नेशनल चैम्बर:अप्रासंगिक बिल जारी करने वाले अधिकारी के विरुद्ध हो कार्यवाही।



 टिन शेड का निर्माण हुआ 2021 में,सम्पत्तिकर 2014 से और उसके ऊपर भी ब्याज।

 सीवर लाइन डाली गई 2014 में,चालू नहीं हुई 2023 तक।

 नगर निगम से सम्पत्तिकर एवं जलकल के अप्रासंगिक बिलों की है एक सामूहिक समस्या।

 चैम्बर का प्रतिनिधि मंडल शीघ्र मिलेगा मुख्यमंत्री से।

 निगम द्वारा भेजे गये बिलों में तकनीकी कमियों का अध्ययन करते हुए चैम्बर बनायेगा एक विस्तृत प्रतिवेदन।

 सिकन्दरा इंडस्ट्रियल एरिया में समूह 3 के उद्योगों में कर का निर्धारण समूह 2 का किया गया है।

 प्रशासन स्तर पर बिल में सुधार न होने पर कानून की लेंगे शरण।

 कितनी ही कालोनियों में वर्षों पूर्व डाली गई सीवर लाइन का आज तक नहीं किया गया है कनेक्शन ।

 एक मंजिल भवन के लिए भेजे गया दो मंजिल का बिल।

 चैम्बर सूचना के अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत मांगेगा विभिन्न जानकारियां।

 2023-24 के बिल में 2021 से निगम कर रहा है मांग  अन्तर की। 

 छत्ता वार्ड के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्रों में 29 को कैम्प लगाकर बिल किये जायेंगे सही।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

 आगरा: 27 नवम्बर,चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल एवं नगर निगम प्रकोष्ठ, डीआईसी,फायर विभाग समन्वय प्रकोष्ठ चेयरमैन डॉ.एस.के.साहनी की संयुक्त अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें नगर निगम द्वारा भेजे गये भारी भरकम राशि के जल मूल्य, जलकर,सीवर मूल्य,सीवर कर तथा सम्पत्ति कर के अप्रासंगिक बिलों पर चर्चा की गयी। 

चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि पूर्व में किसी प्राइवेट कम्पनी द्वारा गुगल से सर्वे कर अनाप शनाप राशि के  अप्रासंगिक बिल भेजे गये थे। जिसका विरोध उद्यमियों व्यापारियों एवं अन्य कर दाताओं ने किया था। अब पुनः उन्हीं के आधार पर 2023-24 के भारी भरकम बिल जा रहे हैं। जिनमें 2021 से  कर निर्धारण की राशि के साथ अन्तर एवं उसके ऊपर ब्याज की मांग की जा रही है।

आज बैठक में उद्यमियों एवं व्यापारियों द्वारा नगर निगम द्वारा अनाप शनाप बिलों को भेजने की पीड़ा को व्यक्त करते हुए बताया कि यह एक सामूहिक समस्या है। फेक बिल के ऐसे भी उदाहरण दिये गये कि एक मंजिल इमारत के लिए दो मंजिल का सम्पत्तिकर का बिल भेजा गया है।सीवर लाइन 2014 में बनी थी किन्तु 2023 तक चालू नहीं हुई है। किसी परिसर में कोई निर्माण 2021 में किया गया है उसका असिस्मेंट 2014 में करते हुए उस पर ब्याज लगाई गई है। सिकंदरा इंडस्ट्री एरिया में जो समूह 3 के अन्तर्गत  उद्योगों पर सम्पत्तिकर का निर्धारण समूह 2 के उद्योगों कर की दर से किया गया है।

नगर निगम प्रकोष्ठ के चेयरमैन डॉ. एस. के. साहनी द्वारा इन अनियमितताओं के सम्बन्ध में नगर निगम के अधिकारियों से फोन से बात की गई जिसमें छत्ता वार्ड के जोनल अधिकारी विजय कुमार जी ने कहा कि जिन बिलों में कमी है उन्हें वे संशोधित कराएंगे। तय किया गया कि 29 नवम्बर को बिल संशोधन हेतु एक कैंप लगाया जायेगा।

चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि छत्ता वार्ड में बेलागंज, हींग की मंडी, मंटोला, फाउंड्री नगर एवं शाहदरा क्षेत्र के करदाता अपने बिलों में कमी का अध्ययन कर कैम्प में उसे ठीक करा सकते हैं।

पूर्व अध्यक्ष मुकेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि मंडलीय उद्योग बन्धु में यह निर्णय हो चुका है कि जहां नल या सीवर लाइन नहीं है वहां जलकर एवं सीवर कर नहीं लगना चाहिए। फाउण्ड्री नगर औद्योगिक क्षेत्र अभी तक नगर निगम को हैंड ओवर ही नहीं हुआ है तो वहां बिल भेजने का औचित्य ही नहीं है।

पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा ने कहा कि गलत बिल जारी करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिए क्योंकि उसके द्वारा अपने उत्तरदायित्व का सही निर्वहन नहीं किया गया है। इससे करदाताओं का उत्पीड़न होता है।

बैठक में तय किया गया कि चैम्बर का एक प्रतिलिधि मंडल शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिलेगा और इस मामले को औद्योगिक विकास मंत्री के साथ भी उठायेगा। चैम्बर से एक बड़ी संख्या में उद्यमी नगर आयुक्त से मिलकर इन अनियमितताओं के सम्बन्ध में बात करेंगे।

पूर्व अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता ने कहा कि सूचना के अधिकार के अधिनियम के  तहत चैम्बर द्वारा सीवर लाइन और जल लाइन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारी मांगी जायेंगी।

बैठक में अध्यक्ष राजेश गोयल, उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, उपाध्यक्ष मनोज बंसल,कोषाध्यक्ष योगेश जिन्दल, पूर्व अध्यक्ष अमर मित्तल, अनिल वर्मा, मुकेश कुमार अग्रवाल, अतुल कुमार गुप्ता, राजीव अग्रवाल, अधिवक्ता के. सी. जैन, एस. के. तिहेरिया, अतुल राना, विभव मित्तल, सुरेश चन्द्र बंसल, गोपाल खंडेलवाल, सुशील बंसल, अशोक गोयल, नीरज अग्रवाल,राजकुमार भवानी, सुनील गर्ग, अनिल बोरा, एम बिलाल, एम दानिश, सुशील बंसल, शिशिर गुप्ता आदि मुख्य रुप से उपस्थित थे