हिन्दुस्तान वार्ता।आगरा
सामान्यतः शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले एक व्यक्ति सोचता है कि किस स्टॉक में निवेश करूँ जहां रिटर्न जायदा मिले। इसके लिए निवेशक को किसी विशेष सेक्टर में कारोबार करने वाली कंपनी का चयन करना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि काम प्राइस देखकर ज्यादा लॉट में शेयर्स न खरीदें। कंपनी वो चुनें जो अपने सेक्टर में लीडर हो,ऐसे स्टॉक का प्राइस सामान्यतः दूसरी कंपनी की तुलना में ज्यादा होगा पर लॉन्ग टाइम ग्रोथ अच्छी होती है। ऐसे शेयर्स में निवेशक को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए :-
१. अपने सेक्टर की लीडिंग कंपनी को हो चुनें : जैसे बैंकिंग सेक्टर में HDFC ,SBI , ICICI , लीडिंग बैंक्स है,सामान्यतः इनके शेयर्स में बहुत ज्यादा गिरावट देखने को नहीं मिलती है।किसी नेगेटिव खबर का असर भी शेयर पर बहुत ही थोड़े समय के लिए रहता है। लॉन्ग टर्म में शेयर का प्राइस बढ़ेगा ही बढ़ेगा। कुछ कंपनी का अपने फील्ड में मोनोपोली व्यापार होता है,ऐसी कंपनी सबसे सही विकल्प होती है। निवेश करने के लिए जैसे Mrf कंपनी की बात करें,ये अपने फील्ड में एकलौती कंपनी है जो जहाजों के टयेर्स निर्माण का कार्य करती है, जिसके वर्तमान में एक शेयर की बाजार कीमत 87600 रूपये से अधिक है, जिसका वास्तविक मूल्य 10 रुपये है।
२.पिछले वर्षो की बैलेंस शीट और प्रॉफिट एन्ड लॉस का अच्छे से विश्लेषण करे : कंपनी के एसेट्स का विश्लेषण करें।
बैलेंस शीट में अगर बैंक लोन ज्यादा है तो सतर्क रहे,क्योंकि कंपनी की अर्निंग का बड़ा पार्ट लोन का ब्याज का भुगतान करने में चला जायेगा, फिर शेयर होल्डर के लिए न्यूनतम राशि ही डिविडेंट के लिए बचेगी।
४.कितने वर्ष के लिए निवेश करना है : जिस डेट को आप निवेश कर रहे है, तब का निफ़्टी का इंडेक्स कितने पॉइंट का है, इसे साथ में नोट कर लें। अगर आप शार्ट टर्म के लिए निवेश कर हैं, तो जब निफ़्टी 1000 पॉइंट बढ़ जाये तो स्टॉक को बेच सकते हैं। शार्ट टर्म के निवेशक को अपने प्रॉफिट को बुक करते ,रहना चाहिए,जब तक प्रॉफिट अकाउंट में विड्रा नहीं किया,जब तक अर्न नहीं किया।
अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं, तो 5 या 10 साल तक स्टॉक में बने रहे।
५.आप एक साल में कितने रिटर्न की उम्मीद करते हैं, 5 %, 10 %, 15 % : किसी भी कंपनी के पिछले वर्षो के प्रॉफिट को चेक करे, कितना शुद्ध लाभ कंपनी कमा रही है। कंपनी के रेवेन्यू और शुद्ध लाभ हर साल कितने परसेंट से बढ़ रहे हैं।
६.पिछले वर्षो में कंपनी ने कितना प्रॉफिट अर्न किया है,कितने का डिविडेंट डिक्लेअर किया है।
अगर किसी नए वेंचर या स्टार्ट उप में निवेश करने की सोच रहे हैं तो चेक करे कि ऐसे स्टार्टअप बिज़नेस के ग्रोथ के भारत में क्या सम्भावना है। जितने यूनिक आईडिया होगें और जिसके साथ ज्यादा लोग जुड़े होंगे,उतना ही सफल होगा।
कभी भी कम कीमत के शेयर्स में निवेश न करे क्योंकि ऐसे शेयर्स जब तक ऊपर बढ़ रहे हैं, तब तक तो ठीक ह,लेकिन जिस दिन इनमे प्रॉफिट बुकिंग शुरू होती है, फिर लोअर सर्किट में निवेशक फंस जाता है।