हिन्दुस्तान वार्ता, नोयडा।अनिल दूबे।
लोगों को स्वस्थ, गतिशील और स्वतंत्र रहने में फिजियोथिरेपिस्ट की भूमिका अहम होती है और उनके इस योगदान की जानकारी प्रदान करने और जागरूकता फैलाने के लिए विश्व फिजियोथिरेपी दिवस मनाया जाता है। एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फिजियोथिरेपी द्वारा ऑनलाइन विश्व फिजियोथिरेपी दिवस समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ‘‘ बृहद कोविड और फिजियोथिरेपी एवं पुनर्वास” विषय पर आधारित विश्व फिजियोथिरेपी दिवस के दो दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ नई दिल्ली के नारायणा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के वरिष्ठ फिजियोथिरेपिस्ट डा जयप्रकाश जयावेल्लु, नई दिल्ली स्थित एम्स के पूर्व वरिष्ठ फिजियोथिरेपिस्ट डा वी पी गुप्ता और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फिजियोथिरेपी की निदेशक प्रो जशोबंता सेठी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ नई दिल्ली के नारायणा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के वरिष्ठ फिजियोथिरेपिस्ट डा जयप्रकाश जयावेल्लु ने कहा कि पोस्ट कोविड सिंड्रोंम को ही बृहद कोविड कहते है। विश्व भर में कोविड से लगभग 22 करोड़ लोग संक्रमित हुए और 2 प्रतिशत के मृत्यु दर रही और भारत में लगभग 3 करोड़ 30 लाख संक्रमित हुए और मृत्यु दर 1.3 प्रतिशत रही है। उन्होनें कहा कि सरदर्द, चिंता, तनाव, संज्ञानात्मक बधिरता, ध्यान केन्द्रीकरण में कमी, थकान, अनिद्रा, संास फूलना, हदय गती बढ़ना, संुघने और स्वाद की क्षमता का समाप्त होना आदि बृहद कोविड के लक्षण है। पुनर्वास के लक्ष्यों के अंर्तगत, कार्डियोपल्मोनरी प्रणाली के लक्ष्यों को बताते हुए कहा कि छाती का विस्तार, श्वसन और निश्वास प्रणाली की क्षमता का विकास, हदय दर और रक्तचाप का नियंत्रण, थकान को कम करना है इसके अतिरिक्त न्यूरोमस्यक्यूलर प्रणाली के लक्ष्य को बताते हुए कहा कि शरीर के दर्द को दूर करना, मांसपेशियों की क्षमता और गतिशीलता का विकास करना है। उन्होनें मानसिक स्वास्थय के लक्ष्यों को बताते हुए कहा कि तनाव और चिंता को कम करना, ध्यान केन्द्रीकरण को विकसित करना, निद्रा और जीवन की गुणवत्ता को विकसित करना। डा जयावेल्लु ने कहा कि रोगी के पुर्नवास के लिए संतुलित आहार, उच्च प्रोटीन क्षमता वाले आहार, भरपूर मात्रा में जल ग्रहण, विटामीन से भरपूर भोजन और शारिरीक उर्जा संरक्षण के लिए लघु गतिविधि, थकने तक परिश्रम करें, सहित उन्होनें श्वसन व्यायाम, शारिरीक अंगों का व्यायाम, प्रतिरोध अभ्यास, एरेाबिक व्यायाम के बारे में बताया। डा जयावेल्लु ने स्वास्थय लाभ चरण में गति, प्राथमिकता और योजना महत्वपूर्ण है। मानसिक स्वास्थय लाभ के लिए और साधारण एहतियात के बारे में जानकारी भी दी।
नई दिल्ली स्थित एम्स के पूर्व वरिष्ठ फिजियोथिरेपिस्ट डा वी पी गुप्ता ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में कोविड के उपरंात उभरती समस्याओं से निपटने में फिजियोथिरेपी बहुत सहायक सिद्ध हो रही है। वैक्सीनेश के उपरांत भी हमे पूर्ण सावधानी बरतनी चाहिए और कोविड से बचाव के नियमों का पालन करना चाहिए। आंतरिक बल की कमी, थकान, भूख की कमी आदि बृहद कोविड के लक्षण है जिससे आपकी निजी और व्यवसायिक कार्यक्षमता प्रभावित होती है। कोविड से ग्रसित रोगी के ठीक होने के उपरंात भी रोगी में थकान मुख्य समस्या है जो उसे मानसिक, समाजिक और आर्थिक रूप से प्रभावित कर रहा है। सभी लक्षणों को समझ कर इलाज करेें और पूरी तरह स्वस्थ होने तक ध्यान दें। छात्रों के लिए प्रयोगिक अनुभव आधारित वातावरण बनाना चाहिए। रोगी की अंातरिक बल सहित उसके बदलते हदय और शुगर के स्तर का आंकलन करें। उन्होनें छात्रों से कहा कि दिशानिर्देशों का पालन करें और अनुवभवों से सीखें।
एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फिजियोथिरेपी की निदेशक प्रो जशोबंता सेठी ने बताया एमिटी द्वारा हर वर्ष लोगों को स्वास्थय के प्रति जागरूक करने और हेतु और फिजियोथिरेपी क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों के योगदान के प्रति आभार प्रकट करने के लिए इस कार्यक्रम को मनाया जाता है। इस दो दिवसीय कार्यक्रम के अंर्तगत कल ‘‘ बृहद कोविड और फिजियोथिरेपी एवं पुनर्वास’’ विषय पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया जायेगा जिसमें विभिन्न अस्पतालों के विशेषज्ञ और विद्वान जन अपने विचारों को व्यक्त करेेगें।
इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फिजियोथिरेपी के डा मयंक शुक्ला सहित एमिटी विश्वविद्यालय के शोधार्थि और शिक्षक भी उपस्थित थे।
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