कनाडा के ओटावा विश्वविद्यालय के कुलपति और उपाध्यक्ष ने किया एमिटी का दौरा।





-संयुक्त शोध की दिशा में संभावनाओं को विकसित करेगें दोनो संस्थान।

हिन्दुस्तान वार्ता।नोयडा

एमिटी विश्वविद्यालय की शिक्षण प्रक्रिया और शोध के संर्दभ में जानकारी प्राप्त करने हेतु आज कनाडा के ओटावा विश्वविद्यालय के कुलपति और अध्यक्ष प्रो जैक्स फ्रेमोंट और उपाध्यक्ष (अंर्तराष्ट्रीय) प्रो सन्नी याया ने एमिटी विश्वविद्यालय का दौरा किया। इस अवसर पर एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती, एमिटी गु्रप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज के महानिदेशक लेफ्ट जनरल एस के गिडिऑक ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने एमिटी विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, एमिटी इनोवेशन इंक्यूबेटर का दौर किया और शिक्षकों और छात्रों से मुलाकात की।

  कनाडा के ओटावा विश्वविद्यालय के कुलपति और अध्यक्ष प्रो जैक्स फ्रेमोंट ने संबोधित करते हुए कहा कि एमिटी और ओटावा विश्वविद्यालयों छात्रों के संपूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्धता के एक मिशन पर कार्य कर रहे है। किसी भी छात्र का संपूर्ण विकास बिना वैश्विक अनवारण के संभव नही है। भारत भविष्य का देश है और एमिटी हमारे लिए महत्वूपर्ण सहयोगी है। एमिटी के साथ सहयोग की आपार संभावनायें है। उन्होनें ओटावा विश्वविद्यालय के कोलोबोरेटिव प्रोग्राम, छात्रों और शिक्षको के आवागमन कार्यक्रम, ज्ञान का हस्तांतर, शोध सहित ओटावा विश्वविद्यालय कैंपस में सुविधाओं आदि की जानकारी प्रदान की।

 ओटावा विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष (अंर्तराष्ट्रीय) प्रो सन्नी याया ने कहा कि हम सदैव स्थायी सहभागीता को प्रमुखता देते है और एमिटी मे 'हम उत्कृष्टता की प्रतिबद्धता को देख रहे है। सहयोग अब वैकल्पिक नही रहा है, यह किसी भी व्यक्ति, संस्था और देश के विकास के लिए आवश्यक हो गया है। शैक्षणिक संस्थानो को अपने छात्रों को वैश्विक अनावरण प्रदान करने, वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और अपने ज्ञान, संस्कृति, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ जुड़ने के लिए विश्व के अन्य संस्थानो के साथ साझेदारी करनी होगी।

 एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने कहा कि एमिटी मे ंहम छात्रों को सदैव वैश्विक अनवारण प्रदान करते है और अन्य विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग करने से छात्रों के विकास में नये आयाम स्थापित होते है। डा सेल्वामूर्ती ने कहा कि बदलते वैश्विक परिपेक्ष्य में कोई भी संस्थान नेपथ्य में रहकर कार्य नही कर सकता, शिक्षा, शोध, नवाचार, तकनीकी आदि क्षेत्रों में आपसी सहभागीता से समस्याओं का निराकरण शीघ्र संभव है और दोनो संस्थानो के छात्रों और शिक्षकों को विकास के समान अवसर प्राप्त होगे।

 एमिटी ग्रुप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह ने कहा कि दोनों संस्थानो को आपसी विमर्श के जरीए प्रमुख क्षेत्रों जैसे व्यापार प्रबंधन, इंजिनियरिंग और साइकोलॉजी में आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए व्यक्तियों का निर्धारण करना चाहिए। इसके अतिरिक्त उन्होनें स्टडी अब्राड प्रोग्राम, संयुक्त शोध के विषय, संयुक्त सम्मेलन सहित एक दूसरे के संस्थानो में आयोजित सम्मेलनों में विशेषज्ञों को आमंत्रण, संयुक्त पीएचीडी कार्यक्रम आदि पर चर्चा भी की।

 इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ मॉलेक्यूलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिसर्च के चेयरमैन डा बी सी दास, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ सोशियल साइंसेज की निदेशक डा निरूपमा प्रकाश, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ साइकोलॉजी एंड एलाइड सांइसेस की कार्यक्रारी निदेशक डा रंजना भाटिया आदि उपस्थित थे।