एमिटी विश्वविद्यालय में बहुविषयक शिक्षक विकास कार्यक्रम का शुभारंभ।

 




हिन्दुस्तान वार्ता।नोयडा

एमिटी लॉ स्कूल नोएडा और एमिटी एकेडमिक स्टाफ कॉलेज द्वारा ‘‘ संवैधानिक न्यायशास्त्र और लोकतंात्रिक संस्थान - समाजिक इंजिनियरिंग के उपकरण’’ विषय पर 30 जून से 06 जुलाई तक बहुविषयक ऑनलाइन शिक्षक विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस शिक्षक विकास कार्यक्रम का शुभारंभ उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता डा अमन हिंगोरानी, वाइयूएम की लीगल प्रमुख सुश्री प्रियंका वालेशा, एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय और एमिटी लॉ स्कूल की एडिशनल डायरेक्टर डा शेफाली रायजादा द्वारा किया गया। 

उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता डा अमन हिंगोरानी ने संबोधित करते हुए कहा कि जब हम छात्रों को व्याख्यान देते है तो उन्हे न्यायालयों द्वारा दिये गये बेहतरीन निर्णय का संर्दभ देते है, जब आप शिक्षण के दौरान उसकी व्याख्या करते है तो और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। हमें केवल निर्णय को ही नही बल्कि संस्थानों को भी पढ़ना चाहिए। शिक्षण संस्थानों को उच्चतम न्यायालय के हर निर्णय को बारिकी से अध्ययन करना चाहिए और उस पर चर्चा करनी चाहिए जिससे छात्रों को निर्णय की जानकारी हो सके। उन्होनें कहा कि युवा शिक्षकों को ऑडिटिंग जजमेंट की संस्कृती को प्रारंभ करना चाहिए। वर्तमान समय में आज कल लगभग हर जानकारी गूगल पर उपलब्ध है इसलिए कक्षा में छात्रों की रूचि को बनाए रखना आवश्यक है और केस मेथड, लेक्चर मेथड और पीपीटी प्रस्तुती सब अप्रचलित पुराने तरीके है। वर्कशाप मेथड के जरीए छात्रों को प्रस्तुती देने के लिए तैयार करें। छात्रों में वकालत कौशल को विकसित करें। डा हिंगोरानी ने कहा कि इस प्रकार के शिक्षक विकास कार्यक्रम, शिक्षकों के शिक्षण कौशल को बढ़ाने और नई तकनीकों को सीखने के लिए सहायक होते है।

वाइयूएम की लीगल प्रमुख सुश्री प्रियंका वालेशा ने संबोधित करते हुए कहा कि डिजिटल युग में संविधान की व्याख्या जरूरी है, हम नये तंत्र और मेथड को आत्मसात करना होगा। डिजिटाइजेशन, भारतीय संविधान के सभी भागों के लिए आवश्यक है। तकनीकी के कार्यो के मध्य संतुलन बनाना आवश्यक है। सुश्री वालेशा ने कहा कि आवश्यकता है ऐसी संस्था और शासन व्यवस्था बनाने और बनाए रखने की जिसमेें आवश्यक तकनीकी क्षमता और लोकतंात्रिक सीमा वैधता दोनो हो ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारे संवैधानिक सिद्धांत अर्थपूर्ण सुरक्षा प्रदाता के रूप में जमीनी स्तर पर परिचालित और लागू किया जा सकता है। नेटवर्क डिजिटल युग में संविधान सिद्धांतो के मूल्य का चैंपियन बनना हमारे लिए पर्याप्त नही है बल्कि हमें उन्हे वास्तिविक बनाने की आवश्यकता है।

    एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय ने संबोधित करते हुए कहा कि छात्रों को जानकारी प्रदान करने के लिए आवश्यक है कि हमारे शिक्षक समय समय पर स्वंय को नई तकनीकों, मेथडों से अपडेट करते रहे और यह शिक्षक विकास कार्यक्रम इसी श्रृखंला की कड़ी है। एमिटी छात्रों के सर्वागीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

एमिटी लॉ स्कूल की एडिशनल डायरेक्टर डा शेफाली रायजादा ने अतिथियों और प्रतिभागीयों का स्वागत करते हुए कहा कि शिक्षण एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। हम छात्रों को समग्र ज्ञान के साथ नवीनतम जानकारी प्रदान करते है। इस शिक्षक विकास कार्यक्रम में लगभग 300 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है जिन्हें विशेषज्ञों द्वारा जानकारी प्रदान की जायेगी। 

इस अवसर पर एमिटी लॉ स्कूल नोएडा की फैकल्टी कोआर्डीनेटर सुश्री रिचा यादव और डा शशी पराशर उपस्थित थी।