शुभारंभ



हिन्दुस्तान वार्ता, नोयडा।अनिल दूबे।

जीवन में सफलता के लिए प्रसन्नतापूर्वक जीवन जीना अत्यंत महत्वपूर्ण है इसी पर ध्यान केन्द्रीत करते हुए एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी इंटरनेशनल बिजनेस स्कूल द्वारा रेखी सेंटर आॅफ एक्सलेंस फाॅर द सांइस आॅफ हैप्पीनेस और मध्य प्रदेश सरकार के राज्य आनंद संस्थान जो कि भारत का पहला प्रसन्नता मंत्रालय है के संयुक्त तत्वाधान में ‘‘ प्रसन्नता का डिजाइन - सचेत संगठनों का निर्माण और हर्षिल व्यक्ति’’ विषय पर पांच दिवसीय शिक्षक विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जून 30 से 04 जुलाई के मध्य आयोजित इस शिक्षक विकास कार्यक्रम का शुभारंभ मध्य प्रदेश सरकार के राज्य आनंद संस्थान जो कि भारत का पहला प्रसन्नता मंत्रालय है के सीईओ श्री अखिलेश अर्गल, आर सिस्टम के संस्थापक डा सतीन्द्र सिंह रेखी, बिजनेस वल्र्ड मैग्जीन के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ डा अनुराग बत्रा और एमिटी गु्रप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न संस्थानों से शिक्षकों ने हिस्सा लिया है।


मध्य प्रदेश सरकार के राज्य आनंद संस्थान जो कि भारत का पहला प्रसन्नता मंत्रालय है के सीईओ श्री अखिलेश अर्गल ने संबोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने पहल करते हुए लोगो को प्रसन्न रहने के महत्व के प्रति जागरूक करने के लिए राज्य आनंद संस्थान की पहल की हेर्। िवश्व प्रसन्नता रिपोर्ट के अनुसार भारत विश्व में 139 स्थान पर है। प्रसन्नता और भौतिकवादी सुख के मध्य कोई संबध नही है, प्रसन्नता हमारे मन मस्तिष्क के आंतरिक भाग का हिस्सा है। जीवन में सफलता के लिए प्रसन्न रहना अत्यंत आवश्यक है। शासन में भी प्रसन्नता के अहम भूमिका निभाती है जो व्यक्ति की क्षमता को बढ़ाती है, उत्पादकता को गती प्रदान करता है। प्रसन्नचित कार्यबल सदैव अधिक रचनात्मक, समस्या निवारक के साथ सहयोगी, समयनिष्ठ, समूह कार्य मे निपुण (चाहे नेतृत्व करना हो या समूह के सदस्य हो) होता है। प्रसन्नता के प्रति जागरूक करने के लिए शिक्षण संस्थान एक बेहतरीन स्थान है, आने वाले छात्र कल का भविष्य है इसलिए आने वाले भविष्य को प्रसन्नचित बनाने की जवाबदारी हम सबकी है। हमें समृद्धि और धन के मध्य के अंतर को समझना होगा। गुणवत्तापूर्ण जीवन के लिए स्थिर प्रसन्नचित होना आवश्यक है। इस तरह के कार्यक्रमों से प्रसन्नता की एक श्रृखंला बनेगी और अधिक से अधिक लोग लांभावित होगें।


आर सिस्टम के संस्थापक डा सतीन्द्र सिंह रेखी ने संबोधित करते हुए कहा कि एक शक्तीशाली भावना आपके जीवन को बदल सकती है। जीवन एक कभी ना समाप्त होने वाला इतिहास है। उन्होनें एक कहानी के माध्यम से बताया कि एक व्यक्ति जो कार्य में अधिक डूबा हुआ था अपने पिता के कहने पर खजाने की खोज में जाता है किंतु जाते वक्त राह में ना तो प्रकृति को निहारता है ना ही लोगों से मिलता है, खजाना ना मिलने पर जब वापस आता है तो प्रकृति की छटाओं में खो जाता है और लोगों से मेजलोज बढ़ाते हुए लौटता है और उस प्रेम और प्रसन्नता के असली खजाने की प्राप्ती होती है। डा रेखी ने कहा कि जीवन के दो भाग है या तो जीवन निस्तेज है जिसमें आप प्रसन्नत या दुखी नही है और अत्यंत व्यस्त है और द्वितीय समृ़िद्धशाली जो कभी ना समाप्त होने वाली प्रसन्नचित यात्रा है।


बिजनेस वल्र्ड मैग्जीन के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ डा अनुराग बत्रा ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रसन्नत आपके विचारों और कार्य करने के मध्य का स्थान है। अपना बेहतरीन प्रदर्शन करना, अच्छी नींद लेना, प्रियजनों को देखना, मनपंसद किताबें पढ़ना और संगीत सुनना ही प्रसन्नता है। जीवन में प्रसन्न रहने के लिए दो बातो आवश्यक है प्रथम स्वंय को जाने जिसमें आप जैसे भी प्रसन्न रहें और द्वितीय सदैव प्रसन्न रहे, सकरात्मक रहे। डा बत्रा ने कहा कि अगर आप मन से स्वंय को अप्रसन्न या हारा हुआ महसूस करते है तो जीवन ऐसा ही होगा और जीता हुआ महसूस करते है तो जीवन प्रसन्नचित होगा। अगर आप अन्य लोगों को खुशी प्रदान करेगें तो आप भी प्रसन्नता महसूस करेगें। प्रसन्नता सदैव आपके अपने कार्य और अपेक्षाओं से आती है।


एमिटी गु्रप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि एक शोध के अनुसार लगभग 78 प्रतिशत लोग प्रसन्नता से जुड़ी समस्याओं जैसे मानसिक परेशानी आदि से जुझते है और इसमें 90 प्रतिशत लोगों को इसकी जानकारी भी नही होती। लोग अपने क्रोध पर नियंत्रण नही कर पाते, प्रसन्न रहने के लिए सर्वप्रथम आपको अपने मनोभाव या क्रोध पर नियंत्रण करना आना चाहिए। डा सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में छात्र कई प्रकार की समस्याओं से ग्रसित है और शिक्षकों को उन्हे समझ कर उनका सही मार्गदर्शन करना चाहिए। अगर शिक्षक प्रसन्न नही होगें तो प्रसन्नतापूर्ण समाज का निर्माण संभव नही है। हमें लोगों की मदद करने और उन्हे प्रसन्न करने सहित सकारात्मक विचार करने प्रेरित करने का अभ्यास की जानकारी होनी चाहिए। यह शिक्षक विकास कार्यक्रम हम सभी के लिए लाभप्रद होगा।


इस शिक्षक विकास कार्यक्रम के अंर्तगत प्रथम दिन विभिन्न सत्रों के अंर्तगत प्रथम सत्र ‘‘ स्वंय और समाज के प्रति जागरूकता’’ पर आयोजित किया गया जिसमें राज्य आनंद संस्थान के प्रशिक्षक डा अनिता जैन, डा समीरा नायिम, श्री सत्य प्रकाश आर्या ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर प्रसन्नता के परिवर्तीत ताकत, स्पेस रिसर्च संस्थान में कार्य करने की खुशी, एक हर्षित व्यक्ति बनने के लिए स्वंय को विकसित करे आदि विषयों पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन एमिटी इंटरनेशनल बिजनेस स्कूल के डा नितिन अरोरा द्वारा किया गया।

-------------------------------------------------------

अधिक जानकारी के लिए संर्पक करें - अनिल दूबे - 9818671697