सीमा विस्तार से आए ग्रामीण क्षेत्रों के औद्योगिक क्षेत्रों से नगर निगम नहीं बसूलेगा कर ।
एजेंडा से हटकर इस प्रस्ताव को किया है पास।
उद्यमियों और व्यापारियों को बड़ी राहत।
उद्यमियों और व्यापारियों में हर्ष की लहर।
मुख्यमंत्री के प्रति जताया आभार,दिया धन्यवाद।
महापौर एवं नगर आयुक्त के प्रति भी जताया आभार।
आशा की जाती है कि गृहकर नियमावली की विसंगतियों को भी शीघ्र किया जायेगा दूर ।
आगरा।हि. वार्ता
आज दिनांक 17 अगस्त 2021 को चैम्बर भवन में अध्यक्ष मनीष अग्रवाल की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई जिसमें चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया की कल दिनांक 16 अगस्त 2021 को प्रदेश सरकार द्वारा कैबिनेट बैठक में नगर निगम द्वारा बढ़ाई गई सीमा के अंतर्गत कर बसूलने के संबंध में जो फैसला लिया है वह एक स्वागत योग्य कदम है। इससे उद्यमियों व व्यापारियों को बहुत बड़ी राहत मिली है।
ज्ञातव्य हो कि गत वर्ष नगर निगम की सीमाओं में विस्तार किया गया था जिसके परिणाम स्वरूप आगरा नगर निगम की सीमा में कई ग्रामीण क्षेत्र सम्मिलित हो गए थे। सीमा विस्तार के बाद ग्रामीण क्षेत्रों से नगर निगम द्वारा कर वसूली के संबंध में कल दिनांक १६/०८/२०२१ को कैबिनेट बैठक में चर्चा हुई। हालांकि यह बिंदु कैबिनेट बैठक के एजेंडा में नहीं था फिर भी माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने एजेंडा से हटकर इस विषय पर चर्चा की यह उद्यमियों के लिए एक बहुत बड़ी बात है। माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा इस विषय पर चर्चा करते हुए यह फैसला दिया कि सीमा विस्तार के बाद नगर निगम की सीमाओं में जो ग्रामीण क्षेत्र शामिल हुए हैं उनसे नगर निगम द्वारा कर नहीं वसूला जाएगा। और यह व्यवस्था तब तक लागु रहेगी तब तक की नगर निगम द्वारा इन ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य पूरी तरह नहीं हो जाते। इस फैसले से उद्यमियों और व्यापारियों में हर्ष की लहर दौड़ गई है।
औद्योगिक क्षेत्र एवं औद्योगिक विकास प्रकोष्ठ के चेयरमैन मुकेश अग्रवाल ने कहा कि चूँकि आगरा में सिकंदरा इंडस्ट्रियल एरिया (साइट एबीसी), ईपीआईपी शास्त्रीपुरम , फाउंड्री नगर, हाथरस रोड, नुनिहाई इंडस्ट्री एरिया, बोदला बिचपुरी रोड ऐसे औद्योगिक क्षेत्र हैं जो सीमा विस्तार के कारण नगर निगम के अंतग्रत सम्मिलित हो गए हैं किन्तु न तो कोई विकास कार्य और न उनका रखरखाव नगर निगम द्वारा किया जा रहा है। इस फैसले से इन औद्योगिक क्षेत्रों के उद्यमियों को नगर निगम द्वारा भेजे गए कर के नोटिस स्वतः ही निष्प्रभावी हो जाने चिहए। सीमा विस्तार से ये क्षेत्र नगर निगम के अंतर्गत आ गए हैं। इन क्षेत्रों के उद्यमी नगर निगम द्वारा कर के सम्बन्ध भेजे गए नोटिसों का विरोध कर रहे थे। संभवत इसी का संज्ञान लेते हुए माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा कल कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला सुनाया गया है। इससे उद्यमी और व्यापारी बहुत ही प्रसन्न है। उनको एक बहुत बड़ी राहत मिली है। क्योंकि इन औद्योगिक क्षेत्रों में न तो इन्हें विकिसित करने वाली एजेंसियां द्वारा कोई रखरखाव किया जा रहा था और न नगर निगम बिना कर बसूले कोई विकास कार्य करने को तैयार था जिसके परिणामस्वरूप इन औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों, नाले नालियों की स्थिति बहुत दयनीय है।
चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि इस फैसले से अब नगर निगम इन औद्योगिक क्षत्रों में विकास कार्य कराएगा और उसके बाद ही कर की मांग करेगा। चैम्बर द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को उद्योगों के लिए इस राहत भरे फैसले के लिए आभार प्रकट किया गया है। साथ ही माननीय महापौर एवं नगर आयुक्त महोदय के प्रति भी आभार जताया गया है एवं उन्हें धन्यवाद दिया गया है क्योंकि संभवत उनके द्वारा उद्यमियों एवं व्यापारियों कि इस आवाज को कैबिनट के फैसले हेतु भेजा गया होगा। उसी के परिणाम स्वरूप माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा यह बड़ा फैसला लिया गया है। हम आशा करते हैं कि माननीय महापौर एवं नगर आयुक्त औद्योगिक एवं वाणिज्यिक भवनों पर गृहकर की नियमावली जो विसंगतियां हैं उन्हें भी शीघ्र दूर कराकर अनुग्रहित करेंगे।
बैठक में अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, उपाध्यक्ष सुनील सिंघल, कोषाध्यक्ष गोपाल खंडेलवाल, औद्योगिक क्षेत्र एवं औद्योगिक विकास प्रकोष्ठ के चेयरमैन मुकेश अग्रवाल, अमर मित्तल, विष्णु भगवान् अग्रवाल, राकेश चौहान, योगेंद्र कुमार सिंघल, प्रदीप कुमार वार्ष्णेय, अतुल कुमार गुप्ता, प्रमोद कुमार अग्रवाल, रविंद्र अग्रवाल, नरेंद्र तनेजा, शिव कुमार अग्रवाल उपस्थित थे।