आयकर आयुक्त एग्जेम्शन लखनऊ द्वारा किया गया आउटरीच एवं जागरूकता कार्यक्रम।



नेशनल चैम्बर ने किया प्रतिनिधित्व।

कार्यक्रम की मुख्य आयकर आयुक्त श्रीमती रेनू जौहरी जी का चैम्बर ने किया स्वागत।

धर्मार्थ संस्थाओं के पंजीकरण एवं फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एण्ड नेसेसरी कम्प्लाइनसेस तथा आवश्यक कानूनी कार्यवाहियों पर हुई चर्चा।

हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा: 3 मई,होटल पी. एल. पैलेस में सुश्री ज्योत्सना जौहरी आयकर आयुक्त एग्जेम्शन लखनऊ द्वारा आयकर आउटरिच एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

इस कार्यक्रम में श्रीमती रेनु जौहरी प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त एग्जेम्शन नई दिल्ली द्वारा कार्यक्रम की अध्यक्षता की गई।

नेशनल चैम्बर के अध्यक्ष राजेश गोयल द्वारा स्वागत भाषण प्रेषित करते हुए मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों को प्रतीक चिन्ह एवं पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।आयकर एग्जेम्शन से सम्बन्धित समस्याअेां के निस्तारण हेतु एक प्रतिवेदन प्रेषित किया। 

 चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल ने अपने भाषण में बताया कि श्रीमती रेनू जौहरी के लिए आगरा बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यस्थल रहा है, क्योंकि श्रीमती जौहरी द्वारा प्रथम पदभार आगरा में ही ग्रहण किया गया था,और फिर उसके बाद प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त आगरा का शीर्ष पदभार 16 अगस्त 2017 को किया और उनके द्वारा जुलाई 2021 तक देश को निरन्तर सेवायें आगरा से दी गई। उनके सेवा काल में विभाग एवं उद्यमियों के मध्य बहुत ही अच्छा समन्वय रहा। उनके सानिध्य में विभाग ने नवीन ऊंचाइयों को प्राप्त किया।

 आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा ने प्रत्यावेदन द्वारा मांग की कि धर्मार्थ संस्था द्वारा पुराने वर्षों की यदि आडिट रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई है तो एग्जेम्शन से इंकार करने की बजाय सभी वर्षों के लिए ब्लैंकट कंडोनेशन दिया जाना चाहिए और विशेष विंडो खोलकर उन्हें आडिट रिपोर्ट फाइल करने की अनुमति देनी चाहिए। 

 को-चेयरमैन राज किशोर खंडेलवाल द्वारा मांग की गई कि आयकर आयुक्त एग्जेम्शन की नियुक्ति आगरा में की जाये। क्योंकि आगरा एवं मथुरा वृन्दावन में धर्मार्थ संस्थाएं बड़ी संख्या में स्थापित हैं। जिससे आगरा के करदाताओं एवं अधिवक्ताओं को लखनऊ के बार-बार चक्कर न लगाने पडे तथा समय व धन की बर्बादी से बचा जा सके।

 बैंकिंग प्रकोष्ठ के चेयरमैन सीए दीपेन्द्र मोहन ने कहा कि रिटर्न दाखिल करने और ऑडिट रिपोर्ट करने के सम्बन्ध में अधिवक्ताओं के ज्ञानवर्द्धन और धर्मार्थ संस्थाओं को शिक्षित करने के लिए नियमित कार्यशाला का आयोजन किया जाये।

 आयकर प्रकोष्ठ की सदस्य सीए प्रार्थना जालान ने कहा कि ट्रस्ट को स्थाई पंजीकरण देने के लिए बहुत सारे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं और उन्हें समय कम दिया जा रहा है। कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि ट्रस्ट को भेजे जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक सूचना समय पर नहीं मिल पाती है। अतः यदि संभव हो तो संस्थाओं से कोई जवाब न मिलने की स्थिति में उन्हें लिखित में नोटिस दिया जाना चाहिए।

 बैठक में चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल,उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, उपाध्यक्ष मनोज बंसल,कोषाध्यक्ष योगेश जिंदल बैंकिंग सैल चेयरमैन सीए दीपेन्द्र मोहन,आयकर प्रकोष्ठ की सदस्य प्रार्थना जालान, अनूप गोयल,अशोक गोयल,नीरज अग्रवाल,पंकज गर्ग आदि मुख्य रुप से उपस्थित थे।