वर्तमान विद्यार्थियों को 15% शुल्क वापिस करने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक नही:टीम पापा।

 


हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा:प्रोग्रेशिव एसोसिएशन ऑफ पेरेंट्स'टीम पापा' के संरक्षक / संस्थापक मनोज शर्मा ने विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि उत्तर प्रदेश के उच्च न्यायालय व शासनादेश जिसमे उत्तरप्रदेश के निजिविद्यालों को कोरोना काल के दौरान बंद रहे विद्यालयों को सत्र 2020-21 के सालाना शुल्क में से 15 % प्रतिशत शुल्क वापिस करने के निर्देश मा0 उच्च न्यायालय ने जनवरी 2023 में दिये गये थे,जिस पर प्रदेश सरकार ने भी शासन आदेश जारी किया था।

 सभी निजी विद्यालयों को इसका पालन दो माह में करना था। जिसके लिये संस्था ने मा0 जिलाधकारी व जिला विद्यालय निरीक्षक को कई बार अवगत करवा कर, अभिभावकों को उनका हक दिलवाने के लिए अनुरोध किया था।

 शिक्षा विभाग ने इस पर 27 अप्रेल 2021 को अंतिम नोटिस भी विद्यालयों को जारी किये थे, पर परिणाम आज तक नही नजर आया।

 शिक्षा विभाग का विद्यालयों के प्रति लचीला रवैया साफ साफ उच्च न्यायालय व शासन आदेश का उलंघन करने वाले विद्यालयों को बचाना जान पड़ता है।

संस्था विज्ञप्ति के माध्यम से प्रदेश की मीडिया व निजी विद्यालय के अभिवावकों जानकारी देना चाहती है,कि सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदेश में अफवाह फैलाई गई थी,कि देश के सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के 15 प्रतिशत शुल्क वापिस के फैसले पर रोक लगा दी है। 

संस्था ने उच्च न्यायालय के आदेश का अवलोकन किया तो जानकारी प्राप्त हुई, कि ऐसा आदेश मा0 सुप्रीम कोर्ट ने नही दिया है, सुप्रीम कोर्ट ने फिलाल जो विद्यार्थी विद्यालय छोड़ कर चले गये है,मात्र उनकी ही फिलाल शुल्क वापिस करने पर रोक का आदेश दिया है।

मा0 उच्च न्यायालय ने प्रदेश के एक निजी विद्यालय लोट्स वेली पब्लिक स्कूल की अपील स्वीकार करते हुये आदेश दिया है।

आदेश में कहा गया है।

याचिकर्ता अपने 4 वर्षों की बेलेंस शीट,और लाभ हानि खाते की एक प्रति, यानी 01 अप्रेल 2018 से 31 मार्च 2022 की अवधि के लिये एक हलफनामा दायर करेगा ।

हलफनामे वे शिक्षको, कर्मचारियों को दिये जाने वाले वेतन का भी संकेत देंगे और यह भी बतायेंगे क्या उन्हें दिये जाने वाले वेतन में कोई कटौती की गई थी। हलफनामे में यह भी बताया जायेगा कि क्या इस अवधि से पहले और बाद की अवधी के संदर्भ में 01 अप्रेल 2020 से 31 मार्च 2021 के दौरान दैनिक परिचालन / परिचालन व्यय में कमी आई है ।

6 सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर किया जायेगा ।

सुनवाई की अगली तारीख तक।

पूर्व छात्रों को भुगतान किये गये शुल्क की वपीसी का निर्देश देने वाले फैसले के संचालन पर रोक रहेगी।

संस्था का कहना है,विद्यालयों व शिक्षा विभाग की मिलीभगत से जानभुझ कर अभिभावकों को अंधेरे में रखने के लिये, भ्रमित आदेश की अफवाह फैला कर अभिभावकों के हक को छिन्नने का कार्य किया जा रहा है, संस्था, शीघ्र अंतिम संज्ञान माँगपत्र जिला अधिकारी महोदय को सौपकर आंदोलन की तैयारी करेगी ।