राम सरिस बरु दुलहिनि सीता,समधी दसरथु जनकु पुनीता…। मिथिला नगरी बना दिगनेर,निकली राम बारात।



                        

                       



- श्रीमनःकामेश्वर बाल विद्यालय, दिगनेर में चल रहे श्रीराम लीला महोत्सव में निकाली गयी भव्य राम बारात।

− पंचम दिन निकाली गई श्रीराम बारात में उमड़ा जनसैलाब, गांव की हर गली में गूंजे जय श्रीराम के जयघोष।

− राम बारात शाेभायात्रा में स्थानीय बालिकाओं ने निकाली नौ देवियों की झांकी, बलइयां लेने को महिलाएं में दिखा उत्साह।

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा। जब बारात निकली तो सारे मंगल शगुन होने लगे। मंगलमय, कल्याणमय और मनोवांछित फल देने वाले शगुन मानो सच्चे होने के लिए एक ही साथ हो गए। जहां श्री रामचंद्र दूल्हा और सीता जी दुल्हन बनी हैं। राजा दशरथ और राजा जनक जैसे पवित्र समधी हैं, ये दिव्य ब्याह सुनकर मानो सभी शगुन नाच उठे।

इसी तरह के शुभ शगुनों के साथ गुरुवार को माता सीता को ब्याहने जब प्रभु राम अपने भाइयों के साथ चले तो मानो पूरा दिगनेर गांव से लेकर आगरा शहर तक साथ हो लिया। गढ़ी ईश्वरा, ग्राम दिगनेर, शमशाबाद रोड स्थित श्रीमनः कामेश्वर बाल विद्यालय में चल रहे बाबा मनःकामेश्वरनाथ रामलीला महोत्सव के पंचम दिन राम बारात निकाली गई। 

श्रीमनः कामेश्वर मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने बताया कि राम बारात शोभायात्रा प्रारंभ से पहले श्री हनुमान चालीसा का पाठ मंचन स्थल पर किया गया। प्रभु श्रीराम अपने भाइयों के साथ गुरू समाधि स्थान पर गिरिराज महाराज के दर्शन किए। तत्पश्चात् गोधूली बेला में श्री महंत योगेश पुरी जी ने चारों भाइयों की आरता कर श्वेत अश्वों पर विराजमान कराया।

वरयात्रा में सबसे आगे ऊंटों पर ध्वजा धारण करें सवार थे और उनके पीछे ढोल ताशों की गूंज के साथ गणेश जी की झांकी थी।

दूसरी झांकी में मां भगवती का दर्शन व गांव की नौ कन्याएं देवी स्वरूप में रथ पर थीं। आगे−आगे दिगनेर गांव के युवा गाड़ी सजाकर भजन गाते हुए चल रहे थे।

सबसे आख़िर में बैन्ड की मधुर धुन में घोड़ों पर सवार गुरू वशिष्ठ स्वरूप में श्री महंत योगेश पुरी जी घोड़े पर सवार चारों भाइयों को लेकर बाबा मनःकामेश्वरनाथ जी की झांकी के साथ चल रहे थे।

श्रीराम की जय के उद्घोष से गूंज उठा दिगनेर।

ग्रामीण क्षेत्र दिगनेर में पहली राम बारात निकाली जा रही थी। स्थानीय युवाओं का उत्साह अपने चरम पर था। युवाओं की टोली आगे बढ़कर वरयात्रा की व्यवस्थाएं संभाल रही थी। हर ओर से बस जय श्रीराम के जय घाेष लग रहे थे। वहीं महिलाएं वरयात्रा में शामिल होने केलिए विशेष रूप से श्रंगारित होकर पहुंची। बारात के साथ चलते हुए शगुन के गीत गाती महिलाएं यूं लग रही थीं मानों अपने पुत्र के विवाह की उमंग से उमंगित हैं। 

द्वार− द्वार हुआ वरयात्रा का स्वागत।

दिगनेर क्षेत्र में राम बारात की अगवानी करने के लिए मानो होड़ सी लग गयी थी। पुष्पों की वर्षा से पूरा मार्ग पट गया था तो द्वार− द्वार वरयात्रा की आरती उतारी जा रही थी। 

गूंजे ये भक्तिमय गीत।

वरयात्रा के साथ चल रहे बैंड बाजों पर राम जी की निकली सवारी…, चली राम जी की बारात जनकपुरी मे…जैसे गीत बैंड बाजों पर बज रहे थे। जो जहां था वो वहीं झूम रहा था।