51 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ 6 से 10 दिसंबर तक कुंडोल में



विश्व शांति के साथ वैदिक धर्म से युवाओं को जोड़ने के लिए गायत्री परिवार का आयोजन।

51 गांवों के हजारों सनातनी यज्ञ में देंगे आहुति।

राष्ट्रीय जागरण अभियान के अंतर्गत गायत्री परिवार का आगरा में अनूठा कार्यक्रम।

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा। राष्ट्र जागरण अभियान के अंतर्गत 51 कुंडीय गायत्री महायज्ञ 6 दिसंबर से 10 दिसंबर तक दयानन्द आर्य वैदिक महाविद्यालय (डी ए वी डिग्री कॉलेज) कुंडौल में आयोजित किया जाएगा। अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में "राष्ट्र जागरण अभियान के अंतर्गत होने वाले 51 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ कार्यक्रम में वैदिक रीति रिवाज के अनुसार यज्ञ आहुति के साथ विश्व कल्याण की कामना की जाएगी। विशाल यज्ञ को सफल बनाने के लिए आयोजन स्थल के आस-पास 51 गाँवों में आमन्त्रण करने हेतु द्वार-द्वार पहुँचकर जनसम्पर्क किया जा रहा है।

 देवपरिवार पंजीकरण सूची के लिए पुराने साधक परिवारों के साथ-साथ नये घरों में देवस्थापना,अन्नघट-धर्मघट स्थापना, साहित्य-ज्ञानमन्दिर स्थापना एवं विभिन्न संस्कारों के भी पंजीयन किये जा रहे हैं।

 विशाल यज्ञ के लिए भावनाशील, जिम्मेदार गायत्री परिवार के परिजनों की एक  स्थानीय समिति का भी गठन किया गया है।आयोजन एवं स्वागत समिति में श्रीकृष्ण शर्मा,ठा०नाहर सिंह, डॉ० अतुल कुलश्रेष्ठ,हरीशंकर फौजदार, माँगे लाल कुशवाहा,ओमप्रकाश लवानियां को जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंच संचालन समिति में प्रमोद कुमार धाकरे उर्फ नीरू,प्रेमवीर सिंह।

लेखा समिति बालकृष्ण शर्मा,अनिल तिवारी,भोजन एवं क्रय समिति कृपाल सिंह बघेल, मुकुल शर्मा,प्रकाश एवं व्यवस्था का कार्य अनन्त शर्मा (कान्हा), दिनेश सिंह बघेल यज्ञशाला समिति, बैजनाथ ,

 सुमन शर्मा, सुमन सिसौदिया, अनुराधा तिवारी, अनीता चौहान, गायत्री वर्मा, विमलेश शर्मा, सरिता कुशवाहा, अनीता सिकरवार, पूजन सामिग्री का दायित्व  विमलेश शर्मा, निखिल लवानियां,   आवास, सुरक्षा एवं विद्यालय परिसर व्यवस्था प्रमुख हरीशंकर फौजदार, विनोद कुमार, महेश "आर्य", अनन्त शर्मा (कान्हा),साहित्य स्टॉल महेश राजपूत,जयप्रकाश शर्मा पत्रिका सदस्यता एवं संस्कार पंजीयन चन्द्रेश त्रिपाठी,डॉ०अतुल कुलश्रेष्ठ, गिरधर गोपाल वाहन व्यवस्था की जिम्मेदारी श्रीभगवान को दी गई है। समिति के जिला सामान्य सुरेश चंद्र सक्सेना ने बताया कि युवा पीढ़ी को वैदिक धर्म से जोड़ने के साथ संस्कारवान बनाने के लिए गायत्री परिवार द्वारा यह आयोजन किया जा रहा है।