नाट्य पितामह राजेंद्र रघुवंशी जी की 105वीं जयंती पर,उन्हें शहर वासियों,साहित्य-संस्कृत कर्मियों ने किया याद



बाधक हों तूफान बवंडर नाटक नहीं रुकेगा :राजेंद्र रघुवंशी जी
हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा। 20 अप्रैल,नाट्य पितामह राजेंद्र रघुवंशी की 105वीं जयंती पर शहर वासियों ने उन्हें याद किया। ‌यूथ हॉस्टल में आयोजित समारोह में सांस्कृतिक, साहित्यिक व नाट्य विधा से जुड़े लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 
केंद्रीय हिंदी संस्थान के पूर्व निदेशक प्रोफेसर रामवीर सिंह ने राजेंद्र रघुवंशी से जुड़े अपने संस्मरण साझा किए। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर बचन सिंह सिकरवार ने कहा कि रघुवंशी जी उन रंग कर्मियों-साहित्यकारों में से थे,जिनकी कथनी-करनी में कोई भेद नहीं था। उनका लेखन जनपक्षीय यथार्थवादी है,वे लेखन और रंगमंच के माध्यम से जीवनपर्यन्त जनजागरण करने में जुटे रहे।
प्रोफेसर ज्योत्सना रघुवंशी ने पिता राजेंद्र रघुवंशी एवं मां अरुणा रघुवंशी की स्मृतियों को नमन किया। ईएसआई अस्पताल की सीएमएस/सीएमओ डॉक्टर मीना यादव ने कहा कि राजेंद्र रघुवंशी हम सभी के दिलों में बसे हुए हैं। 
भारतीय जननाट्य संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय संयुक्त सचिव दिलीप रघुवंशी ने राजेंद्र रघुवंशी जी के जीवन परिचय पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि स्वर्गीय रघुवंशी जी की एक पंक्ति 'बाधक हों तूफान बवंडर नाटक नहीं रुकेगा' आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है। 
इप्टा आगरा ने दिलीप रघुवंशी के निर्देशन में नाटक - मैं भी कैसा पत्रकार हूँ... तथा रघुवंशी जी की रचनाओं की संगीतमय प्रस्तुति की गई। अंत में डॉक्यूमेंट्री, नाटक नहीं रुकेगा ..की प्रस्तुति की गई। आगरा इप्टा के अध्यक्ष सुबोध गोयल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संगीत निर्देशक परमानंद शर्मा,असलम खान,मुक्ति किंकर,जय कुमार ,सूर्य देव, आनंद बंसल,अनुज गोस्वामी, सूरज सिंह की प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया। पूरे कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया गया,तकनीकी पक्ष संभाला सिद्धार्थ रघुवंशी ने। कुमकुम रघुवंशी,नीरज मिश्रा,वर्तिका सिंह, प्रियंका मिश्रा ने व्यवस्थाएं संभालीं।
आयोजन में राजीव सिंघल,अरुण सोलंकी,डॉक्टर अरुण राघव,रमेश पंडित,डॉक्टर प्रियम अंकित,रामनाथ शर्मा,सीमांत साहू,महेश धाकड़,डॉ.अनुज कु.सिंह सिकरवार,डॉक्टर नवीन शर्मा,डॉक्टर अमित नेल्सन सिंह आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
रिपोर्ट-असलम सलीमी।