अनुशासित रहने पर मिलती है स्वतंत्रता: स्मृति श्रीवास्तव।



लाइफ लीडर्स क्लब द्वारा एयर फोर्स स्कूल में आयोजित की गई कल्टीवेट द पॉवरफुल ग्रोथ माइंडसेट फॉर सक्सेस विषय पर कार्यशाला।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। अनुशासित रहने पर ही व्यक्ति स्वतंत्र रह सकता है। ठीक वैसे ही जैसे सीमा पर हमारी सुरक्षा कर रहे नौजवान जब अनुशासित रहकर देश की सुरक्षा करते हैं, तभी हम देशवासी देश के अन्दर स्वतंत्र रह पाते हैं। इसलिए अपने जीवन और दिनचर्या को अनुशासित रखेंगे तो कोई काम पेंडिंग नहीं रहेगा। न ही किसी काम के लिए समय का अभाव रहेगा। एयर फोर्स स्कूल में आज लाइफ लीडर्स क्लब द्वारा कल्टीवेट द पॉवरफुल ग्रोथ माइंडसेट फॉर सक्सेस विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जयपुर से आई लाइफ लीडर्स क्लब की संस्थापिक स्मृति श्रीवास्तव ने अपने व्याख्यान में कक्षा 9 व 11 के विद्यार्थियों को जीवन में सफलता के लिए सरल व महत्वपूर्ण सूत्र दिए। 

ग्रोथ माइंडसेट कोच स्मृति श्रीवास्तव ने बताया कि फेल होने जैसा कुछ नहीं होता। आपने एक लक्ष्य निर्धारित किया। या तो आप वहां पहुंच पाए या फिर आपने वहां तक पहुंचने के मार्ग में बहुत कुछ सीखा। अपने विचारों में फेल जैसे नकारात्मक जैसे शब्द को शामिल न करें। नकारात्मक चीजों पर ध्यान देने से उसके पराधीन नहीं बनना है आपको। किसी और को नहीं बल्कि खुद को साबित करें। खुद से प्रतिस्पर्धा करें। सोचें कल आप क्या थे और आज यदि उससे बेहतर हैं तो आप सफल हैं। अपनी भावनाओं में सकारात्मकता को बढ़ाएंगे तभी सफलता का प्रतिशत बढ़ेगा। जो नहीं आते उसे स्वीकारना सीखें। पूछने या कुछ नया सीखने में झिझके नहीं। हाथ न होने पर भी शूटिंग में एशियन पेरा में दो गोल्ड मेडल जीतने वाली शीतल देवी और पैर न होने पर भी एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने वाले हरी बुद्धा का उदाहरण देते हुए कहा कि जीवन की दुर्घटनाओं को लेकर न बैठें। आगे बढ़े। आपकी सफलता किसी और के पास नहीं बल्कि खुद आपकी सोच में हैं। इस अवसर पर शिक्षिकाओं में मुख्य रूप से विभा अरोरा, विनोद दुबे आदि उपस्थित थे।