अनुसंधान और शैक्षिक भागीदारी के विकास हेतु केबांगसान विश्वविद्यालय और एमिटी विश्वविद्यालय के मध्य हुआ समझौता।




हिन्दुस्तान वार्ता। नोयडा

संयुक्त अनुसंधान और शैक्षिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए आज मलेशिया के केबांगसान विश्वविद्यालय और एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के मध्य समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया गया। इस वर्चुअल समझौता पत्र हस्ताक्षर समारोह में मलेशिया के केबांगसान विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ इंजिनियरिंग एंड बिल्ट एलवायरमेंट के डीन डा वान हमीदोन वान बदरूज्जमां, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की सांइस एंड टेक्नोलॉजी की डीन डा सुनिता रतन और मलेशिया के केबांगसान विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डा येट हान टियु ने अपने विचार रखे।

मलेशिया के केबांगसान विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ इंजिनियरिंग एंड बिल्ट एलवायरमेंट के डीन डा वान हमीदोन वान बदरूज्जमां ने संबोधित करते हुए कहा कि यह समझौता पत्र केबांगसान विश्वविद्यालय और एमिटी विश्वविद्यालय के मध्य संबंधो को मजबूती प्रदान करते हुए छात्रों और संस्थानों के लिए लाभप्रद होगा। एमिटी की शिक्षण एवं शोध गुणवत्ता से हम प्रभावित हुए है और हम एक दूसरे विश्वविद्यालयों से काफी कुछ सीखेगें। यह सहयोग एमिटी और केबांगसान विश्वविद्यालय एक लंबे समय तक चलने वाले पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध की शुरूआत का प्रतीक है जो ऑनलाइन सीखने के क्षेत्रों पर जोर देगा, संयुक्त सम्मेलनों और संगोष्ठियों का आयोजन करेगा और रोजगार सहित आय सृजन पर ध्यान केन्द्रीत करेगा। हम एमिटी के छात्रों का अपने परिसर में स्वागत करते है, ऐसे कई विषय और क्षेत्र है जहां दोनो विश्वविद्यालय एक दूसरे से सीख सकते है और एक साथ आगे बढ़ सकते है। 

एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि इस समझौते पत्र के अंर्तगत एमिटी विश्वविद्यालय, मलेशिया के उच्च शिक्षा मंत्री और आपके वाइस चांसलर के दृष्टिकोण को साझा कर रहे है। यह ऐतिहासिक समझौते पत्र संयुक्त अनुसंधान और शैक्षिक भागीदारी के अवसरों को उत्पन्न करेगा जिसके अंर्तगत हम सभी स्तरो पर छात्रों के आवागमन को बढ़ावा देगें। इसके अतिरिक्त अकादमिक और प्रशासनिक कर्मचारियों सहित सूचना, ज्ञान और सामग्रीयों का आदान प्रदान, ई लर्निंग और डिस्टेंस लर्निंग टेक्नोलॉजी का अनुप्रयोग, सहयोगात्मक अनुसंधान और परियोजनायें, लघु अवधि छात्र गतिशीलता कार्यक्रम, व्याख्यानों और संगोष्ठी और संयुक्त कार्यक्रमों का आयोजन सहित आपसी हित के क्षेत्रों में अन्य सहयोग कार्यक्रम का संचालन किया जायेगा। हम इस समझौते पत्र के अंर्तगत प्राप्त होने वाले परिणामों को समाज और राष्ट्र विकास के लिए लाभदायक बनायेगें।  

एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की सांइस एंड टेक्नोलॉजी की डीन डा सुनिता रतन ने एमिटी विश्वविद्यालय पर प्रस्तुती देते हुए यहां संचालित किये जा रहे पाठयक्रमों, शोध कार्यक्रमों, सहित उपलब्ध शोध सुविधाओं, दृष्टिकोण की विस्तृत जानकारी प्रदान की।  

इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा बी एल आर्या, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ एप्लाइड सांइस की एकेडमिक कोआर्डीनेशन डा संगीता तिवारी और डा क्रिस्टिन जेयासीलैन भी उपस्थित थी।