लीडर्स आगरा ने की,हमारी संस्कृति और वृद्धाश्रम विषय पर चिंतन गोष्ठी आयोजित।

 

     

                       


भाेजन और भजन परिवार साथ करे तो वृद्धाश्रमों की संख्या घटे।

वक्ता बोले, समाज में संस्कार का बीज ही बचा सकता है परिवार में वृद्धों के अस्तित्व को।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। समाज में बढ़ती वृद्धाश्रमों की संख्या बताती है कि समाज से संवेदनाएं और संस्कार दूर हो रहे हैं किंतु संभावना आज भी है। यदि अच्छे उदाहरण देकर समाज को दिशा देंगे तो परिवारों में वृद्धों की दशा सुधरेगी। यदि एक समय का भाेजन और भजन परिजन मिलकर करेंगे तो वृद्धाश्रमों की संख्या में बेवजह बढ़ोत्तरी नहीं होगी। यह चिंतन और मंथन हुआ लीडर्स आगरा की विचार गोष्ठी में। 

गुरुवार को सेक्टर चार, आवास विकास कॉलोनी स्थित होटल शिवम इन में हमारी संस्कृति और वृद्धाश्रम विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संरक्षक सुरेश चंद्र गर्ग ने की।     मुख्य वक्ता आरएसएस के विभाग प्रचारक आनंद जी ने कहा कि फादर्स डे, मदर्स डे मनाने का चलन उस समाज से शुरू हुआ जहां रिश्ते होते ही नहीं हैं। उस संस्कृति को भारत में मनाने औचित्य ही नहीं है। समाज में मानव की चार श्रेणियां हैं। जो साधारणतः है वो नर, जिसका आचरण पशु समान वो नर पशु, जिसमें संवेदनाएं हैं वो नरश्रेष्ठ और जो अपने आचरण से परपीड़ा हरता है वो नरोत्तम। आज समाज में किस श्रेणी के नर की अधिकता है, ये हमें स्वयं ही तय करना है। उन्होंने कहा कि यदि हम दोनों समय में से एक समय का भाेजन, भजन पूजन एक साथ परिवार में करें और परिवार के वरिष्ठ बच्चों से स्नेह और बच्चे बड़ों का सम्मान करें तो एक बड़ी रेखा हम खींच सकते हैं। हम उस देश के वासी हैं जहां पिता की बात रखने के लिए पुत्र वनवास स्वीकार करता है।

 आरएसएस के ब्रज प्रांत प्रमुख केशव शर्मा ने कहा कि सोशल मीडिया पर गलत आचरण को तो बढ़चढ़ कर दिखाया जाता है किंतु समाज में जो अच्छा काम करते हैं, अपने बुर्जुगों का सम्मान करते हैं उनका प्रचार भी होना चाहिए। संयुक्त परिवार पर आधारित रील, वीडियो का प्रचार प्रसार अधिक होगा तो समाज के लोग स्वयं भी वो आचरण अपनाना आरंभ करेंगे। केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि सौ लीटर तेल शनि देव पर चढ़ा लीजिए किंतु यदि माता पिता के साथ दुर्व्यवहार करते हैं तो न्याय के देवता आपको क्षमा नहीं करेंगे। 

मधु बघेल ने कहा कि महिला ही महिला की दुश्मन होती है। विवाह के बाद बहू को सास ससुर से परेशानी होनी आरंभ होती है। यदि इस मनोदशा को रोकना है तो एक व्यक्ति चार को समझाए। इस तरह की मुहिम चलाकर सोच को परिवर्तित किया जा सकता है। 

भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष बबिता चौहान ने कहा कि वृद्धाश्रम का अर्थ वो स्थान होना चाहिए जहां एक जैसी सोच, उम्र के लोग अपने विचारों का आदान प्रदान, मनोरंजन, भजन पूजन, प्रकृति का आनंद लेने के लिए एकत्रित हों। किंतु आज तस्वीर इससे उलट है। वृद्धाश्रम में बढ़ती वृद्धों की संख्या बरसों पहले देखे इस सपने को तोड़ती है। उन्होंने आह्वान किया कि वृद्धों की स्थिति पर चर्चा खुले मंच पर होनी चाहिए ताकि संदेश दूर तक जाए। 

डॉ मुनीश्वर गुप्ता ने कहा कि रिश्तों में आज इतनी दूरी आ चुकी है कि सगे रिश्ते आवश्यकता पड़ने पर अपनों के लिए ही रक्त तक दान नहीं करते। समाज की संवेदन शून्यता का ये विभत्स रूप है। 

घर लाएं बुजुर्गों को और पाएं सम्मान।

गोष्ठी में संस्था के अध्यक्ष डा. पार्थ सारथी शर्मा ने घाेषणा की कि संस्था उन बहुओं का सम्मान करेगी जो अपने बुजुर्गों को वृद्धाश्रम से वापस घर लाएंगी और उनकी सेवा करेंगी। उन्होंने समाज से अपील की कि महिला, बुजुर्गों पर अत्याचार होता देख चुप न बैठें। उस घर की कुंडी खटखटाएं ताकि अत्याचार को रोक सकें। 

अकेले वृद्धों तक चिकित्सा पहुंचा रही संस्था। 

महामंत्री सुनील जैन ने कहा कि 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग जो अकेले रहते हैं और बीमार हैं, उन तक लीडर्स आगरा संस्था चिकित्सा सेवा और दवा निःशुल्क पहुंचा रही है। 

केंद्रीय मंत्री ने की अंगदान की अपील। 

केंद्रीय मंत्री प्रो.एसपी सिंह बघेल ने कार्यक्रम में अंगदान अभियान में सहयोग की अपील की। कहा कि 16 सितंबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक जीआइसी मैदान में एकत्र हो अंगदान का संकल्प पत्र भरें। ताकि जीवन के बाद भी आप समाज के काम आ सकें।  

ये रहे कार्यक्रम में उपस्थित। 

गोष्ठी के दौरान कोषाध्यक्ष राहुल जैन, श्रीकांत शर्मा, पार्षद निरंजन सिंह कैंप, सुधीर शर्मा, श्यामवीर सिंह, राहुल जैन, अंजली गुप्ता, आयुषी गुप्ता, निर्मला शर्मा, हिमांशु सक्सेना, दीपक वर्मा, राजू सविता, नवीन चंचल, मोहिनी शर्मा, संध्या माहौर आदि उपस्थित रहीं।