"एडवायजरी"आइए..जानें..साँप,सरीसृप के काटने पर,कैसे करें बचाव:डॉ.श्रेय सारस्वत।एम.बी.बी.एस.(DNB) एम.एफ. - (होम्योपैथी)Std.London.



हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा : सुप्रसिद्ध युवा चिकित्सक,डॉ.श्रेय सारस्वत,जो एम.बी.बी.एस (DNB)एवं एम.एफ़.(होम्योपैथी)Std.London हैं। जो एम्स, अपोलो आदि में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने जनहित में सांपो,सरीसृपों के बचाव हेतु, एडवाइजरी जारी की है।

उन्होंने मीडिया को बताया कि बरसात के दिनों में सांप,सरीसृप के काटने के केस अत्याधिक सामने आते हैं। कई जहरीले सांपों के काटने से व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। उन्होंने कहा कि सांप काटने को अनदेखा ना करें,मरीज को किसी नजदीक़ी अस्पताल तुरन्त लेकर जायें।

 झाड़-फूंक के चक्कर मे ना पढ़ें। 

सांप के दांतों के नीचे विष की थैली होती है,काटने पर विष की थैली से जहर,सीधे शरीर में खून के माध्यम से फैल जाता है। सामान्यतः जहरीले सांपों के काटने पर दांतों के दो निशान अलग ही दिखाई देते हैं। गैर विषैले सांप के काटने पर दो से ज्यादा निशान हो सकते हैं,परन्तु ये निशान नहीं दिखते हैं। ऐसी स्थिति में ये सोचना गलत होगा कि सांप ने नहीं काटा है। 

ज्यादातर सांप गैर विषैले भी होते हैं। सांप के काटने पर करीब-करीब 95 प्रतिशत मामलों में पहला लक्षण नींद का आना है,इसके साथ ही निगलने या सांस लेने में तकलीफ होती है। सबसे अहम बात ये है कि मरीज को भय मुक्त करने की कोशिश करें। वह मरने के भय से घबराकर होश हवाश खो बैठता है, जिससे शरीर पर बुरा असर पड़ता है।उसका बीपी डाउन हो जाता है, बेहोशी बढ़ जाती है। इसलिए मरीज को घबराएं नहीं। आमतौर पर सांप काटने पर आधे घंटे बाद लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

सांप के काटने पर यह ना करें।

रस्सी से ना बांधें,ब्लेड से ना काटें,पारम्परिक तारीकों का इस्तेमाल ना करें। मुंह से खून ना चूसें। ओझा,गुनिया के पास ना जायें। अन्धविश्वास में ना पड़ें। 

यथा संभव निम्नानुसार कार्य करें।

सांप काटे व्यक्ति को दिलासा दिलायें। घटना के तथ्यों का पता लगायें। गीले कपड़े से डंक की जगह की चमड़ी को साफ करें, जिससे वहां पर लगा विष निकल जाये। सांप काटे व्यक्ति को करवट  से सुलायें,क्योंकि कई बार उल्टी भी होने लगती है,इसलिये करवट सुलाने से उल्टी श्वसन तंत्र में ना जाये। जहां पर सांप ने काटा है,उस स्थान पर हल्के कपड़े से बांध देवें,ताकि हिलना डुलना बंद हो जाये। 

उपचार ।

सांप काटे व्यक्ति को तत्काल नजदीकी अस्पताल ले जाने की व्यवस्था बनायें। उसे सम्भव हो सके तो अस्पताल ले जाते समय,

नाजा-30 होम्योपैथी मेडीसीन,तीन-तीन बूंदे,हर आधे घंटे में,

1.lachesis 200 one dose.

2.Ledum 200 one dose. दे सकते हैं।

सांप के काटने के जहर को मारने के लिये अस्पताल में निःशुल्क एंटी स्नेक इंजेक्शन लगाया जाता है,अस्पताल में उपलब्ध है एवं डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह के अनुसार उचित उपचार करायें।

बचाव।

अंधेरे में ना जायें। बिलों में हाथ ना डालें। झाड़ियों में ना जायें। पानी भरे गड्ढे में ना जायें। पैरों में चप्पल और जूते पहनकर चलें।