एमिटी विश्वविद्यालय में औषधि डिजाइन और विकास में मॉलेक्यूलर केमेस्ट्री की भूमिका पर अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ।

 




- सासंद डा महेश शर्मा ने किया सम्मेलन का उद्घाटन।

हिन्दुस्तान वार्ता। नोयडा

रोगों के निदान में विकसित हो रही नई औषधियों के क्षेत्र में मॉलेक्यूलर केमेस्ट्री की भूमिका और नवीनतम शोध की जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ क्लिक केमेस्ट्री रिसर्च एंड स्टडीज द्वारा ड्रग डिस्कवरी एंड डेवलपमेंट क्लसटर के सहयोग से  ‘‘औषधि डिजाइन और विकास में मॉलेक्यूलर केमेस्ट्री’’  विषय पर दो दिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। 

आज इस अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ गौतमबुद्धनगर के सासंद डा महेश शर्मा, गोवा के वेरगो फार्मा रिसर्च लैबोरेटरिज के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डा प्रवीन खुल्लर, चीन के नानजिंग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जुन जी झु, हैदराबाद के इड्रांस प्राइवेट लिमिटेड के एमडी डा श्रीधारा वोलेटी, एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ क्लिक केमेस्ट्री रिसर्च एंड स्टडीज की निदेशक डा मोनालिसा मुखर्जी द्वारा किया गया। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न संस्थानों से वैज्ञानिकों, शोधार्थियों, औषधि क्षेत्र में कार्य कर रहे व्यवसायिकों आदि ने हिस्सा लिया। 

इस अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ गौतमबुद्धनगर के सासंद डा महेश शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन देश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। कोविड महमारी सहित विश्व के सम्मुख आने वाली चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए नई तकनीकों और कार्यप्रणाली की खोज करने के लिए आप जैसे युवा वैज्ञानिकों से बहुत सी अपेक्षाये है। उन्होनें शोधार्थियों से कहा कि आप आने वाले समय में देश का नेतृत्व करेगें इसलिए सदैव बेहतर में बेहतरीन की तलाश करें, ज्ञान और विकास की तलाश कभी खत्म नही होनी चाहिए, यह एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए। 

आप में हर किसी के अंदर क्षमता और प्रतिभा है उसका उपयोग करे और रोगों के निवारण हेतु नई औषधि खोजें, विकसित करें। डा शर्मा ने कहा भारत को फार्मास्युटिकल उद्योग सहित सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर होने की जरूरत है महामारी के दौरान भारत के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किये गये टीके और दवाओं को सारे विश्व ने सराहा है। डा शर्मा ने कहा कि आपको इस प्रकार बृहद सम्मेलन के जरीए विशेषज्ञों का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है और शोध हेतु सुविधाये मिल रही है इसलिए इसका लाभ उठायें।  

इस अवसर पर गौतमबुद्धनगर के सासंद डा महेश शर्मा, सहित सभी अतिथियों द्वारा अर्तराष्ट्रीय सम्मेलन पर आधारित पुस्तिका का विमोचन भी किया ।

गोवा के वेरगो फार्मा रिसर्च लैबोरेटरिज के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डा प्रवीन खुल्लर ने संबोधित करते हुए कहा कि अनुसंधान और नवाचार सदैव साथ साथ चलते है जो किसी भी देश की आर्थिक समृद्धि और विकास में प्रमुख योगदान कर्ता है। 

दुर्लभ रोगों के निवारण हेतु विशेष अणुओं के विकास की आवश्यकता होती जिसके लिए नई तकनीको को सीखना, अनुकूलित करने और उनमें विशेषज्ञता हासिल करना आवश्यक है। विभिन्न संगठनों और संस्थानो के मध्य आपसी सहयोग के माध्यम से मौजूदा समस्याओं के लिए अभिनव समाधान ढूंढे जा सकते है।

चीन के नानजिंग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जुन जी झु, ने संबोधित करते हुए कहा कि विशेष रूप से औषधि विकास के संर्दभ में मॉलेक्युलर केमेस्ट्री, अनुसंधान का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। नैनोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र की तीव्र नवीनता जिसमें मॉलेक्युलर केमेस्ट्री शामिल है आज फार्मास्युटिकल उद्योग में अनुसंधान और नवाचार की ओर अग्रसर है। जो हमें पारंपरिक दृष्टिकोण से समस्या निवारण अनुसंधान के लिए आदर्श बदलाव की ओर ले जा रहा है। 

एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने फार्मेसी सहित सभी क्षेत्रों में देश को आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान किया है और एमिटी द्वारा आयोजित यह अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन इसी दिशा में एक प्रयास है। एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा सदैव शोध एवं नवाचार को प्रोत्साहित किया जाता है। आज भी कई ऐसे रोग है जिनके लिए नई औषधियों की आवश्यकता है और मॉलेक्यूलर केमेस्ट्री इस दिशा में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है इसलिए औषधि डिजाइन और विकास के क्षेत्र में मिलकर साझा प्रयास करना होगा। 

एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ क्लिक केमेस्ट्री रिसर्च एंड स्टडीज की निदेशक डा मोनालिसा मुखर्जी ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस इस बहुविषयक सम्मेलन में प्रतिभागियों को विभिन्न सत्रों के माध्यम से प्रबुद्ध किया  जाएगा। 

सम्मेलन के दौरान क्वताओं और विशेषज्ञों के रूप में उद्योगों की भागीदारी छात्रों के प्रशिक्षण में सहायक होगी। यह सम्मेलन प्रतिभागियों को अपने विचार रखने और नये विषयों में शोध के अवसर प्रदान करने में सहायता प्रदान करेगा। 

इस सम्मेलन में एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय, एमिटी विश्वविद्यालय के हैल्थ एंड एलाइस सांइस के डीन डा बी सी दास, सम्मेलन के ऑरगनाइजिंग सेक्रेटरी ,डा. पुनीत गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त किये।

 सम्मेलन के अंर्तगत आयोजित वैज्ञानिक सत्र में एपीआई के एनालिटिकल आर एंड डी की कैरकेटराइजेशन टीम की गु्रप लीडर डा शिल्पी पंाडे, एमिटी इंस्टीटयूट फॉर एनवांयरमेंटल टॉक्सीकोलॉजी, सेफ्टी एंड मैनेजमेंट की निदेशक डा तनु जिंदल, गाजियाबाद के आइएमएस गाजियाबाद यूनिवर्सिटी कोर्स कैपस के डा उमेश कुमार, कोरिया के सिउल के  क्वानगुन यूनिवर्सिटी के प्रो नागेन्द्र कौशिक ने अपने विचार व्यक्त किये।