सोवरन गोल्ड बांड (एसजीबी) सीरीज (III) का लाभ उठायें 4 जून तक ।चैंबर






गोल्ड बांड द्वारा निवेश करने का उचित अवसर ।


गोल्ड लोन योजना भी है एक बेहतरीन विकल्प ।


कोविड 19 के कारण पूंजी की समस्या का समाधान कर सकते हैं लघु एवं माध्यम व्यापारी।  

आगरा।हि .वार्ता।(धर्मेन्द्र कु.चौधरी)

आज दिनांक 31 मई 2021 को चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल की अध्यक्षता में  एक वर्चुअल बैठक का आयोजन सायं 4 बजे किया गया। इस बैठक में  उद्योग और व्यापार के हित में  महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा की गई।  

इस बैठक में कर विशेषज्ञ श्रीमती रुचि अग्रवाल द्वारा गोल्ड बांड्स  योजना  के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि सोवरन गोल्ड बांड - एसजीबी  निवेशकों के लिए एक बहुत ही बेहतर विकल्प है।  भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से सॉवरेन गोल्ड बांड - एसजीबी 2021-22 सीरीज (iii ) जारी की है।  जिसके मूल्य का ऑनलाइन भुगतान करने पर रुपए 4839 प्रति ग्राम प्रति ग्राम और अन्य तरीकों से भुगतान करने पर रुपए 4899 प्रति ग्राम है। गोल्ड बॉन्ड लेने से निवेशकों को प्रतिवर्ष 2.5% की दर से वार्षिक ब्याज दिया जाएगा जो कि प्रति 6 माह बाद यह होगा।  इसकी समय अवधि 8 वर्ष की होगी।  8 वर्ष पूर्ण होने पर ग्राहक को प्राप्त होने वाली कुल राशि, उस तिथि पर पर सोने की जो बाजार में कीमत होगी, उस पर देय होगी।  जो पूरी तरह से कर मुक्त होगी।  यदि किसी निवेशक को समय अवधि से पूर्व इस बॉन्ड की योजना से बाहर आना होता है तो इसके लिए अलग-अलग दर लागू है।  इस योजना में दूसरे विकल्पों जैसे गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड म्यूचल फंड और फिजिकल गोल्ड की अपेक्षा गोल्ड बॉन्ड का एक्सपेंसेस रेशिओ शयन्य है।  अन्य विकल्पों में निवेशक को बांड क्रय करने के लिए  उसका प्रक्रियात्मक व्यय  निवेशक को ही  सहन करना पड़ता है जबकि  एसजीबी  योजना में  कोई निवेशक का  किसी प्रकार का व्यय नहीं आता है। फिजिकल गोल्ड काफी जोखिमभरा होता है जबकि एसजीबी योजना में कोई जोखिम नहीं हैं।   एसजीबी में गोल्ड बॉन्ड  आप अपनी बैंक  से क्रय  कर सकते हैं  या इसके लिए अधिकृत अन्य एजेंसियों से भी गोल्ड बॉन्ड क्रय  किया जा सकता है।  एसजीबी में कोई भी व्यक्ति एचयूएफ अधिकतम 4 किलोग्राम प्रति वर्ष मूल्य तक का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है जबकि ट्रस्ट और अन्य संस्थाओं के लिए अधिकतम सीमा 20 किलोग्राम प्रति वर्ष है।  यह योजना (एसजीबी - iii ) आज 31 मई से 4 जून तक खुली रहेगी।  यह गोल्ड बॉन्ड स्टॉक एक्सचेंज पर भी ट्रेडेविल होते हैं।   गोल्ड बांड क्रय करने का यह उचित समय है।  विगत वर्षों के अनुभव के आधार पर सोना का कीमत 5 से 7 वर्ष की समय अवधि में लगभग 33% से 80% तक  बढ़ जाती है। 

चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा द्वारा बताया गया कि निवेशकों के लिए एसजीबी योजना जितनी उपयुक्त है वहीँ गोल्ड लोन की योजना भी उद्योग व व्यापार के लिए उपयोगी है। गोल्ड लोन की योजना में एक तरफ तो गोल्ड धारक को लॉकर की परेशानी से बच जाता है वहीं दूसरी ओर कम दर पर लोन प्राप्त कर अपने उद्योग व्यापार को आगे बढ़ाया जा सकता है। यह योजन विशेष रूप से लघु एवं माध्यम व्यापारियों के लिए उपयोगी है जो कोरोना संक्रमण के कारण पूंजी की समस्या से गुजर रहे हैं। 

चैम्बर  अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने दोनों कर अधिवक्ताओं -  रुचि अग्रवाल  एवं चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा जी को गोल्ड बॉन्ड एवं गोल्ड लोन की जानकारी देने के लिए धन्यवाद प्रेषित किया और आशा व्यक्त की कि उद्यमी एवं व्यापारी इन महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ प्राप्त करेंगे।

सभी प्रतिभागियों द्वारा इन दोनों योजनाओं की जानकारी को उद्योग और व्यापार के लिए  बहुत ही उपयोगी बताया। 

 बैठक में अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, उपाध्यक्ष सुनील सिंघल, कोषाध्यक्ष गोपाल खण्डेवाल, वक्ता  रुचि अग्रवाल, सदस्यों में  सचिन सारस्वत, विजय बंसल, राज कुमार भगत, मनोज अग्रवाल,  विजय बंसल, रविंद्र अग्रवाल, संजीव कुमार गुप्ता, अंबा प्रसाद गर्ग, सतीश अग्रवाल, मुकेश गोयल, हरिओम अग्रवाल, वीरेंदर कुमार गुप्ता, राजेश अग्रवाल पूर्व अध्यक्ष सीता राम अग्रवाल, प्रदीप कुमार वार्ष्णेय,योगेंद्र कुमार सिंघल, अनिल वर्मा, प्रमोद कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल,  महेंद्र कुमार सिंघल, अतुल कुमार गुप्ता, भुवेश कुमार अग्रवाल, राजीव तिवारी, श्रीकिशन गोयल, आदि ने मुख्य रूप से प्रतिभाग किया।