गैर तकनीकि कार्यो से मुक्त रखे जाए अभियंता: द्विवेदी मुख्य सचिव के आदेश का जनपदों में उपेक्षा, बिना अभियंताओं के गुणवत्ताविहीन होगें विकासकार्य



प्रेम  शर्मा, लखनऊ। 

डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग ने प्रदेश सरकार का ध्यान एक विशेष विषम परिस्थिति तरफ आकृर्षित कराते हुए गैर तकनीकि कार्यो से अभियंताओं को मुक्त रखने की मांग की है। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग के अध्यक्ष इं. एन.डी. द्विवेदी ने कहा है कि चुनाव जैसे महापर्व में अभी अवर अभियंताओ ने डियुटी निभाई। इस दौरान काफी संख्या में अभियंताओं की मृत्यु भी कोराना संक्रमण के हो चुकी है। अब जनपदों में मुख्य सचिव द्वारा 23 अप्रैल 2020 के आदेश की अवहेलना करते हुए कोविड निगरानी समितियों के तह्त सेक्टर मजिस्टेट का काम लिया जा रहा है। उन्होंने इसके सापेक्ष होने वाले विकास कार्यो की एक झलक दिखाते हुए बताया कि मार्च और अप्रैल में प्रदेश भर रिफाइ्रनरी से 40 प्रतिशत विटुमिन उठाया जाता था लेकिन अब तक मात्र दस प्रतिशत विटुमिन उठा पाया है। यानि पंचायत चुनाव के चलते 30 प्रतिशत काम पिछड़ चुका है। अब जैसे ही बारिश होगी सड़क का कोई काम नही होगा यानि न सड़के बनेगी और मरम्मत हो पाएगी यानि अगले साल उस सड़क पर दो गुना कार्य करना पड़ेगा। उनका कहना है कि विटुमिन ओर सीसी कार्य के दौरान अवर अभियंता और सहायक अभियंता की उपस्थिति अनिवार्य है ऐसे गैर तकनीकि कार्य में लगे अभियंताओं की अनुपस्थिति में होने वाले कार्यो की जिम्मेदारी कौन लेगा। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के पत्र के सापेक्ष इन्ही तथ्यों और विकास कार्यो की प्रभावित होने का उल्लेख करते हुए लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष इं. प्रदीप कुमार सक्सेना ने भी प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है।


इं. एन.डी. द्विवेदी ने विभागाध्यक्ष और शासन को लिखे पत्र में कहा है कि पहले भी अवर अभियंताओं को कोविड-19 ड्यूटी से कार्य मुक्त किए जाने के संबंध में संघ द्वारा प्रमुख अभियंता को पत्र लिखा गया।संघ के प्रतिनिधि मण्डल की प्रमुख अभियंता ासे बातचीत में सहमति व्यक्त करते हुए प्रमुख सचिव को पत्र लिखा गया। उन्होने बताया कि मुख्य सचिव द्वारा विगत वर्ष भी लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंताओं को कोविड-19 से कार्यमुक्त किए जाने के संबंध में शासनादेश जारी किया गया था जो अभी भी प्रभावी है। परंतु अधिकांश जिलाधिकारी द्वारा मुख्य सचिव के शासनादेश को नहीं माना जा रहा है। मुख्य सचिव के शासनादेश का अनुपालन न किए जाने के कारण प्रदेशभर के अवर अभियंताओं में व्यापक आक्रोश व्याप्त है।ऐसी स्थिति में सरकार के प्रयास के बावजूद विकास कार्य की प्रगति भी नहीं आ पा रहे है। प्रत्येक वर्ष के कार्य अवधि में 3 माह वर्षा ऋतु एवं दो माह भीषण शीत ऋतु के कारण विटामिन से संबंधित कार्य नहीं हो सकता है। इस प्रकार एक वित्तीय वर्ष में मात्र 7 माह कार्य के अनुकूल होते हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष के दो माह जो कार्य के अनुकूल हैं माह अप्रैल एवं मई व्यतीत हो जाने के उपरांत रिफाइनरी से मात्र 10 प्रतिशत बिटुमिन उठाए गए हैं । उससे स्पष्ट है की इन 2 माह में लगभग 40 प्रतिशत प्रगति आनी चाहिए थी परंतु मात्र 10 प्रतिशत प्रगति है। अब आने वाले समय में जब विकास कार्यो की समीक्षा की जाए तो अवर अभियंताओं पर दबाव बनाया जाएगा कि कम समय में कार्य को समाप्त करें । जिससे गुणवत्ता प्रभावित होने की प्रबल संभावना रहती है। अतः ऐसी स्थिति में प्रदेश के पिछड़ते विकास कार्यो, सड़क और पुलिया के निर्माणों और मरम्मत के लिए तत्काल प्रभाव से अभियंताओं को गैर तकनीकि ड्युटी से मुक्त रखा जाए।