बैक-टू-बैक ऑपरेशंस में वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस ने 20 किलो से अधिक वज़नी अजगरों को बचाया।



हिन्दुस्तान वार्ता। मथुरा

एक के बाद एक रेस्क्यू ऑपरेशन में, वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने दो विशालकाय अजगर को बचाया। जहां लगभग 12 फीट लंबे और 25 किलो से अधिक वजन वाले अजगर को मथुरा के कोयला अलीपुर गांव से रेस्क्यू किया गया वहीँ लगभग 11 फीट लंबे और 21 किलो वजनी दुसरे अजगर को आगरा के किरावली छेत्र स्थित मोहरी गांव से बचाया गया। इसके बाद तीसरे अजगर को आगरा के ही बिचपुरी छेत्र से रेस्क्यू किया गया।

वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट के लिए बीता दिन एक्शन से भरपूर रहा, क्योंकि टीम ने एक ही दिन में तीन बड़े अजगर रेस्क्यू किये। मथुरा के कोयला अलीपुर में एक विशाल अजगर ने ग्रामीणों को डरा दिया, जब सांप खेत से निकल कर एक घर के समीप पहुच गया। सुरक्षा के मद्देनज़र, परिवार ने तुरंत वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस को इसकी सूचना उनके हेल्पलाइन (+91 9917109666) पर सहायता मांगते हुए दी।

अजगर का वजन 25 किलो से अधिक और लंबाई लगभग 12 फीट थी! एन.जी.ओ की दो सदस्यीय टीम ने सावधानी से सांप को पकड़ा, जिसके बाद वहाँ मौजूद लोगों ने राहत की सांस ली।

यह वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस रैपिड रिस्पांस यूनिट के लिए एक व्यस्त दिन था क्योंकि टीम ने इस ही दिन दो और अजगरों को बचाया। दूसरे बड़े अजगर को किरावली छेत्र स्थित मोहरी गाँव से बचाया गया, जहां नहर में अजगर देखा गया था। करीब 11 फुट लंबा सांप गलती से मछली पकड़ने वाले जाल में बुरी तरह फंस गया था। स्थान पर पहुंच, टीम ने कड़ी मशक्कत कर जाल को काटा और लगभग 21 किलो वज़नी अजगर को बचाया!

वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के सह-संस्थापक और सी.ई.ओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि "मछली पकड़ने के जाल अक्सर वन्यजीवों के लिए एक बड़ा खतरा बन जाते हैं, विशेष रूप से सांप और मगरमच्छ जैसे जानवरों के लिए। वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस ने पहले भी जाल में फसें सांपों को बचाया है। इस बचाव अभियान में हमारी टीम को यह सुनिश्चित करना आवश्यक था कि जाल काटते समय अजगर को किसी तरह की चोट ना पहुंचे।

कुछ देर बाद टीम ने आगरा के बिचपुरी छेत्र में एक घर के पास देखे गए 6 फुट लंबे अजगर को भी रेस्क्यू किया।

वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस ने रुनकता स्थित जूता बनाने वाली कंपनी के स्टोर रूम से 7 फीट लंबा अजगर भी बचाया।

 वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी ने कहा,"सभी चार सांप वर्तमान में चिकित्सकीय निगरानी में हैं और जल्द ही जंगल में वापस छोड़ दिए जाएंगे। हमें इस बात की ख़ुशी है की लोग ऐसी स्थिति में उचित निर्णय ले रहे हैं और हेल्पलाइन पर इसकी सूचने दे कर विशेषज्ञों की सहायता लेते हैं। यह वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस द्वारा वर्षों से किये जा रहे संरक्षण और जागरूकता के प्रयास का परिणाम है।