श्रीकृष्ण की भक्ति में रंगे कजाकिस्तानी, दीपदान कर जला रहे'सत्य और प्रेम'की ज्योति।



श्रीजगन्नाथ मंदिर में कार्तिक मास में 28 अक्टूबर से 28 नवम्बर तक हर रोज आयोजित किया जा रहा दीपदान,इस वर्ष कजाकिस्तान के भक्त जला रहे भक्ति की ज्योति।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। श्रीजगन्नाथ मंदिर में इस वर्ष का कार्तिक उत्सव कुछ अलग और विशेष है। हर वर्ष यहां कार्तिक माह में दीपदान का आयोजन किया जाता है। लेकिन इस बार सैकड़ों स्थानीय भक्तों के साथ कजाकिस्तान के भक्त भी शामिल होने पहुंचे हैं। जिनकी सुबह प्रातः 4 बजे से मंदिर पहुंचकर कार्तिक स्नान, मंगला आरती और नगर कीर्तन के साथ शुरु हो जाती है। सत्य और प्रेम की खोज में भटक रहे कजाकिस्तान के लगभग 25 श्रीकृष्ण के अनुयायी भारत पहुंचे हैं। आगरा के बाद वृन्दावन और जयपुर जाकर भी श्रीकृष्ण के मंदिरों में भक्ति के कुछ रंग समेटेंगे तो कुछ बिखेरेंगे। 

श्रीजगन्नाथ मंदिर (इस्कॉन) के अध्यक्ष अरविन्द प्रभु ने बताया कि लगभग 25 लोग कजाकिस्तान से आए हैं। जो प्रातः शहर व संध्या काल में ग्रामीण क्षेत्र में नगर कीर्तन कर श्रीकृष्ण की भक्ति के रंग बिखेर रहे हैं। आज बाह क्षेत्र में नगर कीर्तन किया गया। प्रातः व संध्या में तुलसी माता का पूजन व परिक्रमा की जाती है। कुछ कजाकिस्तानी कार्तिक माह में कार्तिक स्नान भी कर रहे हैं, जो प्रातः 4 बजे मंदिर पहुंच जाते हैं। उद्देश्य विश्व में प्रेम, सत्य और आपसी सद्भाव को बिखरना है। संध्या काल में आरती के उपरान्त मंदिर परिसर में प्रतिदिन 28 अक्टूबर से 28 नवम्बर तक दीपदान का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 501 दीपक प्रज्ज्वलित किए जाते हैं। कजाकिस्तानी अनुयायी भी इसमें भक्ति भाव से हिस्सा लेते हैं और संकीर्तन करते हैं।    

हाथों श्रीकृष्ण की भक्ति और प्रेम का दीपक। मन में श्रीकृष्ण के प्रति समर्पण। धोती कुर्ता और गोपी ड्रेस के साथ हरे रामा..., हरे कृष्णा... कीर्तन पर भक्ति में श्रद्धालू झूम रहे थे।

इस अवसर पर इस्कॉन के जनसम्पर्क प्रभारी एके योगी, राहुल बंसल, ओमप्रकाश अग्रवाल, राजीव मल्होत्रा, ललित माधव प्रभु, शशांक आदि उपस्थित थे।