भूगर्भ जल विभाग से अनापत्ति लेने का समय बढ़ाया 31 दिसम्बर, 2023 तक:नेशनल चैम्बर।



औद्योगिक परिसर में बोरिंग के पानी का उपयोग यदि व्यवसायिक है तो 10 हजार लीटर से अधिक व्यावसायिक उपयोग पर लेना होगा अनापत्ति प्रमाण-पत्र।

10 हजार लीटर से कम उपयोग पर केवल पंजीकरण ।

नोटिफाइड जोन में उद्योग में अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलेगा जनपद स्तर पर। केंद्रीय भूगर्भ जल बोर्ड से प्राप्त अनापत्ति प्रमाण पत्र का नवीनीकरण होगा राज्य की रिकमंडेशन से।

भूगर्भ जल में पंजीकरण एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र के आवेदन के लिए चैम्बर में विभाग देगा डेमो ट्रेनिंग।

 ऑन लाइन आवेदन में कोई परेशानी होने पर जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र का स्टाफ करेगा सहयोग।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा:10 अक्टूबर,चैम्बर भवन में चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आगरा द्वारा भूगर्भ जल दोहन हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र 15 दिन में जमा करने हेतु भेजे गए नोटिस पर चर्चा हुई। बैठक में जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र आगरा से संयुक्त आयुक्त अनुज कुमार तथा उ0 प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आगरा कार्यालय से क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. विश्वनाथ शर्मा,भूगर्भ जल दोहन विभाग के अधिशासी अभियन्ता शिवम द्विवेदी उपस्थित थे।

डॉ. विश्वनाथ शर्मा ने उ0 प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जारी सशर्त सहमति की शर्त हेतु भूगर्भ जल दोहन अनापत्ति प्रमाण पत्र के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि जिस औद्योगिक परिसर में समर्सिबल बोरिंग है और वहां 10 हजार लीटर प्रतिदिन से अधिक जल का व्यवसायिक उपयोग है,उनको भूगर्भ जल दोहन विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र देना होगा।

भूगर्भ जल दोहन विभाग के अधिशासी अभियन्ता शिवम द्विवेदी ने बताया कि 10 हजार लीटर से कम दोहन पर उद्योगों को केवल ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। जहां बोरिंग नहीं है वे इस प्रक्रिया में नहीं है। खराब बोरिंग को डिसमेंटल करा दिया जाये। खराब पानी है किन्तु बोरिंग इंडस्ट्री के अंदर है और उसका कोई व्यावसायिक उपयोग नहीं है उन्हें भी अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है।

चैम्बर की मांग पर ऑनलाइन आवेदन करने के लिए डेमो ट्रेनिंग चैम्बर में देने के लिए विभाग ने अपनी सहमति प्रदान की। द्विवेदी ने यह भी बताया कि विभाग का उद्देश्य भविष्य के लिए जल का बचाव करना है। हर उद्यमी को भूगर्भ जल उपयोग का 2 गुना भूगर्भ जल रिचार्ज करना अनिवार्य होगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग की स्टैंडर्ड डिजाइन चैम्बर को उपलब्ध कराई जायेगी।

जिला उद्यम एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र के संयुक्त आयुक्त अनुज कुमार ने कहा कि अनापत्ति प्रमाण पत्र के ऑन लाइन आवेदनों में किसी भी प्रकार की परेशानी के लिए उनके विभाग द्वारा निस्तारण कराया जायेगा। चैम्बर में कैम्प लगाकर आवेदन की प्रक्रिया समझाई जायेगी। यदि किसी विभाग के सम्बन्ध में निवेश मित्र पोर्टल पर कोई इस प्रकार की कमी है तो उनके द्वारा यह विषय उद्योग बन्धु लखनऊ में उठाया जायेगा।

राकेश चौहान ने कहा कि भूगर्भ जल दोहन का यदि कोई व्यावसायिक उपयोग नहीं है तो उसे भूगर्भ जल दोहन की अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है।

उत्तर प्रदेश पर्यावरण समिति के प्रदेश  सदस्य उमेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि आगरा में केवल 10 प्रतिशत प्रदूषण उद्योगों से है। आगरा उद्योग पूर्व से ही विभिन्न समस्याओं से ग्रसित है।

भूगर्भ जल दोहन अनापत्ति प्रमाण पत्र की उ0 प्र0 नियंत्रण विभाग की सहमति में बढ़ाने से अतिरिक्त परेशानी बढेगी, उनके द्वारा इस विषय को प्रदेश सरकार के समक्ष उठाया जायेगा।

बैठक में अध्यक्ष राजेश गोयल, उपाध्यक्ष मनोज बंसल,कोषाध्यक्ष योगेश जिन्दल, प्रदूषण नियंत्रण प्रकोष्ठ के चेयरमैन नरेन्द्र तनेजा, राकेश चौहान, पूर्व अध्यक्ष शान्ति स्वरुप गोयल, शिव कुमार अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, नरेन्द्र सिंह, राजीव अग्रवाल,हिन्दुस्तान वार्ता से राजीव सक्सेना एवं सदस्यों में पवन अग्रवाल, संदीप, सतीश अग्रवाल,ओ.पी.अग्रवाल, गोपाल खण्डेलवाल, नीरज गुप्ता,मनोज अग्रवाल,विनोद महाजन,प्रमोद कुमार जैन,प्रदीप अग्रवाल,राजेश मिश्रा,मनोज कुमार अग्रवाल,विजय गुप्ता,गोविन्द प्रसाद सिंघल, नितेश अग्रवाल, ललित अरोड़ा, अजय गुप्ता, विकास खन्ना, संजय गोयल, नीतिंज अग्रवाल, महेश वार्ष्णेय,अमित जैन आदि मुख्य रुप से उपस्थित थे।