सकारात्मकता का संदेश देती हैं विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल की रचनाएं:डॉ.आर.पी.शर्मा"मण्डलीय शिक्षा निदेशक"।

 

श्री अरविंद शिक्षण संस्थान ने यूथ हॉस्टल में मनाया सुप्रसिद्ध साहित्यकार विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल का चतुर्थ पवित्र दिवस।

हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा। प्रख्यात साहित्यकार, कवि, लेखक एवं विचारक श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल का साहित्य और कविताएं राष्ट्र और समाज को सकारात्मकता का संदेश देने वाली हैं। उनकी रचनाएं वर्तमान संदर्भों में भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक हैं..

 उक्त उद्गार मंडलीय शिक्षा निदेशक (आगरा मंडल) डा. आरपी शर्मा ने श्री दयाल के चतुर्थ पवित्र दिवस पर यूथ हॉस्टल में श्री अरविंद शिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित समारोह में व्यक्त किए। 

 इससे पूर्व, मंडलीय शिक्षा निदेशक डा. आरपी शर्मा, साहित्यकार अशोक अश्रु, समाजसेवी हरीश चिमटी, साहित्यकार सुशील सरित, नूतन अग्रवाल ज्योति, संगीत निर्देशक मनोज कोहली और भारतीय संगीतालय के प्राचार्य गजेंद्र सिंह ने श्री अरविंद, श्रीमां, श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल एवं श्रीमती शकुंतला अग्रवाल के चित्रों पर संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया।

 प्रसिद्ध साहित्यकार अशोक अश्रु ने श्री अरविंद दर्शन के विचारक श्री दयाल के साहित्य की सारगर्भित चर्चा की।

 गीतांजलि कार्यक्रम में श्री दयाल के गीत और भजनों से उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया। श्रीमती नीलम सक्सेना के निर्देशन में श्री दयाल द्वारा रचित माँ शारदे वंदना का गायन तरू छाया सक्सेना, समर्थ अग्रवाल, अरनव सक्सेना, एशना सिंह और कृति ने किया।

 मुकुल शर्मा ने गीत- मानव फूल है जड़ चेतन का, यह संगम है मिट्टी-बुद्धि के जरिये चेतना के तार झंकृत कर दिए। इसके बाद- चुन-चुन माला गूंथू, सद् गुरु पद पंकज नित्य चढ़ाऊं से मंत्र मुग्ध कर दिया।

 वंदना ने आया यौवन बसंत, चंपा खिली,चमेली फूली से लोगों के मन को उल्लास से भर दिया। इसके बाद उन्होंने मानव चल तू राह सद्गगुरु, सैनिक भाव से बढ़ता चल की प्रस्तुति दी।

 नीरू शर्मा ने अनाशक्ति चेतन फूल खिले… की शानदार प्रस्तुति दी। कुमारी कृति ने भारत माता को पंख मिले पर काव्य पाठ किया।

 दीपाली सिंह, गति सिंह ने भक्तिभाव से भरपूर गीत – श्यामा, श्याम चित्र बनावै, चित्रकार भेष बनावे और श्री राधेशरण तिहारी की ... मनोहारी प्रस्तुति पर लोग सुर और ताल मिलाने लगे।

 शिव कुमार शर्मा ने सब रिश्ते झूठे , नाते झूठे, झूठा यह संसार और श्री रवि उर उदयो उर मंडल पर वाहवाही लूटी।

  तबले पर संगत भानुप्रताप सिंह, अभिषेक शुक्ला एवं गिटार पर अक्षत शर्मा और अहाना सिंह रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन स्वीटी गोस्वामी ने कर मंच को बांधे रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  अंत में श्रीअरविंद शिक्षण संस्थान की सचिव एवं श्री दयाल की पुत्री पवित्रा अग्रवाल, शरद यादव ने अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में साहित्यकार मधु भारद्वाज,  कुमार ललित, संजय अग्रवाल, रीना अग्रवाल, अलका अग्रवाल, शोभा जैन, अखिल जैन, अनिल कुमार अनिल, विनीता दिवाकर भी मौजूद रहे।