नेशनल चैम्बर ने जिला पंचायत द्वारा ग्रमीण अंचल में संचालित उद्योगों पर लाइसेंस शुल्क में प्रस्तावित अप्रत्याशित वृद्धि का किया विरोध।

 


 शीतगृह पर लाइसेंस शुल्क किया तीन गुना।

 किसानों द्वारा समय-समय पर आलू की हो निकासी।

 नगर निगम द्वारा बढाये गये चार्जेज भी हैं अव्यवहारिक।

 प्रदूषण विभाग एवं फूड सेफ्टी विभाग (एफएसएसएआई) से एनओसी लेने हेतु शीतगृह स्वामियों से किया आग्रह।

 अग्निशमन विभाग से एनओसी के लिए संबंधित थानों में करें आवेदन।

 व्यापारियों से भुगतान प्राप्त न होने की सूची भेजे चैम्बर में।

 भुगतान दिलाने के किये जायेंगे प्रयास।

हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा 7 जून,चैम्बर भवन में अध्यक्ष राजेश गोयल एवं शीतगृह प्रकोष्ठ के चेयरमैन अजय गुप्ता की संयुक्त अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई,जिसमें शीतगृह उद्योग की समस्याओं पर चर्चा की गयी।

प्रकोष्ठ चेयरमैन अजय गुप्ता ने कहा कि जिला पंचायत विभाग द्वारा ग्रामीण आंचलों में संचालित उद्योगों पर लाइसेंस शुल्क एवं नवीनीकरण शुल्क में अप्रत्याशित वृद्धि प्रस्तावित की है। शीतगृहों पर तो लाइसेंस शुल्क तीन गुना कर दिया है।

चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि आगरा में टीटीजेड के कारण उद्योगों पर विभिन्न प्रतिबंध है। अतः चैम्बर द्वारा जिला पंचायत विभाग की इस अप्रत्याशित वृद्धि के प्रस्ताव का विरोध चैम्बर द्वारा भेजा जा रहा है। इसको व्यावहारिक रुप से ही बढाया जाये।

 इसी प्रकार नगर निगम द्वारा भी चार्जेज अप्रत्याशित रुप से बढ़ाये जा रहे हैं जो बहुत ही अव्यवहारिक हैं और उद्योग प्रभावित हो रहे है।

प्रकोष्ठ को चेयरमैन अतुल मित्तल ने कहा कि वर्तमान में शीतगृहों से आलू की निकासी बहुत कम हो रही है। जिससे निकट भविष्य में किसानों को हानि हो सकती है। अतः चिंता व्यक्त करते हुए विभाग से आग्रह किया गया कि किसानों को समय-समय पर आलू की निकासी हेतु प्रोत्साहित किया जाये।

शीतगृह स्वामी अश्विन पालीवाल ने बताया कि शीतगृह स्वामियों द्वारा प्रदूशण विभाग एवं खाद्य सुरक्षा विभाग से षीघ्र एनओसी जारी कराई जाये। जिससे व्यापार में कोई अड़चन न आये। प्रदूशण विभाग से 3 से 5 वर्श के लिए सहमति प्राप्त की जाये तथा खाद्य सुरक्षा विभाग से लाइसेंस नवीनीकृत कराये जायें।

चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि अग्निशमन विभाग से एनओसी लेने हेतु शीतगृह स्वामी अग्निशमन उपकरण स्थापित करते हुए सम्बन्धित थानों में शीघ्र आवेदन करें। कारखाना अधिनियम में पंजीकरण अवश्य कराये। 

यह शिकायत मिल रही है कि कई शीतगृहों का पैसा डूबा हुआ है। अतः ऐसे षीतगृह स्वामी डूबे हुए पैसे की जानकारी सहित सूची चैम्बर में प्रेशित करें। ताकि उस पैसों के भुगतान हेतु प्रयास किये जा सके। इससे शीतगृह उद्योगों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।

राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त-राकेश गर्ग, उपाध्यक्ष उ0 प्र0 लघु उद्योग निगम लि0 ने कहा कि किसानों की शिकायतों विभिन्न विभागों द्वारा भंडारण अवधि की समाप्ति के 3 माह तक ही सुनी जायें। उसके पश्चात कोई शिकायत मान्य न की जाये। अवधि के बाद सुनी जाने वाली शिकायतों से शीतगृह उद्योग अनिश्चितता के कारण प्रभावित होता है।

बैठक में अध्यक्ष राजेश गोयल, प्रकोष्ठ चेयरमैन अजय गुप्ता, को चेयरमैन अतुल गुप्ता, अश्विन पालीवाल, अजय शर्मा मुख्य रुप से उपस्थित थे।