चैम्बर के प्रतिनिधि मंडल ने नवायुक्त जीएसटी एडि.कमिश्नर ग्रेड-1,का किया स्वागत एवं की शिष्टाचार भेंट।



चैम्बर के सदस्यों को जीएसटी से सम्बन्धित समस्याओं का पत्र के माध्यम से दिया ज्ञापन।

एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-1 द्वारा शीघ्र ही अक्टूबर माह में चैम्बर के साथ एक बड़ी बैठक करने का दिया आश्वाशन ।

2017-18 में पोर्टल टैक्स कर में अन्तर वाले जारी छोटे स्तर के नोटिस होंगे निरस्त।

30 सितम्बर, 2023 के बाद जारी डीआरसी-01 के नोटिस स्वतः ही निरस्त माने जायेंगे।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा:30 सितम्बर, चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल एवं पूर्वअध्यक्ष एवं जीएसटी चेयरमैन अमर मित्तल की अध्यक्षता में चैम्बर का एक प्रतिनिधि मंडल नवायुक्त जीएसटी एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 श्री मारुति सरन चौबे जी से उनके कार्यालय में मिला। 

चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल द्वारा पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया।

प्रतिनिधि मंडल द्वारा एक पत्र नवायुक्त एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 को सौंपा गया। जिसमें सदस्यों को हो रही कई प्रकार की समस्याओं से अवगत कराया गया है।

चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि छोटे व्यापारियों को 2017-18 में पोर्टल टैक्स में अन्तर के सम्बन्ध में जो नोटिस जारी किये गये हैं,उस बजह से व्यापारियों को बहुत परेशानी हो रही है। साथ ही पोर्टल पर किसी नोटिस का रिप्लाई देने के लिए जो समय प्रदान किया जाता है और उसके अगले दिन पोर्टल बन्द कर दिया जाता है। कोई व्यापारी एवं उद्यमी अगर व्यापारी व्यस्थता के कारण नोटिस का रिप्लाई नहीं दे पाता तो इसके लिए सम्बन्धित अधिकारियों से मिलना पड़ता है। कोई अधिकारी पोर्टल खोल देता है तो कोई रिप्लाई नहीं देता। जिसके कारण उद्यमी को बहुत परेशानी होती है। 

अध्यक्ष ने मांग की कि इन सभी समस्याओं का समाधान शीघ्र किया जाये।

पूर्व अध्यक्ष एवं जीएसटी चेयरमैन अमर मित्तल ने अवगत कराया कि जीएसटी नवीन कर प्रणाली जुलाई 2017 से लागू की गई थी। नवीन कर प्रणाली के सम्बन्ध में पूर्ण जानकारी उद्यमियों एवं व्यापारियों को नहीं थी। साथ ही अधिकारियों एवं कर विशेषज्ञों को भी पूर्ण जानकारी नहीं थी। इसके साथ ही जीएसटी के नियमों में अनेकों बार बदलाव किये गये। ऐसी विषम परिस्थितियों में न्यूनाधिक कमियां होना स्वाभाविक था। जबकि उद्यमियों का किसी भी कर देयता से बचने का कोई आशय नहीं था। परन्तु इतने वर्षों के उपरांत अब विभागीय अधिकारियों द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करना, न्याय संगत नहीं है। सर्च के दौरान कर जमा करने के लिए कहा जाता है यह उचित नहीं है। इसमें टैक्स पेयर को परेशानी होती है। हमारी मांग है कि व्यापारियों की इन समस्याओं का समाधान अति शीघ्र किया जाये।

चौबे जी द्वारा सभी समस्याओं को गम्भीरता से सुना गया और सभी समस्याओं पर जल्दी ही विचार कर समाधान करने का आश्वासन दिया गया, साथ ही श्री चौबे जी द्वारा आश्वशन दिया गया कि शीघ्र ही अक्टूबर माह के दूसरे या फिर तीसरे सप्ताह में चैम्बर एवं सभी सदस्यों के साथ एक बड़ी बैठक करेंगे। जिसमें सभी अधिकारियों की मौजूदगी के साथ सदस्यों की सभी समस्याओं का समाधान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि छोटे स्तर के 2017-18 में जारी पोर्टल टैक्स (500 रुपये से 1000 रुपये तक) के नोटिस स्वतः ही निरस्त माने जायें। आगे बताया कि 30 सितम्बर, 2023 तक जो डीआरसी-01 के नोटिस जारी हो गये हैं,वे ही मान्य होंगे। इसके बाद कोई नोटिस जारी होता है तो वे निरस्त माना जायेगा।

चैम्बर प्रतिनिधि मंडल में अध्यक्ष राजेश गोयल, उपाध्यक्ष मनोज बंसल, पूर्व अध्यक्ष एवं जीएसटी चेयरमैन अमर मित्तल, पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, अशोक कुमार गोयल, नरेन्द्र सिंह,सदस्यों में सुनील सिंघल, अंशुल अग्रवाल आदि मुख्य रुप से सम्मिलित थे।