ब्राह्मण संवाद में प्रस्ताव पारित :रुनकता गांव को, पर्यटन तीर्थ का गांव घोषित किया जाये।






हिन्दुस्तान वार्ता।आगरा

ब्राह्मण प्रोफेशनल एसोसिएशन!!; अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद! एवं अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा, महिला प्रकोष्ठ जिला आगरा! के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित-“ समस्त ब्राह्मणों के आराध्य और हिंदुओं के आस्था स्थल, रुनकता, आगरा क्षेत्र के विकास हेतु” संवाद के आयोजन की शुरुआत राष्ट्रगान और भगवान श्री परशुराम के चित्र पर माला और दीप जला कर, होटल पी एल पैलेस, आगरा में विप्र समाज ने किया।

आगरा का ब्राह्मण समाज उन सभी राजनैतिक दलों और सामाजिक संगठनों का आभार व्यक्त करता है, जिन्होंने समाज के प्रति सद्भावना की अभिव्‍यक्‍त  की है.समाज हमेशा अपने को राजनीति से परे रखता रहा है,इसी को दृष्टिगत अब भी अपने को तटस्थ ही मानते हैं किन्तु यह जरूर अपेक्षा करते हैं कि समाज की भावनाओं के अनुरूप हिन्दुओं में श्रद्धा स्थल के रूप में मान्य  आगरा जनपद की किरावली तहसील के अछनेरा विकास खंड के तहत आने वाला रुनकता गांव को पर्यटन तीर्थ का गांव घोषित किया जाये. यमुना तटीय यह गांव ब्राह्मणों के  आराध्य महर्षि परशुराम की पौराणिक गाथाओं से जुड़ा हुआ है।

संवाद/  पत्रकार वार्ता में कहा गया कि ब्राह्मणों की सक्रियता हालांकि समूचे ब्रह्माण्ड में मानी जाती है,लेकिन भारत शैव ,वैष्णव तथा सनातन धर्म के उद्भव का स्थान भारत भूमि आदि काल से ब्राह्मणों के लिये आराध्य रही है.  देश में जो स्थान  ब्राह्मणों के लिये खास महत्व रखते हैं उनमें आगरा का रुनकता गांव ब्राह्मणों के लिये हमेशा से खास महत्व रखता है।

हम इसलिये रुनकता गांव के मंदिरों  के बारे में आग्रह और ध्यान  आकर्षित कर रहे हैं, इन प्राचीन आस्था स्थलों  में माता रेणुका और ऋषि जमदग्नि (जगदम्बिका ) का मंदिर मुख्य है. यहां माता रेणुका जी का मंदिर  ही नहीं अपितु पवित्र घाट भी है.इस घाट का पौराणिक महत्व  होने के साथ ही यह बृज क्षेत्र का सीमांत स्थान है, जिसके बाद बृज का प्रभाव क्षेत्र शुरू हो जाना माना जाता है.यानी वह क्षेत्र जो बृज की सीमा में तो नहीं है लेकिन बृज की भाषा, खानपान, गोवर्धन पूजन,हल का पूजन,गौ पालन,शाकाहार, भाषा और पहनावा बृज क्षेत्र के अनुरूप ही हैं.ब्राह्मण समाज  चाहता है कि हमेशा यमुना की जलधारा से युक्‍त रहने वाले इस घाट का सौंदर्यी करण हो।

ब्राह्मण जन रुनकता को पवित्र तीर्थ गांव बनाने के पक्षधर तो हैं हीं इसके लिये कमोबेश सभी प्रमुख संगठनों ने आपसी सहमति भी जतायी है . संवाद में हमारा प्रयास से एक प्रस्ताव पारित हुआ और उसी को आगे रखकर सभी अपने अपने स्तर से प्रयास में जुटेंगे।

रुनकता को यूपी टूरिज्म के मानचित्र में लाना।

रुनकता गांव का धार्मिक पर्यटन के गांव के रूप में नोटिफिकेशन हो. उप्र पर्यटन निदेशालय इसे अपने प्रचार साहित्य में शामिल करें. रेणुका मंदिर, हनुमान मंदिर , रेणुका घाट, शनि मंदिर, कुबेर प्रतिमा,परशुराम मंदिर ,जगदम्बिका ऋषि मंदिर आदि का इसमें उल्लेख हो।

आगरा में पौराणिक स्थल हैं, यह तपस्वियों की भूमि रहा है ,यह तो सहज स्वीकार किया जाता है, लेकिन इन स्थानों के संबंध में आधिकारिक जानकारी देने की व्यवस्था अब तक न तो पर्यटन विभाग ने की है और नहीं पुरातत्व सर्वेक्षण भारत सरकार के द्वारा ही. ब्राह्मण सभा चाहती है कि आगरा के पवित्र ऋषियों की तपस्या स्‍थलों की पहचान एक तपस्वी परिपथ(सर्किट ) के रूप हो जिससे कि आस्‍था और धार्मिक भावना वाले आगरा भ्रमणार्थी इन तक पहुंच सकें. राज्य पुरातत्व विभाग को इसका दायित्व सौंपा जाये ,जिला पंचायत इसके लिए प्रस्‍ताव पारित करे. जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र  से संबधित जिला पंचायत सदस्यों से इसके लिए शासन को प्रस्ताव अग्रसर  करवाने का प्रयास किया जायेगा।

रुनकता तक पहुंच मार्ग आगरा -दिल्ली हाईवे पर स्थित होने से यहां धार्मिक पर्यटकों के बड़ी संख्या में पहुंचने की व्यापक संभावनाएं हैं. द्वापर युग के मथुरा जनपद में स्थित अनेक धर्म स्थल देखने के बाद त्रेता युग  की घटनाओं से संबधित किसी के लिये भी एक स्वाभाविक जिज्ञासा का कारण हो सकता है. महर्षि जमदग्नि , रेणुका, महर्षि परुषु राम जी से संबधित स्थान होने के यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और भ्रमण र्थियों के लगातार बड़ी संख्या में पहुंचते रहना का अनुमान है ,हालांकि काफी संख्या में अब भी आते हैं.जब रुनकता धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में चिन्हित हो जायेगा तब यह संख्या और भी बढ़ जायेगी. ऐसे में गांव की मौजूदा अवस्थापना सुविधाओं का उच्चीकरण एक स्वाभाविक जरूरत है. वर्तमान में भी ग्राम सभा अपने स्तर से इसके लिये प्रयास करती रहती है किन्तु मार्गों  के डामरीकरण , नालियों और नालों का तंत्र कीचड ,गंदगी मुक्त करने के लिये उपयुक्‍त क्षमता युक्त करना तथा यमुना नदी में गावं ड्रेनजे सीध जाने से रोक कर शोधन हेतु एक एम एल डी क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगवाना हमारी मांगों में शामिल है।

सूरदास पक्षी अभयारण्य की सीमा का रि नोटिफिकेशन हो।

 सूर सरोवर पक्षी अभयारण्य की सीमा को लेकर रही आपत्तियों को दृष्टिगत जो सीमा अब तक थी, उसे अमान्‍य कर दिया गया है और इनका  रिनोटिफिकेशन होना है.  ब्राह्मण सभा की है मांग है  कि  रिनोटिफिकेशन से पूर्व  जनसुनवाई की जाये सरकार से मांग करती है कि सूर सरोवर पक्षी अभयारण्य का रिनोटिफिकेशन होने को है, जिसे दृष्टिगत जनसुनवाई भी नये सिरे से हो. क्यों कि पूर्व में वन क्षेत्र का नोटिफिकेशन बिना जनसुनवाई के ही केवल वन विभाग की मर्जी से कागजी औपचारिकताओं के चलते ही कर डाला गया था. अगर कोई तथाकथित जनसुनवाई हुई भी होगी तो  रुनकता ग्राम सभा का नागरिकों के नोटिफिकेशन के समय दर्ज करवाये गये बयानों की फोटो प्रति कभी भी सार्वजनिक नहीं की गयी।

जन 

सुनवाई सही प्रकार से न होने के कारण सेंचुरी प्रशासन ने गऊघाट जैसे पवित्र तीर्थ और सूर कुटी (सूर श्याम मंदिर) तक को रुनकता के लोगों की पहुंच से बाहर कर दिया . इन दोनों ही स्थानों को धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, इनका उल्लेख वाकायदा आगरा गजेटियर में मौजूद है.कोई भी कानून पवित्र आस्‍था स्‍थलों को नागरिक पहुंच से बाहर करने प्रतिबंध की स्‍वीकारिता नहीं देता. उपरोक्‍त स्थानों को रुनकता ग्राम सभा क्षेत्र में लाया जाये ,कम से कम इन तक जन पहुंच तो सहज की ही जाये।

सूरदास जी की प्रतिमा जिसका कि तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम वी वी गिरी ने उद्घाटन एवं अनावरण किया था ,वर्तमान में बदहाली की स्थिति में है. ब्राह्मण सभा इसको रुनकता गांव का अंतरिम भाग मानती है.चाहती है कि रुनकता ग्राम पंचायत इसका सौंदर्यीकरण करवाये।

पौराणिक बृज परिपथ।

ब्राह्मण बृंद की सरकार से मांग है कि वह  उ प्र पर्यटन निदेशालय को पौराणिक बृज बृत आगरा बनाये जाने के लिये निर्देशित करे. गजेटियर और प्रचलित जानकारियों तथा मौजूद पुरा  साक्ष्‍यों व मंदिरों आदि भवनों के  आधार पर इसे अपने प्रचार साहित्य में शामिल करें. इसमें योगीराज कृष्ण के प्राकट्य काल के पूर्व के त्रेता युग के रेणुका मंदिर, , रेणुका घाट, शनि मंदिर, कुबेर प्रतिमा,परशुराम मन्दिर ,जगदम्बिका ऋषि मंदिर आदि का इसमें खास तौर से  उल्लेख हो।

ग्रंथालय / पुस्तकालय  स्थापना।

जनपद के ब्राह्मण पुरा एवं धार्मिक साहित्य प्रधान  एक ग्रंथालय / पुस्तकालय स्थापित करना चाहते  हैं, जिसमें पुस्तकों  के अलावा आडियो और वीडियो लिटरेचर भी होगा. इसके संबंध में रुनकता के हनुमान मंदिर परिसर में वहां के पुजारी जी ने एक उपयुक्त कक्ष सुझाया है, इसकी शुरुआत एक पुस्तक अलमारी, साहित्य तथा रीडर फ्रेंडली फर्नीचर मन्दिर महंत जी को उपलब्‍ध करवाने के साथ की जायेगी।

ब्राह्मण प्रोफेशनल एसोसिएशन,  अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद,  अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा, महिला प्रकोष्ठ ( जिला आगरा) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस संवाद /पत्रकार वार्ता में डॉ आर सी शर्मा- इतिहासकार; सर्वश्री अनिल शर्मा, डा मधु भारद्वाज, डा पंकज नागाइच, श्री प्रकाश शर्मा, श्री आनंद शर्मा, डॉ श्री भगवान शर्मा, सुश्री मनोज दीक्षित, सुश्री बीना लवानिया, श्री नरोत्तम शर्मा तथा  अन्य लोग मौजूद थे।