शारीरिक और मानसिक स्वस्थता में योग के महत्व पर एमिटी विश्वविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन

 





हिन्दुस्तान वार्ता, नोएडा।अनिल दूबे।

छात्रों, शिक्षको और कर्मचारियों को शारीरिक और मानसिक स्वस्थता में योग के महत्व की जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ इंडियन सिस्टम आॅफ मेडिसिन द्वारा ‘‘ योग और सचेतनता - नवोन्मेषक रणनितीयां और अभ्यास’’ विषय पर 10 से 15 जून तक छह दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में प्रतिदिन प्रख्यात योग प्रशिक्षिका डा नेहा जैनर द्वारा योग के विभिन्न आसनों और प्राणायामों की प्रयोगिक जानकारी प्रदान की गई इसके अतिरिक्त जीवन में स्वस्थता मे योग की महत्वपूर्ण भूमिका पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान भी प्रदान किया गया। इसी क्रम में आज वर्ल्ड योगा कम्यूनिटी टू यूनाईटेड नेशनंस के ग्लोबल चेयरमैन और सीईओ, जगतगुरू दिलिप जी महाराज द्वारा ‘‘ स्थायी स्वस्थ जीवनशैली हेतु योग’’ विषय पर व्याख्यान दिया गया। इस अवसर पर एमिटी साइंस टेक्नोलाॅजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती, एमिटी विश्वविद्यालय के हेल्थ एंड एलाइड सांइस के डीन डा बी सी दास, एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ इंडियन सिस्टम आॅफ मेडिसिन की एस्सीटेंट डायरेक्टर डा स्वाती मदान ने जगतगुरू दिलिप जी महाराज का स्वागत किया।

वर्ल्ड योगा कम्यूनिटी टू यूनाईटेड नेशनंस के ग्लोबल चेयरमैन और सीईओ, जगतगुरू दिलिप जी महाराज द्वारा ‘‘ स्थायी स्वस्थ जीवनशैली हेतु योग’’ विषय पर व्याख्यान देते हुए योग हमारे देश की प्राचीन परंपरा का हिस्सा रहा है और लोग शारीरिक और मानसिक स्वस्थता के लिए योग का उपयोग निरंतर करते थे। स्थायी स्वस्थ जीवनशैली हेतु योग अत्यंत आवश्यक है और नियमित योग से आप मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकते है। उन्होनें कहा कि जीवन के हर क्षण में सकरात्मक रहना आवश्यक है। भारत एक समृद्धशाली देश रहा है, कई बार विदेशी आक्रमणकर्ताओं ने आक्रमण किया और धन को लूट कर ले गये किंतु वो हमारे ज्ञान को समाप्त नही कर पाये। हमारे ज्ञान ने हमें क्षमतावान बनाये रखा। भारत ने सदैव वसुधैव कुटुबंकम का पालन करते हुए विश्व को परिवार की संज्ञा दी है और अपने योग के ज्ञान को पूरे विश्व को बांटा है। वल्र्ड योगा कम्यूनिटी का उददेश्य लोगों को योग के तरीकों और लाभ की सत्य जानकारी प्रदान करना है। हम योग के हर स्वरूप को मानते है। जीवन एक बहता हुआ जल है इसलिए सभी के प्रति पे्रमभावना रखें, जीवन मे शिकायत की बजाय, उसकी प्रशंसा करें। आप शरीर की स्वस्थता के प्रति सचते रहे। एमिटी द्वारा छात्रों को वैश्विक नागरिक बनाने के लिए किये जा रहे कार्य की तारीफ करते हुए उन्होनें कहा कि इससे विश्व में शांती और सौहार्द्र फैलेगा।

एमिटी साइंस टेक्नोलाॅजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने स्वागत करते हुए कहा कि एमिटी ने सदैव आधुनिक विज्ञान के साथ भारत की परंपरा, चिकित्सीय प्रणाली और योग के महत्व को समझा है और छात्रों को अपनाने के लिए जागरूक किया है। उन्होनें कहा कि हम छात्रों को शोध और नवाचार के लिए प्रेरित करते है जिससे भारत के पांरपरिक ज्ञान को वैज्ञानिक आधार बना कर प्रस्तुत किया जा सके और लोग उसका लाभ प्राप्त करें।

आज प्रख्यात योग प्रशिक्षिका डा नेहा जैनर द्वारा योग की प्रयोगिक जानकारी के अंर्तगत प्रतिभागियों को भुजंगासन, पद्मासन, वज्रासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, च्रकासन, मत्स्यासन, शल्भासन, त्रिकोणासन आदि करने के तरीके उनके लाभ और करने के दौरान बरती गई सावधानियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की।

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एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ इंडियन सिस्टम आॅफ मेडिसिन द्वारा ‘‘ योग और सचेतनता - नवोन्मेषक रणनितीयां और अभ्यास’’ विषय पर 10 से 15 जून तक छह दिवसीय कार्यशाला के समापन समारोह में एमिटी साइंस टेक्नोलाॅजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने ‘‘ स्वास्थय के लिए योग - वैज्ञानिक परिपेक्ष्य’’ पर  व्याख्यान दिया। डा सेल्वामूर्ती ने कहा कि हमे योग को दिनचर्या का हिस्सा बनाना होगा और यौगिक जीवन जीना होगा। कोविड 19 से कई व्यक्तियों को मानसिक रोगों से ग्रस्त कर दिया, अनिश्चितता से तनाव और चिंता बढ़ी है। योग के जरीए हम इन रोगों से मुक्त हो सकते है। डा सेल्वामूर्ती ने योग के 8 भाग प्राणायाम, आसन, यम, नियम, प्रतिहार, ध्यान और समाधि के बारे में बताते हुए शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक स्वस्थता के संर्दभ में जानकारी प्रदान की।

  इस अवसर पर योग और नैचुरोपैथी विशेषज्ञ डा डी डी विचित्र, प्रोत्साहक वक्ता एवं योग विशेषज्ञ डा नेहा कथुरिया भी उपस्थित थी। एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ इंडियन सिस्टम आॅफ मेडिसिन की एस्सीटेंट डायरेक्टर डा स्वाती मदान और एस्सीटेंट प्रोफेसर डा विनम्र शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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