जोधपुर झाल के सम्बन्ध में अधीक्षण अभियंता,सिंचाई,अपनी टीम के साथ पहुंचे चैम्बर।




- जल संरक्षण एवं उसके बेहतर प्रबंधन पर गहन किया मंथन।

-चैम्बर के प्रस्ताव को उच्च अधिकारियों के समक्ष रखेंगे  अधीक्षण अभियंता।

- चैम्बर ने जोधपुर झाल एवं सिकंदरा रजवाह में सुधार की  आवश्यकता पर दिया बल।

-इस पर अधिकारीयों ने जताई सैद्धांतिक सहमति।

- सिकंदरा रजवाह टेल के जल को संरक्षित हेतु शास्त्रीपुरम में होगा सर्वेक्षण। 

- यमुना नदी में डिसिल्टिंग के लिए शासन को सिंचाई विभाग भेजेगा सिफारिश।

- रबर डैम की योजना में 6 में 3 विभागों से क्लीयरेंस की है प्रतीक्षा।

- चैम्बर शीघ्र मिलेगा जलशक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत से ।

आगरा।हि. वार्ता(धर्मेन्द्र कु.चौधरी)

चैम्बर द्वारा आसपास के क्षेत्र में जल समस्या को लेकर जोधपुर झाल का निरीक्षण किया गया था। उसी सन्दर्भ में ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता,सिंचाई, तृतीय मंडल, आगरा ने अपनी टीम के साथ आज दिनांक 10 सितंबर 2021 चैम्बर पहुंचकर जोधपुर झाल एवं सिकंदरा रजवाह में चैम्बर द्वारा भेजे गए सुधारों के प्रस्ताव पर गहन विचार मंथन हुआ।  

चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि जल की समस्या धीरे धीरे बढती जा रही है।  यह बहुत ही चिंता का विषय है।  इस पर शीघ्र कार्यवाही की आवश्यकता है।  चैम्बर की मांग है कि जोधपुर झाल काफी बड़ा जलाशय है।  इस जलाशय में लगातार जल भराव से भू जल स्तर में सुधार के साथ साथ पर्यावरण में काफी सुधार हो सकता है।  अतः इस जलाशय में नहर के अतिरिक्त जल, जब कृषि की सिंचाई की आवश्यकता न हो, को छोड़कर इसे समय समय पर भरते रहना चाहिए। इससे जल व्यर्थ नहीं होगा और जलाशय में संरक्षित रहेगा। जोधपुर झाल जलाशय में कुछ सुधारों की आवश्यकता है। चैम्बर द्वारा सुझाये गए सुधारों के प्रस्ताव को सरकार को भेजा जाए। उसकी डिजाइनिंग तैयार की जाए और अनुमति प्राप्त कराई जाए।  इसमें धन की समस्या आड़े आने पर चैम्बर यथासंभव सहयोग करने को तत्पर है।  

जलाधिकार फाउंडेशन के राजीव सक्सेना ने कहा कि जल की मुख्य स्ट्रीम सिकंदरा रजवाह की मरम्मत की आवश्यकता है।  सिकंदरा रजवाह के अनुरक्षण और गेट स्ट्रक्चर को लेकर संभावनाओं पर चर्चा हुई।   चेंबर बेहतर जल प्रबंधन और उपलब्ध जल के अधिकतम संरक्षण का ही पक्षधर है। जोधपुर झाल के लिए चैम्बर न तो कोई अतिरिक्त जल आवंटन की मांग कर रहा है और न कोई ऐसा काम प्रस्ताव कर रहा है जिससे कि नहरों का पानी प्रभावित हो।  जो भी काम प्रस्तावित है वह भूजल स्तर में सुधार और शासन की जल संरक्षण नीति के अनुरूप है।

अधीक्षण अभियंता ने बताया कि जोधपुर झाल के सम्बन्ध में अधिकार सीमित हैं।  किन्तु सिकन्दरा रजवाह के लिए उन्होंने आश्वासन दिया कि शीघ्र सर्वेक्षण कराया जायेगा और चैम्बर के प्रस्तावों को अनुमति के लिए शासन को भेजा जायेगा। 

चैम्बर की ओर से रबर डैम पर चिंता जताई गई तथा कहा गया कि यमुना नदी की हालत बहुत ही खराब है। नदी में बेहद प्रदूषण है। इसमें सुधार के लिए जो संभव हो किया जाना चाहिए।  अधीक्षण अभियंता द्वारा बताया गया कि सिंचाई विभाग केवल उपलब्ध जल के प्रबंधन तक ही सीमित हैं और नदी में प्रदूषण आदि का कार्य अन्य सहयोगी विभागों के पास है। रबर डैम योजन के लिए 6 विभागों से क्लीयरेंस की जरुरत थी जिसमें अभी 3 विभागों - एनजीटी, पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण विभाग से क्लीयरेंस नहीं मिली है।   

पूर्व अध्यक्ष सीता राम अग्रवाल ने यमुना नदी में जल संरक्षण में सुधार हेतु कैलाश से नगला पेमा तक 8 - 10 फुट कीचड़ सफाई की मांग की और कहा कि ड्रेजर मशीन उपलब्ध करवाने के लिए शासन को सिफारिश भेजी जाए।  अधीक्षण अभियंता ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव ने शासन को अपनी शिफारस भेजने का आश्वासन दिया।  

चैम्बर अध्यक्ष ने कहा कि सिकंदरा रजवाह की शास्त्रीपुरम स्थित टेल क्षेत्र का सर्वेक्षण कराया जाए जिससे टेल तक पहुंचने वाले पानी को जलाशय के रूप में संरक्षण पर विचार किया जा सके। वर्तमान में शास्त्रीपुरम इंडस्ट्रियल एरिया और सिकंदरा यूपीएसआईडीसी इंडस्ट्रियल एरिया में भूजल स्तर की तेजी से गिरावट हो रही है। अगर टेल तक पहुंचने वाले पानी का संरक्षण संभव हो सका तो जल स्तर और गुणवत्ता में सुधार संभव है। 

ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता तृतीय मंडल सिंचाई कार्य आगरा ने यमुना नदी में डिसिल्टिंग के लिए टीटीजेड प्राधिकरण की अनुमति को भी जरूरी बताया। 

बैठक के दौरान अधीक्षण अभियंता का ध्यान यमुना नदी में अवैध जल दोहन की ओर भी आकर्षित किया गया जिसमें अधीक्षण अभियंता ने शीघ्र अधिशासी अभियंता को आदेश दिया कि गोकुल बैराज के डाउनस्ट्रीम में जहां जहां अवैध नहरें चल रही हैं, कुलावे और पम्पसेट लगे हुए हैं उनका सर्वेक्षण कराकर उन्हें रोकने की कार्रवाई की जाए। 

बैठक में अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल ,कोषाध्यक्ष गोपाल खंडेलवाल, पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल, सचिन सारस्वत, मयंक मित्तल जलाधिकार फाउंडेशन के राजीव सक्सेना, तथा सिंचाई विभाग के कई सम्बंधित अधिशासी अभियंता/अधिकारी मौजूद थे।