अभिनेत्री जेनिफर विंगेट ने 'वर्ल्ड एलीफैंट डे' पर वाइल्डलाइफ एसओएस के साथ, जाना हाथियों का हाल।

  





हिन्दुस्तान वार्ता। आगरा

प्रसिद्ध भारतीय अभिनेत्री जेनिफर विंगेट ने मथुरा में वन्यजीव संरक्षण संस्था वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा संचालित हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में वालंटियर बन 'वर्ल्ड एलीफैंट डे' मनाया।

इस दौरान, टेलीविजन और फिल्म स्टार ने विभिन्न वालंटियर गतिविधियों में हिस्सा लिया और अपमानजनक परिस्थितियों से बचाए गए इन हाथियों को प्रदान की जाने वाली देखभाल के बारे में भी जाना।

जेनिफर विंगेट को मुख्य रूप से हिंदी टेलीविजन में उनके काम के लिए जाना जाता है, जिसके लिए उन्हें इंडियन टेली अवार्ड, इंडियन टेलीविज़न अकादमी अवार्ड आदि जैसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। बचपन से ही जानवरों के प्रति लगाव रखने वाली, जेनिफर आवारा जानवर जैसे की कुत्तों के अधिकारों के लिए भी मुख्य रूप से काम करती हैं।

दुनिया में घटती हाथियों की आबादी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 12 अगस्त को वर्ल्ड एलीफैंट डे के रूप में मनाया जाता है। एशियाई हाथियों के संरक्षण की लड़ाई में योगदान देने के लिए, जेनिफर विंगेट ने वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में वालंटियर कर हाथियों के साथ कुछ दिन बिताने के लिए मुंबई से मथुरा की यात्रा की। केंद्र में अपने पहले दिन, जेनिफर ने रेस्क्यू कर लाये गए हाथियों की दिल दहला देने वाली कहानियों के बारे में जाना, जिन्हें दशकों के दुर्व्यवहार और क्रूरता से बचाया गया, जिसने उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत ही ख़राब स्थिति में छोड़ दिया था।

  ऐसे घायल, बीमार, या विकलांग हाथियों की जरूरतों से परिचित होने के बाद, जेनिफर ने हाथियों की देखभाल और प्रबंधन में योगदान करते हुए अपना दिन बिताया। उन्होंने फलों और सब्जियों को काटने में सहायता भी की जो हाथियों को उनके पोषण से भरपूर दैनिक खुराक में दिए जाते हैं। जेनिफर ने हाथियों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने वाले एनरिच्मेंट को बनाने और वितरित करने में भी मदद की।

जेनिफर ने केंद्र में रह रहे हाथियों के ट्रीटमेंट के बारे में भी करीब से जाना, जहां उन्होंने एनजीओ के पशु चिकित्सकों को हाथियों को उपचार और पैरों की देखभाल प्रदान करते हुए देखा। यहां तक ​​​​कि उन्होंने आपातकालीन स्थिति में किसी भी हाथी के इलाज के लिए उपलब्ध अत्याधुनिक सुविधाओं को भी देखा।

अभिनेत्री के दौरे का मुख्य आकर्षण हाथियों को उनकी शाम की सैर पर देखना था! वाइल्ड लाइफ एसओएस का उद्देश्य हाथियों को जितना हो सके प्राकृतिक वातावरण प्रदान करना है। सैर के दौरान यह हाथी बड़ी-बड़ी फील्ड में घूमने का लाभ उठाते हैं। हाथियों को वॉक पर देख जेनिफर काफी प्रभावित हुईं, जिन्होंने अपने इस अनुभव को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा किया और अपने प्रशंसकों को इस कार्य में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित भी किया।

अभिनेत्री जेनिफर विंगेट ने कहा.. "जब जानवरों की बात आती है चाहे वह कोई भी जानवर हो में सबका आदर करती हूँ। मैं लंबे समय से वाइल्डलाइफ एसओएस टीम के समर्पित कार्य को देखती आ रही हूँ और हमेशा से न ही केवल उनके द्वारा बचाए गए जानवरों को, बल्कि उनकी टीम और यहां होने वाली हर चीज को और भी करीब से जानना चाहती थी। हाथी सभी जीवों में सबसे शानदार और ताकतवर हैं और फिर भी सबसे ज्यादा सज्जन हैं और उनको इतने करीब से जानना मेरे लिए उत्साहजनक है। हम सभी ने उनके द्वारा झेली गई यातना और पीड़ा के बारे में सुना है और कभी-कभी नुकसान या विनाश के लिए हम लापरवाह बन उन्हें ही जिम्मेदार ठहराते हैं, लेकिन उनके दृष्टिकोण से इसे देखना और समझना मेरे लिए आंखें खोलने वाला अनुभव रहा। मैं इस विषय पर प्रकाश डालने और मदद करने के लिए हर संभव प्रयास करुँगी। ”

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “जेनिफर विंगेट जैसी प्रतिष्ठित अभिनेत्री को एशियाई हाथियों के लिए एक स्टैंड लेना और भारत में उनकी दुर्दशा के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद करना हमें और भी ज्यादा प्रोत्साहित करेगा। जेनिफर ने न केवल हमारे केंद्र में स्वेच्छा से काम किया, बल्कि अपने विभिन्न कार्यों के माध्यम से हाथियों की देखभाल में महत्वपूर्ण योगदान भी दिया। ”

वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा, “सेव द एलीफैंट डे हाथियों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। 

हमें उम्मीद है कि जेनिफर का यह दौरा सभी के लिए एक उदाहरण बनेगा और अधिक से अधिक लोगों को भारत में हाथियों को बचाने की लड़ाई में सक्रिय भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

2010 में, वाइल्डलाइफ एसओएस ने उत्तर प्रदेश वन विभाग के सहयोग से मथुरा में हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र की स्थापना की थी। अत्याधुनिक पशु चिकित्सा सुविधाओं से लैस, केंद्र वर्तमान में लगभग 30 पुनर्वासित हाथियों की देखभाल और उपचार प्रदान कर रहा है, जिन्हें सर्कस में प्रदर्शन करने, पर्यटकों को सवारी कराने, सड़कों पर भीख मांगने और शादी में इस्तेमाल होने जैसी बेहद तनावपूर्ण परिस्थितियों से बचाया गया है।