16 दिसंबर से लगा है खरमास,अब नहीं होगा,कोई भी मांगलिक कार्य: आचार्य राजीव शुक्ला



हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

लखनऊ: आइए आचार्य राजीव शुक्ला से जानते है खरमास को लेकर बेहद खास जानकारी। प्रत्येक वर्ष सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही सभी मांगलिक कार्य रोक दिए जाते हैं। इस बार 16 दिसंबर यानी सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही सारे मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा।

हिंदू धर्म में प्रत्येक रीति-रीवाजों पर संपूर्ण ध्यान दिया जाता है। हर पूजा पद्धति को पूरे विधि-विधान से निभाया जाता है। अब 16 दिसंबर 2023 दिन शनिवार ,सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास लगा है और इस दिन से सारे मांगलिक कार्य रोक दिए जाएंगे। सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने को धनु संक्रांति भी कहा जाता है। ऐसे में कोई भी शुभ कार्य करना हिंदू धर्म के अनुसार शुभ फलदायक नहीं माना जाता है। खासकर विवाह जैसे शुभ कार्यक्रमों पर तो पूर्ण रूप से विराम लगता ही है इसी के साथ अन्य शुभ कार्यों पर भी रोक लग जाती है। 

"कब से कब तक रहेगा खरमास"

खरमास 16 दिसंबर 2023 दिन शनिवार को शाम 3 बजकर 59 मिनट पर सूर्य के धनु राशि में आते ही लग गया और 15 जनवरी 2024 में जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे तब खरमास का समापन हो जाएगा। खरमास की इस लिहाज से कुल अवधि 1 महीने की रहेगी। इस दौरान सारे मांगलिक कार्य हिंदू रीति-रीवाज के अनुसार नहीं किए जाते हैं।

खरमास में क्या करें?

मान्यता है कि खरमास के दिन रोज प्रातः स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए। अर्घ्य देने से पहले तांबे के पात्र में कुमकुम, लाल गुलहड़ का फूल, अक्षत डाल कर तभी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करें।

सूर्य अर्घ्य देने के बाद सूर्य भगवान के मंत्रों का जाप करें। मंत्र इस प्रकार से ऊं घृणिः सूर्याय नमः।

खरमास में रविवार के दिन सूर्य भगवान के निमित्त व्रत करने और सूर्य चालीसा का पाठ करने से उनकी असीम कृपा प्राप्त होती है।

खरमास के दौरान सात्विक आहार ग्रहण करना चाहिए। इस दौरान आप गुरु बृहस्पति की पूजा भी कर सकते हैं क्योंकि धनु राशि के स्वामी देव गुरु बृहस्पति ही हैं। इसी के साथ आप भगवान नारायण की उपासना नित्य कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके जीवन में चल रहे समस्त कष्ट मिट जाएंगे।

गुरु बृहस्पति के मंत्र का जाप करना खरमास के दौरान आपके लिए लाभदायक होगा। मंत्र इस प्रकार से ऊँ ब्रं बृहस्पति नमः 

खरमास के दौरान जितना हो सके भगवान सत्यनारायण का भजन और उनकी कथा का श्रवण करें। मंदिरों में दान-पुण्य करें और शाम को सूर्यास्त के बाद दीपदान करें ऐसा करने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि आएगी।

खरमास के दौरान सारे मांगलिक कार्य करने की मनाही है तो ऐसे में आप कोई भी शुभ कार्य न करें।

@आचार्य राजीव शुक्ला

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