मैंने कभी इतना सामाजिक संस्थाओं की ट्रैफिक संचालन और सुधार के प्रति निष्ठा और समर्पण नहीं देखा : आलोक कु. सिंह - एसएचओ थाना हरीपर्वत,आगरा।



हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा : आगरा संकरी गलियों और फुटपाथ रहित डबल लैनों की सड़कों की भरमार वाला आगरा, पुराना महानगर है,महानगर के आंतरिक चौराहों पर सड़क यातायात प्रबंधन किसी एक प्लान या सिस्टम से नहीं किया जा सकता।कम से कम सौ वाटल नैक और चौराहे ऐसे होंगे जिनसे होकर गुजरने वाले यातायात की सुचारूता के लिये क्षेत्रीय जरूरत के अनुसार ही यातायात कार्य योजना बनाया जाना व्यावहारिक है।

2019 में ट्रैफिक व्यवस्थित करने को  जैसे ही क्षेत्रवासियों और मार्किट एसोसिएशन ने प्रयास शुरू किये सी सी टी वी कैमरे और लाइट सिग्नलों की जरूरत महसूस की गयी। साथ ही,ट्रैफिक रेग्युलेट करने के लिये मूवेबल ट्रैफिक बैरियरों की जरूरत हुई। ट्रैफिक सिग्नल और सीसीटीवी लगाये जाने की दो जरूरतें पूरी हो चुकी हैं अब मोबाइल  ट्रैफिक बैरियर की कमी भी दूर होने जा रही है। घटिया वासियों की ओर से, इसके लिए हम आभारी हैं वैकमेट इंडस्ट्रीज (Vacmet Industries ) और स्वैच्छिक संगठन "सत्यमेव जयते"(Satyamev Jayte) के जिन्हों ने मूवेबल ट्रैफिक बैरियरों को उपलब्ध करा, इस कमी को भी पूरा कर दिया है ।

स्थानीय नागरिक और क्षेत्रीय पुलिस को ट्रैफिक सुचारुता के साथ संचालित करने के लिये जिन जटिल स्थितियों का सामना करना पडता रहा है,निश्चित रूप से इन बैरियरों के उपयोग से वे कम होंगी। घटिया आजम खां क्षेत्र और यहां से जुड़ी मुख्य सड़क वजीरपुरा रोड ,मोतीलाल नेहरू रोड पर एक दर्जन से ज्यादा स्कूल हैं फलस्वरूप स्कूलों आने जाने वाले घंटो के दौरान हजारो वाहन घटिया चौराहा होकर गुजरते हैं।जिन्हें केवल रोड सिग्नलों के आधार पर ही नियंत्रित रखना मुश्किल भरा होता है।

 पुलिस अगर सख्ती करती है तो अप्रिय स्थितियां बनना शुरू हो जाती है।रामबारात,नगर कीर्तन,डा.भीम राव अम्बेडकर जयंती पर निकलने वाली शोभा यात्रा,जैन समाज के जुलूस वे विशेष आयोजन होते हैं, जबकि उपलब्ध करवाये गये ये बैरियर काफी हद तक ट्रैफिक नियंत्रण उपयोगी साबित होंगे।

घटिया एके चौराहा ट्रैफिक मैनेजमेंट कमेटी के सचिव अनिल शर्मा ने कहा कि घटिया क्षेत्र महानगर के उन चन्द क्षेत्रों में है,जहां पुलिस-नागरिक सहभागिता का प्रयोग शुरू ही नहीं हुआ,अपितु अनवरत चला और सुचारू है। उन्होंने कहा कि न तो यहां होकर स्कूल में पढने वाले बच्चों के पेरेंट्स का गुजरना ही रोका जा सकता है और नहीं ग्राहकों और दुकानदारों के उस रिश्तों को अनदेखा किया जा सकता है, जिनमें वाहन खडा कर ‘मोल भाव’ करना एक ऐसी परंपरा है जिसे न तो एक दम खत्म किया जा सकता है और नहीं अनदेखा ही।अब इन मूवेबल  बैरियरों के कारण वाहिकुलर ट्रैफिक का  डायवर्जन और रेग्युलेशन आसान हो जायेगा।ई-रिक्शा जिसका प्रचलन अब काफी बढ़ गया है, उसका संचालन भी अब सामान्य हो जायेगा।

वक्ताओं ने कहा कि दान दाता के के द्वारा जो बैरियर (12 )  उपलब्ध करवाये गये हैं अब उनको ट्रैफिक/ थाना  पुलिस को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया पूरी हो गयी ,यह उन सभी के लिये हर्ष का अवसर है,जो इसके  लिये प्रयास रत रहे हैं। जो कि अब जाकर पूरी हो सकी। 

 मैंने अपने अब तक की सर्विस में नागरिक और सामाजिक संस्थाओं को  ट्रैफिक संचालन और सुधार के प्रति निष्ठा और समर्पण  से कार्य करते हुए नहीं देखा, मेरे लिए  यह पहला अवसर है । आगरा पुलिस की तरफ से हम सहर्ष यह 12 बैरियर स्वीकार करते हैं।जनता के सहयोग से  ट्रैफिक समस्या का समाधान महत्वपूर्ण है। आलोक कुमार सिंह - एसएचओ थाना हरीपर्वत,आगरा।

रविवार 25 फरवरी, 2024 को घटिया आजम खां चौराहा स्थित चौकी पर आयोजित इस कार्यक्रम में एसएचओ हरीपर्वत आलोक कुमार,घटिया आज़म खान चौकी इंचार्ज -सोहन पाल सिंह  आदि अधिकारियों के अलावा दान दाताओं के प्रतिनिधि के रूप में सर्वश्री श्री अंबरीश द्विवेदी, समीर शुक्ला, श्री एस पी पांडे, सत्यमेव जयते से गौतम सेठ,घटिया एके ट्रेफिक मैनेजमेंट कमेटी से उप अध्यक्ष टोनी, मोहम्मद अशरफ, रोहित गुप्ता, मोहम्मद रियाज, राजकुमार, आसिफ खान, सलमान खान, अंकित टंडन, युसूफ खान,नागरिकों से असलम सलीमी,अनिल जैन, ओम प्रकाश रौतेला आदि उपस्थित थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व पार्षद डा. शिरोमणि सिंह के द्वारा की गयी,संचालन सचिव अनिल शर्मा के द्वारा किया गया था। 

वैकमेट फाउंडेशन :

ट्रैफिक सुधार को सहयोग करने वाला वैकमेट फाउंडेशन,वैकमेट इंडिया लिमिटेड के द्वारा संचालित ट्रस्ट है, जिसकी स्थापना सामाजिक कल्याण की दिशा में कार्य करने के उद्देश्य से की गयी थी। वैकमेट फाउंडेशन,वैकमेट इंडिया लिमिटेड की ओर से सी. एस. आर. गतिविधियों को कार्यान्वित करती है।फाउंडेशन अब तक शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कौशल विकास एवं अन्य सामाजिक और परोपकारी गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी का निर्वाहन करती रही हैं। संस्था ने पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से ज़िले में जगह जगह वृक्षारोपण किया,जिसमे 5000 से अधिक पौधे रोपित किए गए। जो एक सराहनीय कार्य है।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।